अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर योगाचार्य ने मांगा वचन…..

आज विश्व योग दिवस के अवसर पर मैं योगाचार्य अमित सिंह बिष्ट आपसे करबद्ध तीन प्रण चाहता हूं सभी तक इस संदेश को पहुंचाने की कृपा करें …..

पहला योग को योग ही कहें योगा नहीं क्योंकि योगा का कोई अर्थ नहीं है इसके लिए मैं स्वतंत्र संवाद के लिए तैयार हूं।

दूसरा योग सबका है और सबके लिए है चाहे वह ईश्वर की उपासना करने वाला व्यक्ति हो, या अल्लाह की इबादत करने वाला या गुरूओं की अरदास करने वाला व्यक्ति हो और या गॉड की प्रेयर करने वाला क्योंकि स्वस्थ रहने का अधिकार सबको है।

तीसरा योग मात्र इवेंट नहीं लाइफ मैनेजमेंट है योग को अपने दैनिक जीवन का हिस्सा बनायें *शरीर माद्यम खलु धर्म साधनम्*

सांसारिक वस्तुओं का भोग तभी कर पायेंगे जब स्वस्थ रहेंगे

—–योगाचार्य अमित सिंह बिष्ट