National Tattoo Day 2024: टैटू का क्रेज पूरी दुनिया में तेजी से बढ़ रहा है। कूल और स्टाइलिश दिखने के लिए ज्यादातर यूथ टैटू बनवा रहे हैं। हर साल 17 जुलाई को नेशनल टैटू डे (National Tattoo Day) मनाया जाता है। जानिए इसका इतिहास…
वक्त के साथ चलना ही फैशन है और अभी टैटू ट्रेंड में है। हर साल 17 जुलाई को नेशनल टैटू डे (National Tattoo Day) मनाया जाता है। लोग टैटू डिजाइन की मनमोहक कला का सम्मान करने के लिए इस खास दिन को मनाते हैं।वहीं टैटू का रिश्ता हमसे काफी पुराना है। तो आइए जानते हैं क्या है इसका इतिहास और इससे होने वाले नुकसान के बारे में….
क्या है टैटू ?
टैटू शब्द ताताउ से लिया गया है, जो एक पॉलिनेशियन क्रिया है जिसका अर्थ है ‘टैप करना या निशान लगाना’ टैटू से संबंधित संस्कृतियां दुनिया भर में मौजूद है। अब समय के साथ टैटू बनवाने का चलन बढ़ता जा रहा है।
इतिहास, महत्व और उत्सव
टैटू बनाने की प्रथा प्राचीन काल से चली आ रही है। गोदने की कला और उसके सांस्कृतिक महत्व को पहचानने और उसकी सराहना करने के लिए अमेरिका में हर साल राष्ट्रीय टैटू दिवस मनाया जाता है, जहां यह दिन आत्म-अभिव्यक्ति, कलात्मकता और व्यक्तित्व के रूप में टैटू की सराहना के लिए समर्पित है।
टैटू का एक लंबा इतिहास है और यह सदियों से दुनिया भर की विभिन्न संस्कृतियों का हिस्सा रहा है। वे गहरे व्यक्तिगत का अर्थ ले सकते हैं, महत्वपूर्ण घटनाओं का प्रतीक हो सकते हैं, सांस्कृतिक विरासत का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं या बस उनके सौंदर्य मूल्य के लिए प्रशंसा प्राप्त कर सकते हैं।
19वीं, 20वीं सदी में बढ़ी लोकप्रियता
पुरातात्विक साक्ष्य बताते हैं कि टैटू का उपयोग प्राचीन मिस्र, चीन, जापान और अन्य सभ्यताओं में किया जाता था, जहां इन संस्कृतियों में टैटू का अक्सर सांस्कृतिक, आध्यात्मिक या सामाजिक महत्व होता था। पोलिनेशिया को उन क्षेत्रों में से एक माना जाता है जहां टैटू की उत्पत्ति हुई और एक अत्यधिक परिष्कृत कला के रूप में विकसित हुई, मूल अमेरिकियों और विभिन्न जनजातियों सहित दुनिया भर में कई स्वदेशी संस्कृतियों में टैटू गुदवाने का एक लंबा इतिहास है, जहां टैटू अक्सर अनुष्ठानों, आध्यात्मिक विश्वासों और कहानी कहने में भूमिका निभाते थे। 19वीं और 20वीं सदी की शुरुआत में, टैटू ने नाविकों और सैन्य कर्मियों के बीच लोकप्रियता हासिल की, जिससे दुनिया भर में टैटू संस्कृति का प्रसार हुआ।
जानलेवा भी हो सकता है टैटू !
टैटू का ट्रेंड बढ़ने के साथ ही इसके साइड इफेक्ट्स भी बढ़ रहे हैं। कई रिपोर्ट्स में बताया गया है कि टैटू में जो इंक इस्तेमाल होती है, उससे इंफेक्शन, एलर्जी, यहां तक की कैंसर तक का खतरा रहता है। यह जानलेवा भी हो सकता है।
टैटू बनवाना कितना खतरनाक ?
टैटू जितना आपको स्टाइलिश दिखाता है। वो उतना ही खतरनाक होता है। जर्नल एनालिटिकल केमिस्ट्री में पब्लिश एक स्टडी के अनुसार, टैटू की इंक में कई खतरनाक केमिकल्स मौजूद होते हैं। टैटू बनवाने के लिए जो नीडल होती है। उससे HIV, एड्स, या फिर कैंसर भी हो सकता हैं। इसके अलावा स्किन, लंग्स और लीवर में भी दिक्कत हो सकती हैं।
टैटू से कैंसर का खतरा
मेडिकल न्यूज टूडे के अनुसार, स्वीडन की लिंड यूनिवर्सिटी के रिसर्चर ने टैटू से कैंसर का खतरा पाया है। 2007 से 2017 तक 10 साल स्वीडिश नेशनल कैंसर रजिस्टर का एनालिसिस किया, जिसमें 20 से 60 साल की उम्र वाले शामिल थे। इस स्टडी में पाया गया कि टैटू बनवाने वालों में बिना टैटू वालों के मुकाबले लिंफोमा का खतरा 21 परसेंट तक ज्यादा था। वहीं पिछले 2 सालों में टैटू बनवाने वालों में लिंफोमा का खतरा 81% था। आप जब भी टैटू बनवाएं, तो टैटू बनवाने से पहले क्वलिटी वाले इंक और नीडल जरूर चेक करें।
सावधानी जरूरी
टैटू बनवाने से पहले अच्छे टैटू आर्टिस्ट से सलाह लें और उनकी स्वच्छता पर ध्यान दें। सही इंक और नई नीडल का इस्तेमाल सुनिश्चित करें, ताकि आप अनचाही बीमारियों से बच सकें।