प्रयागराज में महाकुंभ मेले के पहले स्नान पर्व मकर संक्रांति पर 3.5 करोड़ से भी ज्यादा लोगों के संगम पर स्नान करने का दावा किया गया है। मुख्य पर्व 29 जनवरी को होगा, उस दिन और भी अधिक श्रद्धालुओं के आने की संभावना है।
प्रयागराज में 14 जनवरी को पहला शाही स्नान (अमृत स्नान) हुआ, और प्रशासन का दावा है कि इस दिन 3.5 करोड़ से ज्यादा लोगों ने पवित्र संगम में डुबकी लगाई। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने एक्स हैंडल पर यह जानकारी साझा की। उन्होंने एक्स पर लिखा, “प्रथम अमृत स्नान पर्व पर आज 3.50 करोड़ से अधिक पूज्य संतों/ श्रद्धालुओं ने अविरल-निर्मल त्रिवेणी में स्नान का पुण्य लाभ अर्जित किया।”
गिनती के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग
प्रयागराज के मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत ने बताया कि इस बार कुंभ मेले में श्रद्धालुओं की गिनती के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) तकनीक का उपयोग किया जा रहा है। AI से लैस कैमरे हर मिनट में डेटा अपडेट करते हैं, और रियल टाइम अलर्ट जेनरेट करते हैं, जिससे संबंधित अधिकारियों को भीड़ का सटीक अनुमान लगाना और उनका ट्रैकिंग करना आसान होता है।
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इसके अलावा मेला क्षेत्र में बड़ी संख्या में अस्थाई सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं, जो श्रद्धालुओं की गिनती और उनकी सुरक्षा के लिए उपयोग किए जाते हैं।
एक आदमी की एक बार से ज्यादा गिनती
श्रद्धालुओं की गिनती में नावों, ट्रेनों, बसों और निजी वाहनों से आने वाले लोगों की संख्या को भी जोड़ा जाता है। इसके अलावा, साधु-संतों और उनके कैंप में आने वाले लोगों की संख्या भी कुल श्रद्धालुओं में शामिल होती है।
इतिहास और आंकड़ों की गिनती
प्रोफेसर हेरम्ब चतुर्वेदी के अनुसार, पहले श्रद्धालुओं की गिनती के लिए मेला अधिकारियों की रिपोर्ट को ही मान्यता दी जाती थी। 2013 से डिजिटाइजेशन के बाद, AI और अन्य अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग होने लगा, जिससे आंकड़ों की सटीकता में सुधार हुआ।
प्रशासन का दावा और वास्तविकता
प्रशासन का दावा है कि इस बार के महाकुंभ में करीब 45 करोड़ श्रद्धालु स्नान करेंगे। हालांकि, वास्तविक संख्या का अनुमान लगाना अब भी चुनौतीपूर्ण है, और बहुत से मामलों में प्रशासनिक अधिकारियों के आंकड़े ही मान्य होते हैं।
महाकुंभ का यह आयोजन धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण होता है और श्रद्धालुओं की संख्या का सही अनुमान लगाना हमेशा से एक चुनौती रहा है