President Draupadi Murmu: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू उत्तराखंड दौरे पर हैं। उन्होंने शुक्रवार को कई कार्यक्रमों में हिस्सा लिया। राष्ट्रपति का 67वां जन्मदिन भी था। शुक्रवार को जब उन्होंने देहरादून स्थित राष्ट्रीय दृष्टिबाधित सशक्तिकरण संस्थान (NIEPVD) का दौरा किया, तो वहां नेत्रहीन बच्चों ने उनके 67वें जन्मदिन पर एक गीत गाकर उन्हें शुभकामनाएं दीं।
बच्चों का भावपूर्ण गायन सुनकर राष्ट्रपति भावुक हो गईं और उनकी आंखों से आंसू निकल आए। दिव्यांग बच्चों का कार्यक्रम देखकर न सिर्फ राष्ट्रपति, बल्कि मंच पर मौजूद मुख्यमंत्री धामी, केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार और राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) भी भावुक हो गए।
नेत्रहीन बच्चों गीत सुनकर भावुक हुईं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू
राष्ट्रपति ने इन दृष्टिबाधित बच्चों को चश्मा लगाकर सम्मानित किया। राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, वह इन बच्चों की प्रतिभा से बेहद प्रभावित हैं। हम जिस तरह से दिव्यांगजनों के लिए काम कर रहे हैं, इसका जीता जागता उदाहरण देहरादून में देखने के लिए मिलता है। मैं अपने जन्मदिन के मौके पर यहां पर आकर बेहद खुश हूं। जब मैं बच्चों को गाते हुए देख रही थी, तो मेरे आंखों से आंसू नहीं रुक रहे थे। यह बच्चे गले से नहीं हृदय से गा रहे थे। मुझे लगता है कि सरस्वती उनके गले में बैठी हैं।
राजभवन नैनीताल के 125 वर्ष पूर्ण होने पर विशेष डाक टिकट जारी
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने राष्ट्रपति निकेतन में आयोजित एक कार्यक्रम में उत्तराखण्ड के ऐतिहासिक राजभवन नैनीताल के 125 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में विशेष डाक टिकट जारी किया। इस अवसर पर राज्यपाल भी उपस्थित रहे। उन्होंने राष्ट्रपति का इस ऐतिहासिक धरोहर को राष्ट्रीय स्मृति में स्थान दिलाने हेतु आभार प्रकट किया।
इस अवसर पर राज्यपाल ने राष्ट्रपति को ‘‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’’ काफी टेबल बुक भी भेंट की। यह कॉफी टेबल बुक राजभवन में मनाए जाने वाले प्रत्येक राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के राज्य स्थापना दिवस पर आधारित है।
राष्ट्रपति तपोवन और राष्ट्रपति निकेतन का उद्घाटन
वहीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने देहरादून में राष्ट्रपति तपोवन और राष्ट्रपति निकेतन का उद्घाटन किया। उन्होंने आगंतुक सुविधा केंद्र, कैफेटेरिया और सोविनियर शॉप सहित सार्वजनिक सुविधाओं का उद्घाटन किया और राष्ट्रपति निकेतन में राष्ट्रपति उद्यान की आधारशिला रखी। उन्होंने गुरुवार को (19 जून) को राष्ट्रपति निकेतन में एक एम्फीथिएटर का भी उद्घाटन किया।
देहरादून में राजपुर मार्ग पर स्थित राष्ट्रपति तपोवन, हिमालय की तलहटी के 19 एकड़ में विस्तारित राष्ट्रपति भू-सम्पदा का एक हिस्सा है और यह आध्यात्मिक आश्रय स्थल और पारिस्थितिकी संरक्षण को प्रोत्साहित करता है। यहां देशी वनस्पतियों से समृद्ध एक घने जंगल, तपोवन में 117 पौधों की प्रजातियां, 52 तितलियां, 41 पक्षी प्रजातियां और 7 जंगली स्तनधारी हैं, जिनमें कुछ संरक्षित प्रजातियां भी शामिल हैं। इस क्षेत्र में प्राकृतिक बांस के बाग़ और एकांत वनस्थली पारिस्थितिकी तंत्र मौजूद है।
राष्ट्रपति निकेतन की स्थापना 1976 में राष्ट्रपति निवास के रूप में की गई थी। इसकी समृद्ध विरासत 1838 से चली आ रही है, जब यह एस्टेट गवर्नर जनरल के अंगरक्षक के लिए ग्रीष्मकालीन शिविर के रूप में कार्य करता था। यह 21 एकड़ में फैला हुआ है और इसमें लिली तालाब, ऐतिहासिक इमारतें, बाग और अस्तबल शामिल हैं। 132 एकड़ में विस्तारित यह राष्ट्रपति उद्यान, सार्वजनिक पार्क, सुगमता और पारिस्थितिकी उत्तरदायित्व का एक मॉडल होने के साथ-साथ दिव्यांगजनों के लिए सार्वजनिक उद्यान के रूप में पूरी तरह से सुलभ होगा।इसका उद्देश्य नागरिकों के बीच स्वास्थ्य, संस्कृति और नागरिक गौरव को बढ़ावा देने के लिए सामुदायिक सहभागिता केंद्र बनना है।
