रिपोर्ट- जावेद हुसैन
एंकर- उत्तराखंड वन विकास निगम रानीपोखरी व भोगपुर स्थित जाखन नदी में खनन चुगान का कार्य एक अक्टूबर से शुरू हो चुका है। जिसमें कई सौ मजदूर खनन चुगान मजदूरी में जुटे हैं। लेकिन इन मजदूरों का वन विकास निगम द्वारा किस तरह शोषण किया जा रहा है, इसका अंदाजा खनन गेटों पर जाकर लगाया जा सकता है।
बता दें कि खनन चुगान के लिए आये सैकड़ों मजदूरों में पुरुषों के साथ महिलाएं भी शामिल है, लेकिन यह महिलाएं खुले में सोच जाने को मजबूर है। जबकि इन मजदूरों के लिए सौचालय व पानी की व्यवस्था करना निगम की जिम्मेदारी है। लेकिन जब सामाजिक कार्यकर्ता सुधीर जोशी ने निगम के घाट पर पहुंच शौचालय व पानी की व्यवस्था देखी तो वहां हैरान करने वाली बातें सामने आयी।
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दिन भर मेहनत करने वाले मजदूरों के लिए शौचालय तो बनाया गया, पर उसमें दरवाजा तक नही, पानी के लिए टैंकर तो खड़ा किया गया, लेकिन उसमें पानी की बूंद तक नही, जबकि स्टाफ शौचालय चाक चौबंद तरीके से बना है। ऐसे में विभाग की बड़ी लापरवाही इन मजदूरों पर भारी पड़ रही है, ओर यह महिला मजदूर खुले में शौच जाने को मजबूर है। साथ ही इन मजदूरों के बच्चों के लिए न तो स्कूल की व्यवस्था की गयी है, ओर न ही इन मजदूरों के हितों को ध्यान में रखा गया है। आखिर इन मजदूरों के पानी व अन्य चीजों में लगने वाले बजट को कौन डकार रहा है, यह एक बड़ा सवाल वन विकास निगम पर खड़ा हो रहा है।