New Criminal Law: तीन नए आपराधिक कानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम सोमवार से पूरे देश में लागू हो गए हैं। इन कानूनों ने भारतीय दंड संहिता, आपराधिक प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह ली है।
नए आपराधिक कानून के तहत आज हरिद्वार में पहला मुकदमा दर्ज हुआ है। वहीं सीएम धामी ने कहा कि आज ऐतिहासिक दिन अंग्रेजों के जमाने के क़ानूनों से देश को मुक्ति मिल गई है। पूरे देश में नए आपराधिक क़ानून लागू हो गए हैं।
हरिद्वार जिले के कोतवाली ज्वालापुर में नए कानून के तहत मुकदमा दर्ज करके पुलिस ने औपचारिक रूप से राज्य में इसकी शुरुआत कर दी है। ज्वालापुर कोतवाली में सुबह तड़के मोबाइल लूट का मुकदमा दर्ज किया गया। हरिद्वार पुलिस की मानें तो नए कानून के तहत यह राज्य का पहला मुकदमा है। इस मुकदमे में सभी कार्रवाई नए कानून के तहत की जाएगी।
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नये आपराधिक कानूनों के क्रियान्वयन के संबंध में पुलिस मुख्यालय में कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभाग किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री द्वारा भारतीय न्याय व्यवस्था में लागू हुए तीन नए आपराधिक कानूनों का राज्य में औपचारिक शुभारंभ किया गया।
साथ ही मुख्यमंत्री ने तीन नए कानूनों पर आधारित I.O. एप्लीकेशन का शुभारंभ एवं विभिन्न विवेचक पुलिस कर्मियों को टैबलेट वितरित किए।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भारतीय न्याय व्यवस्था में तीन नए कानून के लागू होने पर सभी को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज भारतीय न्याय व्यवस्था के लिए ऐतिहासिक दिन है। अंग्रेजों के जमाने से चले आ रहे विभिन्न पुराने और गैरजरूरी कानूनों को हटाकर वर्तमान परिस्थिति के हिसाब से नए आपराधिक कानून लागू हो रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अनुशासन, निष्पक्षता और न्याय हमारे देश की पुरानी परंपरा रही है। ये तीनों कानून देश के हर नागरिक की स्वतंत्रता, मानव अधिकार और सबके साथ समान व्यवहार को सुनिश्चित करेंगे। ये कानून गुलामी की मानसिकता को मिटाने और औपनिवेशिक कानूनों से मुक्ति दिलाने की मोदी सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। नए कानून आजादी के अमृत महोत्सव के बाद के कालखंड में देश को एक नई दिशा दिखाने का कार्य करेगा। अब हमारी न्याय प्रणाली पूरी तरह से स्वदेशी होगी जो भारत द्वारा, भारत के लिए और भारतीय संसद द्वारा बनाए गए कानूनों के अनुसार संचालित होगी। नए कानून नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के साथ कानून व्यवस्था को भी और अधिक सुदृण करेगी।
उत्तराखंड डीजीपी अभिनव कुमार ने कहा है कि आज नए कानून को लागू करके हमने एक नई इबारत लिखी है और यह अंग्रेजी कानून से भी एक तरह की आजादी है।
बता दें कि 1 जुलाई से भारत में तीन नए आपराधिक कानून लागू हो गए। ये तीनों कानून भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS), भारतीय न्याय संहिता (BNS) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) हैं। वहीं नए कानूनों में कुछ धाराओं को हटाया गया है और कुछ नई धाराओं को जोड़ा भी गया है। कानून की धाराओं में बदलाव से पुलिस, वकील और अदालतों के साथ ही लोगों के कामकाज में भी बदलाव आएगा।