Uttarakhand: जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति ने की NSA के तहत गिरफ्तार सोनम वांगचुक की रिहाई की मांग 

Uttarakhand: लद्दाख प्रशासन ने शुक्रवार को लद्दाख के सामाजिक कार्यकर्ता पर्यावरणविद् सोनम वांगचुक को एनएसए के तहत गिरफ्तार किया और उन्हें राजस्थान के जोधपुर सेंट्रल जेल भेज दिया। जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति ने सोनम वांगचुक की एनएसए के तहत की गई गिरफ़्तारी की कड़ी निंदा की है। उन्होंने सोनम वांगचुक को तत्काल रिहा करने और उन पर लगा एनएसए हटाने की मांग की

जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति ने की रिहाई की मांग 

संघर्ष समीति संयोजक अतुल सती ने कहा कि यह गिरफ्तारी न केवल अलोकतांत्रिक और अन्यायपूर्ण है, बल्कि उस आवाज़ को दबाने का प्रयास है जो पाँच वर्षों से लद्दाख़ की जनता की लोकतांत्रिक आकांक्षाओं और पर्यावरणीय न्याय के लिए अहिंसक आंदोलन चला रही है।

सोनम वांगचुक 10/09/25 से भूख हड़ताल कर जनता की चार न्यायोचित माँगे: (i) लद्दाख़ को राज्य का दर्जा, (ii) छठी अनुसूची में सम्मिलन, (iii) स्थानीयों को रोज़गार में प्राथमिकता और (iv) संसाधनों पर स्थानीय निर्णायक भूमिका।

उन्होंने कहा कि सरकार का इन वैध और संवैधानिक दावों पर संवाद करने के बजाय, उन्हें एनएसए जैसी दमनकारी धाराओं में कैद करना लोकतांत्रिक अधिकारों और संविधान पर सीधा प्रहार है।

हिमालयी क्षेत्र, पहले से ही विनाशकारी विकास मॉडल और जलवायु संकट की मार झेल रहा है। लद्दाख़ में जनता की आवाज़ को दबाना और संसाधनों को कॉर्पोरेट कंपनियों को सौंपना, केवल स्थानीय समाज ही नहीं बल्कि पूरे हिमालय और राष्ट्र की सुरक्षा के लिए घातक है। यह स्पष्ट है कि सरकार जनता की न्यायपूर्ण मांगों को मानने की बजाय भय और दमन की राजनीति कर रही है।

हम मांग करते हैं कि सोनम वांगचुक जी को तुरंत और बिना शर्त रिहा किया जाए। सरकार को लद्दाख़ में चल रहे दमन को बंद कर अहिंसक आंदोलनरत जनता की चारों माँगों पर सार्थक संवाद और समाधान की दिशा में कदम उठाना चाहिए। लद्दाख़ की आवाज़ को दबाना, पूरे हिमालय और भारत की लोकतांत्रिक परंपराओं को दबाना है।

सोनम वांगचुक पर लेह में हिंसा भड़काने का आरोप

दरअसल, 24 सितंबर को लेह में लद्दाख को राज्य का दर्जा और इसे छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग वाला प्रदर्शन हिंसक हो गया था। इस दौरान दंगे पर उतारू प्रदर्नकारियों ने बीजेपी दफ्तेर समेत सुरक्षा बलों के वाहन को भी आग के हवाले कर दिया। इस मांग को लेकर वांगचुक पहले ही भूख हड़ताल पर बैठे हुए थे। हिंसा भड़कते ही उन्होंने आनन-फानन में भूख हड़ताल खत्म कर दी। हिंसा के दो दिन बाद वांगचुक को इसके लिए जिम्मेदार मानते हुए उनपर एनएसए लगा दिया गया और हिरासत में ले लिया। वांगचुक पर लेह में ‘हिंसा भड़काने’ का आरोप है। उनके कई वीडियो वायरल हैं, जिसमें वह भड़काऊ बयान देते नजर आ रहे हैं।

वांगचुक लेह से जोधपुर जेल शिफ्ट

लद्दाख प्रशासन ने उन हालातों को विस्तार से बताया है कि किन परिस्थितियों में वांगचुक को जोधपुर भेजना पड़ा। लद्दाख प्रशासन की ओर से जारी प्रेस रिलीज में कहा गया है, ‘लद्दाख के शांतिप्रिय लेह शहर में सामान्य स्थिति बहाल करना जरूरी है। ये सुनिश्चित करने के लिए यह भी आवश्यक है कि सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए सोनम वांगचुक को आगे भी हानिकारक कार्य करने से रोका जाए। उनके भड़काऊ भाषणों और वीडियो को देखते हुए, व्यापक जनहित में उन्हें लेह जिले में रखना उचित नहीं था।’ आदेश में कहा गया है कि इन तथ्यों को देखते हुए और खास सूचनाओं के आधार पर उन्हें जोधपुर जेल भेजने का फैसला लिया गया है।