केंद्र की ओर से जया वर्मा सिन्हा को रेलवे बोर्ड का सीईओ और अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। रेलवे के 166 साल के इतिहास में जया वर्मा सिन्हा इस पद को संभालने वाली पहली महिला है। उन्होंने 1 सितंबर को अपना पदभार ग्रहण किया है।
रेलवे के 166 साल के इतिहास में पहली महिला सीईओ
यह नियुक्ति भारतीय रेलवे के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ का प्रतीक है, क्योंकि जया वर्मा सिन्हा सीईओ का पद संभाल रही हैं। इस प्रतिष्ठित पद को संभालने वाली पहली महिला बन गई हैं। बता दें कि रेलवे बोर्ड की पहली महिला सदस्य विजयलक्ष्मी विश्वनाथन थीं, लेकिन जया वर्मा पहली बोर्ड महिला अध्यक्ष और सीईओ बनाई गई हैं।
जया वर्मा के पास है इतना अनुभव
जया वर्मा सिन्हा 1988 बैच की भारतीय रेलवे यातायात सेवा की अधिकारी हैं। अगर इनके कार्यकाल की बात करें तो उनके पास रेलवे में काम करने का 35 साल का अनुभव है। जया इस पद पर 31 दिसंबर 2024 तक नियुक्त रहेंगी।
कौन हैं जया वर्मा सिन्हा
जन्मी जया वर्मा की स्कूली शिक्षा से लेकर ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई प्रयागराज से हुई है। जया वर्मा ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से बीएससी (पीसीएम) की है, इसके बाद उन्होंने मनोविज्ञान से पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की।
करियर की शुरुआत
भारतीय रेलवे में अपने 35 साल से अधिक के करियर में, जया वर्मा ने सदस्य (संचालन और व्यवसाय विकास) रेलवे बोर्ड, अतिरिक्त सदस्य, यातायात परिवहन, रेलवे बोर्ड जैसे विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर काम किया है। उन्होंने परिचालन, वाणिज्यिक, आईटी और सतर्कता सहित विभिन्न क्षेत्रों में काम किया है। वह दक्षिण पूर्व रेलवे की प्रधान मुख्य परिचालन प्रबंधक के रूप में नियुक्त होने वाली पहली महिला भी थीं। कहा जाता है कि इनके कार्यकाल के दौरान कोई कर्मचारी आंदोलन नहीं हुए, क्योंकि ये सभी की समस्या सुनती थीं और समाधान करती थीं।
रेलवे सलाहकार के रुप में भी किया है काम
वहीं जया वर्मा ने चार साल तक बांग्लादेश के ढाका में रेलवे सलाहकार के तौर पर काम किया और इन्ही के कार्यकाल के दौरान कोलकाता से ढाका के बीच मैत्री एक्सप्रेस का संचालन किया गया था।
बेहद सादा जीवन जीती हैं जया वर्मा
जया वर्मा सिन्हा काफी सादा जीवन जीती हैं। जया वर्मा की शादी जमशेदपुर के सोनारी के साकेत विहार निवासी नीरज सिन्हा से हुई है, जो एक आईपीएस अफसर हैं। सिन्हा दंपती की एक पुत्री है, जो अभी पढ़ाई कर रही है।
इसलिए सौंपा गया कार्यभार
1988 बैच की जया वर्मा ने उस वक्त रेलवे का भार संभाला है, जब केंद्र सरकार की तरफ से रेलवे को वर्ष 2023-24 के लिए अभी तक के रेलवे के बजट का सबसे ज्यादा बजट आवंटित हुआ है। ओडिसा के बालासोर में हुए हादसे के वक्त वो काफी एक्टिव रहीं थीं। उन्होंने हादसे के बाद पल-पल की खबर रखी थी, और जरूरत को देखते हुए कई फैसले लिए थे। उनकी सक्रियता को देखते हुए ही रेलवे बोर्ड ने चेयरमैन के पद के लिए यह जिम्मेदारी सौंपी है।