भारतीय मूल और अर्थशास्त्री थर्मन शनमुगरत्नम सिंगापुर के नए राष्ट्रपति चुन लिए गए हैं। उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव में शानदार जीत दर्ज की है। 2011 के बाद थर्मन पहले राष्ट्रपति हैं, जिन्होंने 70 प्रतिशत से अधिक वोट हासिल किए हैं।
चार भाषाएं बोलने में माहिर, कविताओं का भी बहुत शौक
थर्मन शनमुगरत्नम का जन्म 25 फरवरी 1957 को सिंगापुर में हुआ था। उनके पिता कंगरत्नम शनमुगरत्नम भारतीय तमिल मूल के हैं, तो वहीं उनकी मां चीनी मूल की नागरिक हैं। कंगरत्नम सिंगापुर के मशहूर पैथोलॉजिस्ट हैं। भारत, चीन और सिंगापुर की मिली-जुली संस्कृति में पलने-बढ़ने के कारण उन्हें अंग्रेजी, तमिल, मलय और मैंडेरिन बोलने-लिखने और पढ़ने में दक्षता हासिल है। बता दें कि उन्हें कविताओं का भी बहुत शौक है। वे बचपन में कविताएं लिखते थे। उन्होंने अपने सहपाठियों के साथ कई कविताओं की रचना भी की है।
ब्रिटेन-अमेरिका में हुई पढ़ाई
थर्मन ने लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से बैचलर डिग्री हासिल की है। इसके अलावा, उन्होंने कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से इकॉनोमिक्स में मास्टर डिग्री प्राप्त की। वहीं थर्मन ने पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में भी हावर्ड यूनिवर्सिटी से मास्टर डिग्री प्राप्त की है।
मॉनिएटरी अथॉरिटी ऑफ सिंगापुर से करियर की शुरुआत
पढ़ाई के बाद थर्मन ने अपने करियर की शुरुआत करियर मॉनिएटरी अथॉरिटी ऑफ सिंगापुर से की थी। बता दें, एमएएस सिंगापुर का सेंट्रल बैंक और फाइनेंशियर रेगुलेटर है। कुछ वर्षों बाद वे एमएमएस के चैयरमैन के रूप भी नियुक्त किए गए। उन्होंने जीआईटी के डिप्टी चैयरमैन के रूप में भी काम किया है। वैश्विक आर्थिक मंदी के दौर में उन्होंने आर्थिक सलाह भी दिया था, जिस वजह से उन्हें काफी सराहा गया था।
2001 में राजनीति करियर की शुरुआत
थर्मन ने साल 2001 में राजनीति में कदम रखा। 2011-2019 तक उन्होंने सिंगापुर के उप प्रधानमंत्री के रूप में अपनी भूमिका का निर्वहन किया। इसके अलावा, थर्मन सिंगापुर के केंद्रीय मंत्री रहते हुए दो बड़े मंत्रालयों की जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं। 2007 से 2015 तक वे सिंगापुर के शिक्षा मंत्री रहे तो वहीं 2003 से 2008 तक वे वित्त मंत्री भी रह चुके हैं।
14 सितंबर को करेंगे पद ग्रहण
थर्मन 14 सितंबर को सिंगापुर के 9वें राष्ट्रपित के तौर पर अपना नया पद ग्रहण करेंगे। बता दें कि निवर्तमान राष्ट्रपति हलीमा याकूब का छह साल का कार्यकाल 13 सितंबर को समाप्त होगा। वह देश की 8वीं और पहली महिला राष्ट्रपति हैं। 2017 का राष्ट्रपति चुनाव एक आरक्षित चुनाव था, जिसमें केवल मलय समुदाय के सदस्यों को चुनाव लड़ने की अनुमति थी। तब हलीमा को राष्ट्रपति नामित किया गया था क्योंकि कोई अन्य उम्मीदवार नहीं था।
भारतीय मूल के तीसरे राष्ट्रपति हैं थर्मन
बता दें कि सिंगापुर के अतीत में दो भारतीय मूल के राष्ट्रपति रह चुके हैं। सेलप्पन रामनाथन, जिन्हें एसआर नाथन के नाम से जाना जाता है, सिंगापुर के राजनेता और तमिल मूल के सिविल सेवक थे, जिन्होंने सिंगापुर में राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया था।नाथन ने 2009 में बेंजामिन शियर्स को हराकर सिंगापुर में सबसे लंबे समय तक राष्ट्रपति रहने वाले शख्स बने। इसके बाद दूसरा नाम चेंगारा वीटिल देवन नायर का है, जिन्हें देवन नायर के नाम से जाना जाता है। देवन नायर ने 1981 से 1985 तक सिंगापुर के तीसरे राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया था। 1923 में मलयेशिया के मलक्का में जन्मे नायर एक रबर बागान क्लर्क के बेटे थे, जो मूल रूप से केरल के थालास्सेरी के रहने वाले थे। सिंगापुर में पहला राष्ट्रपति चुनाव 28 अगस्त 1993 को हुआ था।