Jammu Kashmir CM: नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के पहले मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली है। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर (एसकेआईसीसी) में अब्दुल्ला और उनके मंत्रियों को शपथ दिलाई।
उमर सरकार के कैबिनेट मंत्री
मेंढर से नेशनल कॉन्फ्रेंस के विधायक जावेद अहमद राणा, रफियाबाद से जावेद अहमद डार, डीएच पोरा से सकीना इट्टू और नौशेरा से सुरिंदर कुमार चौधरी को भी एलजी सिन्हा ने कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ दिलाई।
सुरिंदर चौधरी डिप्टी सीएम
सुरिंदर चौधरी डिप्टी सीएम बनाए गए हैं। सुरिंदर चौधरी ने नौशेरा से भाजपा के रविंदर रैना को हराया है। छंब विधानसभा सीट से निर्दलीय विधायक सतीश शर्मा को उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल में जगह दी गई।
शपथ ग्रहण समारोह में ये रहे मौजूद
शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा भी मौजूद रहीं। वहीं, JKNC प्रमुख फारूक अब्दुल्ला, समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव, PDP प्रमुख महबूबा मुफ्ती, AAP नेता संजय सिंह, CPI नेता डी राजा सहित INDIA गठबंधन के अन्य नेता यहां मौजूद रहे।
10 साल बाद जम्मू-कश्मीर में उमर सरकार
90 सीटों वाली विधानसभा के लिए करीब 10 साल बाद चुनाव कराए गए। इसमें फारुख अब्दुल्ला की नेशनल कॉन्फ्रेंस ने कांग्रेस के साथ गठबंधन में बहुमत हासिल किया। इसके अलावा कुछ निर्दलीय और अन्य दलों के विधायकों ने भी सरकार को समर्थन दिया है। 10 साल बाद फिर अब्दुल्ला परिवार जम्मू कश्मीर की सत्ता में वापस आ गया है।
कांग्रेस का बाहर से होगा सपोर्ट
जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद हुए विधानसभा चुनाव और उसके आए नतीजों के बाद इस केंद्र शासित प्रदेश को नया सीएम भी मिल गया। उमर अब्दुल्ला अब यहां के नए सीएम हैं। दिलचस्प बात यह रही कि घाटी में गठबंधन की उसकी साथी कांग्रेस का कोई भी मंत्री इसमें शामिल नहीं है। पार्टी ने सरकार को बाहर से समर्थन देने का ऐलान किया है। नई उमर सरकार ने राज्य बहाली की बात भी दोहराई है।
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बता दें कि उमर अब्दुल्ला, 54, जम्मू और कश्मीर के संघ शासित क्षेत्र के पहले मुख्यमंत्री हैं। यह उनका दूसरा मुख्यमंत्री कार्यकाल होगा। उमर अब्दुल्ला के दादा, शेख मोहम्मद अब्दुल्ला, भारत में शामिल होने के बाद जेके के पहले प्रधानमंत्री थे और बाद में मुख्यमंत्री के रूप में भी कार्य किया। उमर के पिता फारूक अब्दुल्ला पूर्व राज्य के तीन बार मुख्यमंत्री रहे हैं।
कौन हैं सुरिंदर चौधरी?
जाट समुदाय से ताल्लुक रखने वाले सुरिंदर चौधरी जम्मू-कश्मीर के जाने-माने हिंदू नेताओं में से एक हैं। वह महबूबा मुफ्ती के बेहद करीबी माने जाते थे। वह जम्मू कश्मीर राज्य विधानपरिषद के सदस्य भी रहे हैं। हालांकि, साल 2022 में महबूबा मुफ्ती के साथ नीतिगत मामलों में मतभेद के चलते उन्होंने पीडीपी को अलविदा बोल दिया था।
पीडीपी छोड़ने के बाद सुरिंदर चौधरी (Surinder Choudhary) ने भारतीय जनता पार्टी का दामन थामा था। हालांकि, एक साल बाद उन्होंने भाजपा छोड़कर नेशनल कॉन्फ्रेंस ज्वाइन कर ली थी। सुरिंदर चौधरी ज्यादा पढ़े-लिखे नहीं है। उनके चुनावी हलफनामे के मुताबिक उन्होंने केवल 12वीं तक की पढ़ाई की है।
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