अगर तीसरे विश्व युद्ध के हालात बने और न्यूक्लियर वॉर हुआ, तो सिर्फ 72 मिनट में पांच अरब लोग अपनी जान गंवा सकते हैं। यह दावा किया है न्यूक्लियर वॉर की विशेषज्ञ और पुलित्जर फाइनलिस्ट इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट एनी जैकबसन ने। उनके मुताबिक, न्यूक्लियर वॉर के प्रभाव सिर्फ बम धमाकों तक सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि पूरी धरती पर ऐसी तबाही मचेगी, जिसकी आज कल्पना भी नहीं की जा सकती।
धरती ढक जाएगी बर्फ की चादर से, फसलें होंगी बर्बाद
एनी जैकबसन के अनुसार, परमाणु युद्ध के बाद पूरी दुनिया एक “न्यूक्लियर विंटर” में तब्दील हो जाएगी। बर्फ की मोटी चादर से धरती ढक जाएगी, तापमान इतनी तेजी से गिरेगा कि इंसानों के लिए जीवित रहना बेहद कठिन हो जाएगा। फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो जाएंगी और खाद्य संकट इतना गहराएगा कि इंसान एक-एक दाने के लिए लड़ते नजर आएंगे।
सूरज की रोशनी भी बन जाएगी जानलेवा
जैकबसन ने चेतावनी दी है कि ओजोन लेयर इतनी क्षतिग्रस्त हो जाएगी कि सूरज की रोशनी जहरीली बन जाएगी। इंसान खुली धूप में बाहर नहीं निकल पाएंगे। रेडिएशन का स्तर इतना अधिक होगा कि लोग ज़मीन के नीचे छिपकर जीने को मजबूर होंगे।
सिर्फ ये दो देश होंगे सुरक्षित
इस खतरनाक परिदृश्य में ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड ही ऐसे देश होंगे जो न्यूक्लियर विंटर के प्रभाव से बच पाएंगे। एटमॉस्फेरिक साइंस के विशेषज्ञ प्रोफेसर ब्रायन टून और जैकबसन दोनों का मानना है कि इन देशों की भौगोलिक स्थिति और स्थिर जलवायु उन्हें इस तबाही से सुरक्षित रखेगी। यहां खाद्य उत्पादन प्रणाली बची रहेगी और जनसंख्या को अपेक्षाकृत कम नुकसान होगा।
एनी जैकबसन कौन हैं?
एनी जैकबसन अमेरिका के पेंटागन की रिसर्च एजेंसी DARPA पर किए गए अपने खोजी कार्यों के लिए जानी जाती हैं। साल 2016 में वह पुलित्जर पुरस्कार की फाइनलिस्ट भी रह चुकी हैं। हाल ही में ‘डायरी ऑफ ए सीईओ’ पॉडकास्ट में उन्होंने न्यूक्लियर वॉर से जुड़े इन खतरनाक तथ्यों को साझा किया।