Joshimath: मौत के साये मे जीने को मजबूर पगनों के ग्रामीण

रिपोर्ट- सोनू उनियाल

जोशीमठ। भूस्खलन व भू धंसाव की घटनाओं ने पूरे पैनखंडा जोशीमठ को झकझोर कर रखा है।अब जोशीमठ का पगनो गांव भूस्खलन की जद मे आ गया है। ग्रामीण मौत के साये मे जीने को विवश हैं। भीषण खतरे की जद मे आ चुके 42 परिवारों को यदि शीघ्र सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट नहीं किया तो किसी बड़ी घटना से भी इंकार नहीं किया जा सकता।

पगनो गांव के ठीक ऊपर से लगातार हो रहे भूस्खलन के कारण गांव मे तेजी से भू धंसाव हो रहा है,और अब तक दस से अधिक मकान जमीदोंज हो चुके हैं,और 42 मकान जमींदोज होने की कगार पर पहुंच गए है,यहाँ रह रहे परिवारों को तत्काल सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किए जाने की आवश्यकता है। 450 मतदाताओं,करीब छः सौ की आबादी व 124 परिवारों का पगनो गांव अब पूरी तरह से भूस्खलन की चपेट में है।  बीते जुलाई-अगस्त माह मे खतरे को देखते हुए नौ परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया था,अब पूरे गांव को ही सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करने की चुनौती सामने आ गई है।

पगनो गांव की चिंतनीय स्थिति पर शासन-प्रशासन की नजरें है।

एसडीएम कुमकुम जोशी ने बताया कि पगनो मे शुरवाती भूस्खलन के बाद भू वैज्ञानिकों की टीम बुला दी गई थी, लेकिन अब भू धंसाव बढ़ गया है और भू धंसाव से अन्य आवाशीय भवन भी  खतरे की जद मे आ गए है, पूरे गांव के सर्वेक्षण के लिए पुनः भू वैज्ञानिकों की टीम को बुला दिया गया है।

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एसडीएम ने बताया कि प्रशासन की ओर से अब तक 140 लोगों को राशन किट,तीन परिवारों को अनुमन्य अहेतुक राशि के अलावा कुछ परिवारों की टिन सीट,टेंट आदि दिए गए है, 42 परिवारों ने टिन सीट की मांग की2 है जिन्हें यथाशीघ्र उपलब्ध कराया जा रहा है। स्थानीय प्रशासन की ओर से पगनो गांव के विस्थापन हेतु पत्राचार किया गया है।