भारत-कजाकिस्तान संयुक्त अभ्यास काज़िंद का 8वां संस्करण सूर्या फॉरेन ट्रेनिंग नोड औली में चल रहा है। जिसमें 120 जवानों वाली भारतीय टुकड़ी का प्रतिनिधित्व कुमाऊं रेजिमेंट द्वारा किया जा रहा है। भारतीय वायु सेना के साथ-साथ सहायक शस्त्र और सेवाओं के जवान भी इसमें भाग ले रहे हैं।
संयुक्त राष्ट्र जनादेश के अध्याय VII के तहत संयुक्त उप पारंपरिक संचालन आयोजित करने के दौरान हथियारों और उपकरणों का प्रदर्शन, हथियारों का संचालन और उसके बाद सैनिकों के लिए फायरिंग का आयोजन किया गया।
भारतीय दल के सैनिकों ने हथियार और उपकरण प्रदर्शन के दौरान कजाकिस्तान दल के सैनिकों के साथ अपनी विशेषज्ञता और अनुभव साझा किया। अभ्यास के दौरान परिचालन कार्य के प्रति दोनों देशों की प्रतिबद्धता प्रदर्शित की गई। जिसमें हथियारों के गहन प्रशिक्षण सत्र और विभिन्न प्रकार की सामरिक फायरिंग का अभ्यास शामिल रहा। अभ्यास काज़िंद-2024 का केडिया उद्देश्य तालमेल और अंतरसंचालनीयता को बढ़ाने और ‘क्लोज क्वार्टर बैटल’ में सामरिक सुस्पष्टता सुनिश्चित करना है।
13 अक्टूबर को संयुक्त अभ्यास का होगा समापन
भारतीय और कजाकिस्तान बलों के बीच आपसी सामंजस्य बढ़ाने के उद्देश्य से भारत और कजाकिस्तान के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास 30 सितंबर को शुरू हुआ था, जिसका समापन 13 अक्टूबर को होगा। 120 जवानों वाली भारतीय टुकड़ी का प्रतिनिधित्व कुमाऊं रेजिमेंट द्वारा किया जा रहा है। भारतीय वायु सेना के साथ-साथ सहायक शस्त्र और सेवाओं के जवान भी इसमें भाग ले रहे हैं।
भारत और कजाकिस्तान के बीच बढ़ता सहयोग
‘काजिंद-2024’ न केवल सैन्य क्षमताओं को मजबूत करेगा बल्कि दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग को भी एक नई दिशा देगा। इस संयुक्त अभ्यास के माध्यम से दोनों देशों की सेनाएं रणनीतिक प्रक्रियाओं और तकनीकों में अपनी विशेषज्ञता साझा करेंगी, जिससे आपसी भरोसा और समझदारी बढ़ेगी। यह द्विपक्षीय सैन्य संबंधों को गहराई प्रदान करेगा और भारत-कजाकिस्तान के बीच मित्रता के रिश्तों को और सुदृढ़ करेगा।