अब किसी में पत्थरबाजी करने की हिम्मत नहीं, युवाओं के हाथ में हथियार नहीं हुनर है..जम्मू-कश्मीर घाटी में उत्तराखंड सीएम की हुंकार

Jammu and Kashmir Election: जम्मू कश्मीर के विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी प्रचार के लिए पहुंचे। गुरुवार को जम्मू कश्मीर की साम्बा विधानसभा क्षेत्र में प्रचार प्रसार किया और भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में वोट मांगे।


Jammu and Kashmir Election: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को जम्मू-कश्मीर में आगामी चुनावों के लिए प्रचार अभियान शुरू किया। सांबा विधानसभा क्षेत्र पहुंचने पर बीजेपी पदाधिकारियों और पार्टी कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री का जोरदार स्वागत किया। इस दौरान सीएम धामी ने भाजपा प्रत्याशी सुरजीत सिंह सलाथिया के पक्ष में रोड शो और जनसभा की। इसके साथ ही सीएम धामी बीजेपी प्रत्याशी के नामांकन में भी शामिल हुए।

मैं उत्तराखंड देवभूमि से समर्थन मांगने आया हूं

संबोधन के दौरान सीएम धामी ने कहा कि साम्बा की वीर धरती ने मां भारती की सेवा में कई वीर सपूतों को दिया है। उन्होंने वीरों की भूमि साम्बा को नमन करते हुए कहा कि जनता के आशीर्वाद से निश्चित ही भाजपा प्रत्याशी सुरजीत सिंह सलाथिया भारी बहुमत से विजय होंगे। यह चुनाव जम्मू कश्मीर प्रदेश को विकास की नई ऊंचाइयों पर ले जाने का चुनाव है। उन्होंने कहा देवभूमि उत्तराखंड सैन्य भूमि भी है। इस भूमि में मां भारती की सेवा में उत्तराखंड के अनेक वीर समर्थित है। मैं उन वीर सपूतों की ओर से भी आप सबसे समर्थन मांगने यहां आया हूं।

इस बार जम्मू कश्मीर में चुनाव ऐतिहासिक होगा

सीएम धामी ने कहा कि ‘जम्मू कश्मीर में होने वाला इस बार का चुनाव बहुत ऐतिहासिक होने वाला है क्योंकि आजादी के बाद पहली बार जम्मू कश्मीर के लोग दो झंडे, दो संविधान के नीचे नहीं, बल्कि हमारे तिरंगे के नीचे बाबा अंबेडकर के संविधान के नीचे वोट करेंगे।’

सीएम धामी ने कांग्रेस पर कसा तंज

वहीं सीएम धामी ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि ‘कांग्रेस के शहजादे भी आज कश्मीर के अंदर आ जा पा रहे हैं तो, इसका श्रेय भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जाता है। कुछ लोग कहते हैं कि पाकिस्तान के साथ वार्ता शुरू कर देना चाहिए और आतंकवादियों को छोड़ देना चाहिए। यह सोच कांग्रेस, नेशनल कांफ्रेंस और पीडीपी की है।’

अब युवाओं के हाथ में हथियार नहीं हुनर है

उन्होंने कहा कि आज कश्मीर में न्यूनतम आतंकवाद और अधिकतम पर्यटन है। यह बड़ी बात है कि जम्मू कश्मीर में 2022 से कोई पत्थरबाजी नहीं हुई है। अब युवाओं के हाथों में हथियार नहीं, बल्कि हुनर है। लाल चौक पर बुलंदी से तिरंगा लहरा रहा है। यहाँ की राष्ट्रवादी जनता इस चुनाव में कांग्रेस, नेशनल कांफ्रेंस और पीडीपी की विभाजनकारी सोच को हराने के लिए तैयार है।

बता दें कि लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान सीएम धामी ने दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, हरियाणा समेत अन्य राज्यों में ताबड़तोड़ रोड शो और जनसभाएं की थी। अब भाजपा ने सीएम धामी को जम्मू कश्मीर में रोड शो और जनसभा को संबोधित करने की जिम्मेदारी सौंपी है।

इस बार के चुनाव क्यों हैं खास?

जम्मू कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। इससे पहले साल 2014 में चुनाव हुए थे। साल 2018 में केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने और अनुच्छेद 370 निरस्त किए जाए जाने के बाद राज्य में पहला विधानसभा चुनाव है।बता दें कि जम्मू और कश्मीर विधानसभा में 90 निर्वाचन क्षेत्र शामिल हैं। हर एक विधानसभा क्षेत्र उनका प्रतिनिधित्व करने के लिए विधानसभा के एक सदस्य (MLA) का चुनाव करता है। परिसीमन के बाद 2024 में जम्मू-कश्मीर विधानसभा की संरचना बदल दी गई थी। जम्मू की हिस्सेदारी 37 सीटों से बढ़कर 43 हो गई है, जबकि कश्मीर की हिस्सेदारी 46 सीटों से बढ़कर 47 हो गई है।

तीन चरणों में जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव

जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों में चुनाव होंगे, जो 18 सितंबर, 25 सितंबर और एक अक्टूबर को होंगे। वहीं नतीजे 8 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे। प्रमुख राजनीतिक दलों में नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC), पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP), कांग्रेस और BJP शामिल हैं। इसमें कई क्षेत्रीय पार्टियां भी हैं जैसे अपनी पार्टी, पीपुल्स कॉन्फ्रेंस और डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (DPAP)।