जैव विविधता पर पुस्तक का भी विमोचन किया
इस अवसर पर राष्ट्रपति निकेतन, राष्ट्रपति तपोवन और राष्ट्रपति उद्यान की जैव विविधता पर एक पुस्तक का भी विमोचन किया गया। इस पुस्तक में राष्ट्रपति निकेतन, तपोवन और उद्यान की 300 से अधिक वनस्पतियों और 170 से अधिक जीवों की प्रजातियों का विवरण है, जिनमें तितलियाँ, पक्षी और स्तनधारी शामिल हैं। राष्ट्रपति तपोवन और राष्ट्रपति निकेतन क्रमशः 24 जून और 1 जुलाई, 2025 से आम जनता के दर्शनार्थ खुले रहेंगे।
राष्ट्रीय दृष्टि दिव्यांगजन सशक्तिकरण संस्थान का दौरा
राष्ट्रपति ने देहरादून में राष्ट्रीय दृष्टि दिव्यांगजन सशक्तिकरण संस्थान का दौरा किया और छात्रों से वार्तालाप भी किया। उन्होंने मॉडल स्कूल विज्ञान प्रयोगशाला और कंप्यूटर प्रयोगशाला के साथ-साथ एक प्रदर्शनी का भी दौरा किया।
इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि किसी देश या समाज की प्रगति का आकलन इस बात से लगाया जा सकता है कि उस समाज में लोग दिव्यांगजनों के साथ कैसा व्यवहार करते हैं। भारत का इतिहास संवेदनशीलता और समावेशिता के प्रेरक प्रसंगों से भरा पड़ा है। हमारी संस्कृति और सभ्यता में मानवीय करुणा और प्रेम के भाव हमेशा से शामिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि सुगम्य भारत अभियान के माध्यम से, जो एक सुलभ भौतिक वातावरण, परिवहन, सूचना और संचार पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने पर जोर देता है, सरकार दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण और समान भागीदारी के लिए प्रयास कर रही है।
राष्ट्रपति ने कहा कि आज का युग विज्ञान और प्रौद्योगिकी का युग है। उन्नत प्रौद्योगिकी की सहायता से दिव्यांगजन भी मुख्यधारा में अपना योगदान दे सकते हैं। उन्हें यह जानकर प्रसन्नता हुई कि राष्ट्रीय दृष्टि दिव्यांगजन सशक्तीकरण संस्थान समावेशी शिक्षा प्रणाली और नवीनतम तकनीकी संसाधनों के माध्यम से छात्रों के सर्वांगीण विकास पर विशेष बल दे रहा है। उन्होंने कहा कि समाज को जीवन के हर क्षेत्र में दिव्यांगजनों को प्रोत्साहित करने के लिए प्रयास करने चाहिए।
राष्ट्रपति मातृशक्ति की प्रतिमूर्ति हैं -राज्यपाल
कार्यक्रम में उपस्थित राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को जन्मदिन की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति मातृशक्ति की प्रतिमूर्ति हैं, जिनका जीवन समर्पण, सेवा और सशक्तीकरण का प्रेरणास्रोत है। इस अवसर पर राज्यपाल ने संस्थान के समर्पित शिक्षकगणों, प्रशिक्षकों और कर्मचारियों की सराहना की जो वर्षों से दृष्टिबाधित दिव्यांगजनों के जीवन में प्रकाश और आत्मनिर्भरता का दीप प्रज्वलित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय दृष्टि दिव्यांगजन सशक्तीकरण जैसे संस्थान समावेशी, समानता-आधारित और करुणामय समाज के निर्माण में अहम भूमिका निभा रहे हैं।
हमेशा वंचितों के लिए कार्य किया – मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रपति को लंबी और स्वस्थ आयु की शुभकामनाएं दीं और कहा कि उनका जीवन संघर्षों से भरा रहा है, लेकिन उन्होंने हमेशा वंचितों के लिए कार्य किया है। बता दें कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू उत्तराखंड के तीन दिवसीय दौरे पर हैं। राष्ट्रपति शनिवार को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर पुलिस लाइन में योग कार्यक्रम में हिस्सा लेंगी और इसके बाद दिल्ली लौटेंगी।