देवरा यात्रा की शुरुआत: भक्तों को दर्शन देने 14 साल बाद गर्भ गृह से बाहर आयी राजराजेश्वरी चंडिका देवी

सिद्धपीठ राजराजेश्वरी चंडिका देवी 14 साल बाद आज अपने गर्भ गृह से बाहर आ गयी है। इसी के साथ मां चण्डिका की देवरा यात्रा की भी शुरूआत हो गयी है। अब देवी 10 महीनों के क्षेत्र भ्रमण के लिए जाएंगी और भक्तों को अपना आशीर्वाद देगी।


कर्णप्रयाग के निकट सिमली में स्थित सिद्धपीठ राजराजेश्वरी का पौराणिक मंदिर स्थित है । 14 साल बाद मां चंडिका अपने भक्तों को दर्शन देने के लिए गर्भ गृह से बाहर आ गयी है । इस दौरान हजारों की संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे ।

शनिवार को विधि-विधान से बसक्वाली गांव से सेनू के ग्रामीण लाटू देवता का निशान सिमली चंडिका मंदिर लेकर आए। जिसके बाद लाटू देवता के आव्हान पर मां चंडिका भ्रमण के लिए गर्भ गृह से बाहर आयी। इस भाई बहन मिलन के मार्मिक दृश्य को देखकर सभी भक्त उत्साहित हुए और  माता के जयकारों से पूरा मंदिर परिसर भक्तिमय हो गया है। इस अवसर पर बड़ी संख्या में महिलाओं और पुरुषों में देवता अवतरित भी हुए।

अब 10 माह के भ्रमण के लिए होगी रवाना

देवी के बाहर आते ही चंडिका देवी की बन्याथ यात्रा यानी देवरा यात्रा की भी शुरूआत हो गई है। अब तीन दिनों तक मंदिर परिसर में पूजा अर्चना के बाद 11 सितंबर को देवी 10 माह के भ्रमण के लिए रवाना होंगी।

मंदिर समिति के लोगों ने जानकारी देते हुए कहा कि गढ़वाल के 6 जिलों के सैकड़ो गांव का मा चंडिका की बन्याथ यात्रा भ्रमण करेगी । बन्याथ यात्रा को लेकर क्षेत्रीय लोगो मे खास उत्साह देखा गया ।

इस मौके पर क्षेत्रीय विधायक अनिल नौटियाल द्वारा मां चण्डिका देवी की पूजा अर्चना करते हुए क्षेत्र की खुशहाली और सुख समृद्धि की कामना की गई। मंदिर परिसर में बने पांडल में महिला मंगल दलों, युवक मंगल दलों, स्कूली छात्रों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये।