New Delhi: जन्मभूमि और मातृभूमि के साथ उत्तराखंड देवभूमि देश को प्रेरणा देने का कार्य करती है। चाहे उत्तरायणी हो या हरेला प्रकृति के सम्मान और पर्यावरण के संरक्षण का संदेश दुनियाभर को उत्तराखंड से ही मिलता हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का देवभूमि के प्रति विशेष प्रेम भाव है और यहां की मातृशक्ति और समर्पित मेहनती लोगों के बल पर ही इस दशक को उत्तराखंड का दशक कहा जाता है।
ये विचार नई दिल्ली के गोल मार्केट स्थित जैन भवन में पर्वतीय लोकविकास समिति और अपनी धरोहर न्यास द्वारा आयोजित राष्ट्रीय हरेला उत्सव में मुख्य अतिथि के रूप में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और उत्तराखंड प्रभारी दुष्यंत गौतम ने व्यक्त किए।
हरेला उत्सव का उद्घाटन करते हुए नई दिल्ली लोकसभा क्षेत्र की सांसद बांसुरी स्वराज ने कहा कि हरेला अब उत्तराखंड से आगे निकलकर पूरे देश का राष्ट्रीय उत्सव बन रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के आह्वान “एक वृक्ष माँ के नाम” में हरेला की ही प्रेरणा है। जन-जन को हरियाली को बढ़ाने और वृक्षारोपण को दिनचर्या का हिस्सा बनाने की आवश्यकता है। यह खुशी की बात है कि पर्वतीय लोकविकास समिति की पहल हरेला को केवल पेड़ लगाने मात्र तक सीमित न कर उसे धरोहर मानकर उसकी रक्षा और पोषण की जिम्मेदारी लेने का अभियान है। निश्चित रूप से हरेला लोगों में जागृति लाने का काम करेगा।
पर्वतीय लोकविकास समिति के परामर्शदाता और उत्तराखंड भाजपा आर्थिक प्रकोष्ठ के संयोजक और पैनलिस्ट प्रवक्ता चार्टर्ड अकाउंटेंट राजेश्वर पैन्यूली ने स्वागत वक्तव्य देते हुए कहा कि दिल्ली एनसीआर में उत्तराखंड के स्वाभिमान और पहचान,अपनी लोकसंस्कृति,धार्मिक महत्ता और बोली भाषा के संरक्षण के लिए हम निरंतर प्रयत्नशील हैं। पहाड़ की बौद्धिक प्रतिभाओं,अपने जनप्रतिनिधियों और सामान्य जनों को एक मंच पर लाकर हम देवभूमि के गौरव को बढ़ाने के साथ उसके विकास के लिए भी प्रतिबद्ध हैं।
समारोह के विशिष्ट अतिथि पटपड़गंज विधानसभा क्षेत्र के विधायक रविंद्र सिंह नेगी ने कहा कि दिल्ली में पहाड़ के लोग अपनी योग्यता,कर्मठता और ईमानदारी के लिए तो जाने ही जाते हैं लेकिन हमारे उत्सव और संस्कृतिक कार्यक्रम भी समाज में बड़ा और व्यापक संदेश देते हैं। मुझे पूर्ण विश्वास है कि उत्तरायणी अभियान दिल्ली में 20 वर्ष में राष्ट्रीय अभियान सिद्ध हुआ है इसी प्रकार पर्वतीय लोकविकास समिति की पहल पर एक व्यापक स्वरूप में हरेला पर्व भी लोकप्रिय सिद्ध होगा। इस अवसर पर भारतीय राजस्व सेवा के पूर्व अधिकारी डॉ.(IRS) डी.पी.सेमवाल (पूर्व प्रधान आयकर आयुक्त
पूर्व सैन्य अधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल अरविंद सिंह रावत,सुप्रसिद्ध संस्कृत विद्वान,प्रशासक और संसदीय संस्कृत परिषद के अध्यक्ष डॉ. जीतराम भट्ट,उत्तराखंड से आए विख्यात कृषि विज्ञानी श्री नरेंद्र मेहता,शीर्ष शिक्षाविद और लेखक प्रो. सुरेश बंदूनी, वरिष्ठ साहित्यकार और दिल्ली विश्वविद्यालय के प्राध्यापक प्रो. हरेंद्र सिंह असवाल,शिक्षाविद श्री संजय भारतीय,पूर्व निगम पार्षद और भाजपा नेत्री श्रीमती माया सिंह बिष्ट,लेखक और भाषाविद श्री रमेश चंद्र घिल्डियाल,पूर्व शिक्षा उपनिदेशक और समाजसेवी डॉ. राजेश्वरी कापड़ी, शिक्षाविद एवं समाजसेवी श्री लाखीराम डबराल और पूर्व प्रशासनिक अधिकारी एवं समाजसेवी श्री दुर्गा सिंह भंडारी को राष्ट्र गौरव सम्मान प्रदान किया गया। धरोहर सम्मान से सामाजिक कार्यकर्ता श्री नेपाल सिंह, शिक्षाविद और लेखक डॉ.मनोज कुमार कैन, पत्रकार और समाजसेवी श्री मंगल सिंह नेगी,श्री अनिल पंत,सामाजिक कार्यकर्ता शशि मोहन रावत,श्रीमती लक्ष्मी नेगी,श्रीमती तृप्ति जोशी, समाजसेवी श्री राजेश डंडरियाल,श्री दिनेश बम,श्री संजय मठपाल, डॉ.नवदीप जोशी और डॉ. विपिन मैखुरी को सम्मानित किया गया।
दिल्ली एनसीआर के विभिन्न क्षेत्रों से आई पहाड़ समाज की बहनों ने भक्ति भाव से युक्त भजन और हरेला गीत एवं नृत्य प्रस्तुत किए। ढोल दमाऊं, मशकबीन और रणसिंगा पर युवाओं के साथ उपस्थित लोग भी झूम उठे।
अपनी धरोहर के अध्यक्ष विजय भट्ट ने हरेला की अवधारणा और आगे की कार्ययोजना पर वृत्त रखा । पर्वतीय लोकविकास समिति के चेयरमैन डॉ.शशिमोहन शर्मा और संयोजक कुंदन सिंह रौथान ने सभी आगंतुक अतिथियों का स्वागत किया।
पर्वतीय लोकविकास समिति के अध्यक्ष और अपनी धरोहर दिल्ली के संयोजक प्रो.सूर्य प्रकाश सेमवाल ने कहा कि उत्तरायणी अभियान की तरह हमारा हरेला पर्व का जनजागरण भी सिद्धि की ओर बढ़ेगा। क्योंकि अब प्रत्येक देशवासी पर्यावरण प्रदूषण,जलवायु परिवर्तन और जल के संकट के विषय में जन रहा है। हम भी यही चेतना जागृत करेंगे कि हरेला में पेड़ केवल पहाड़ वालों को नहीं,बल्कि सबको लगाने होंगे और जो लगाए जा रहे हैं उनकी सुरक्षा,देखभाल और उचित पोषण की चिंता करनी होगी। कार्यक्रम के अंत में हिम उत्तरायणी पत्रिका के प्रबंधक श्री विजय सती ने सबका आभार व्यक्त किया।