India Monsoon 2025: इस साल भारत में मानसून बेहद घातक रहा है, खासकर उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के पहाड़ी क्षेत्र भारी बारिश और बादल फटने की घटनाओं से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। मानसून की अनियमित और असाधारण बारिश ने बाढ़, भूस्खलन और जनजीवन तबाह कर दिया है, जिससे 200 से ज्यादा लोगों की जान गई है।
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भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, इस बार मानसून दौरान बादल फटने की घटनाएं बढ़ी हैं, जिससे कुछ इलाकों में एक घंटे में 100 मिलीमीटर से ज्यादा बारिश हुई। इससे जलभराव और मलबे के तेज बहाव ने कई इमारतें और सड़कें नष्ट कर दीं। सितंबर में उत्तराखंड के चमोली और देहरादून में तेज बारिश से बड़ी तबाही हुई जिसमें दर्जनों लोग मारे गए। हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और पंजाब समेत कई राज्यों को भी भारी नुकसान हुआ है।
विशेषज्ञ इस खतरनाक मानसून के पीछे जलवायु परिवर्तन को मुख्य कारण मानते हैं। पिछले 50 वर्षों में भारत में सामान्य बारिश कम हुई है, लेकिन अत्यधिक बारिश के दिन बढ़ गए हैं। वैश्विक तापमान के बढ़ने से हवा में नमी अधिक हो गई है, जिससे बारिश की तीव्रता भी बढ़ रही है। IMD के आंकड़े बताते हैं कि देश के 55 प्रतिशत तहसीलों में मानसूनी वर्षा बढ़ी है, लेकिन कुछ कृषि क्षेत्रों में कमी भी देखी गई है।
भारत के साथ अन्य देशों पर भी पड़ रहा असर
वैज्ञानिकों ने पाया है कि उच्च वाष्पीकरण दर और तेजी से गर्म होते महासागरों के कारण आर्द्र हवाएं चल रही हैं, जिससे दक्षिण एशिया, खासकर भारत, बांग्लादेश और पाकिस्तान जैसे देशों में बादल फटने या अत्यंत तीव्र बारिश की घटनाएं बढ़ रही हैं। शायद यही वजह है कि इस साल पाकिस्तान में विनाशकारी मानसून आया, जिसमें 700 से ज्यादा लोगों की जान चली गई। यह बदलाव आने वाले समय में और भी भयानक होगा।