International Literacy Day 2023: जानें भारत में कितने लोग पढ़े-लिखें

International Literacy Day 2023: आज के समय और आने वाले भविष्य में शिक्षा से कोई भी वंचित न रहे इस उद्देश्य को सफल बनाने के लिए हर साल 8 सितंबर को अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस विश्व में मनाया जाता है। इस दिन साक्षरता के महत्व को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। साक्षरता एक ऐसी क्षमता जो लोगों को जोड़ती है और उन्हें सशक्त बनाती है, उन्हें दुनिया के साथ संचार करने और बातचीत करने की अनुमति देती है, जिसे राष्ट्र एक बुनियादी मानव अधिकार मानता है। इसलिए इस मौके पर समाज में शिक्षा का प्रचार प्रसार किया जाता है। तो आइए जानते हैं विश्व साक्षरता दिवस के इतिहास और महत्व के बारे में……

साक्षरता क्या होती है

साक्षर शब्द से साक्षरता बना है। इसका अर्थ होता है शिक्षित होना। दुनियाभर की आबादी तक, हर देश, हर समाज, हर गांव, हर समुदाय तक लोगों को शिक्षित बनाना इस दिन को मनाने का उद्देश्य है। जितना ज्यादा लोग शिक्षा ग्रहण करेंगे, उतना ही बेहतर भविष्य उस परिवेश का होगा।

साक्षरता दिवस का इतिहास

इस दिन को मनाने का फैसला 7 नवंबर 1965 में लिया गया। यूनेस्को ने इस दिन तय किया कि साक्षरता दर को बढ़ाने के लिए दुनियाभर में अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाया जाएगा। अगले साल 8 सितंबर 1966 को पहली बार विश्व साक्षरता दिवस मनाया गया, उसके बाद से हर साल ये दिन मनाया जाने लगा।

अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस का महत्व

1967 के बाद से, यूनेस्को के प्रयासों में सबसे आगे, दुनिया भर के लोग अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस पर एक साथ आए हैं ताकि इस बारे में जागरूकता बढ़ाई जा सके कि एक मानव अधिकार के रूप में साक्षरता कितनी महत्वपूर्ण है।

साक्षरता दिवस 2023 की थीम

हर साल अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस की एक खास थीम होती है। पिछले साल साक्षरता दिवस 2022 की थीम ‘ट्रांसफॉर्मिंग लिटरेसी लर्निंग स्पेस’ थी। वहीं इस साल साक्षरता दिवस 2023 की थीम ‘परिवर्तनशील दुनिया में साक्षरता को बढ़ावा देना: स्थायी और शांतिपूर्ण समाज की नींव का निर्माण करना’ है।

विश्व की साक्षरता दर कितनी है?

यूनेस्को के अनुसार 770 मिलियन से अधिक वयस्क, जिनमें से अधिकांश महिलाएं हैं, पढ़-लिख नहीं सकते, भले ही पिछले 50 वर्षों में दुनिया की साक्षरता दर में सुधार हुआ है। वर्ल्ड पॉपुलेशन रिव्यू के अनुसार, 15 साल से अधिक आयु की वैश्विक आबादी के लिए विश्व साक्षरता दर 86% से थोड़ा अधिक है।

भारत में कितने लोग पढ़े-लिखे

साक्षरता, किसी भी राष्ट्र के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण संपत्ति है। एक उच्च साक्षरता दर यह बताने के लिए काफी है कि वह देश कितना काबिल है। भारतीय राष्ट्रीय सर्वेक्षण द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में भारत की साक्षरता दर 77.7 प्रतिशत है। 2011 में साक्षरता दर 73% थी। पिछली जनगणना के आंकड़ों की तुलना में 4% की वृद्धि हुई है। यह अन्य विकासशील देशों की तुलना में बहुत प्रभावशाली है, लेकिन इसका अभी भी मतलब है कि लगभग चार में से एक भारतीय पढ़ने या लिखने में असमर्थ है (दुनिया भर में आठ में से एक व्यक्ति की तुलना में)।