Rishikesh: एम्स में राज्यपाल ने किया हेलीकॉप्टर इमरजेंसी मेडिकल सर्विस के प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारम्भ

Rishikesh: एम्स ऋषिकेश में आज हेलीकॉप्टर इमरजेंसी मेडिकल सर्विस के प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारम्भ राज्यपाल Lt Gen गुरमीत सिंह ने किया। फ्रेंच एकेडमी ऑफ मेडिसिन तथा एयरबस फाउंडेशन के सहयोग से तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम की आज से शुरुआत हुई है।

प्रशिक्षण कार्यक्रम में चिकित्सकों, पैरामेडिकल स्टाफ, तकनीशियनों और पायलटों को उच्च स्तरीय आपातकालीन चिकित्सा प्रक्रियाओं का प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। राज्यपाल ने इसे उत्तराखण्ड जैसे पर्वतीय राज्य के लिए “जीवनरक्षक पहल” और “एक नई आशा” बताया।

 

राज्यपाल ने कहा कि किसी भी आपदा या दुर्घटना के पश्चात् ‘गोल्डन आवर’ में चिकित्सा सहायता मिलना जीवन बचाने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। पर्वतीय क्षेत्रों में सड़क मार्ग बाधित होने, भूस्खलन और कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के कारण उपचार में कठिनाई रहती है। उन्होंने कहा कि ऐसे में हेलीकॉप्टर मेडिकल सर्विस उत्तराखण्ड के लिए एक वरदान सिद्ध होगी।

 

राज्यपाल ने कहा कि हेलीकॉप्टर में उपचार देना अत्यधिक जटिल कार्य है, जिसके लिए विशेष दक्षता और त्वरित निर्णय क्षमता की आवश्यकता होती है। यह प्रशिक्षित दल भविष्य में अनगिनत जिंदगियों को बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने फ्रेंच एकेडमी ऑफ मेडिसिन तथा एयरबस फाउंडेशन द्वारा भारत के साथ किए गए सहयोग की सराहना करते हुए कहा कि यह ज्ञान-साझेदारी भारत के स्वास्थ्य तंत्र को और मजबूत बनाएगी तथा डॉक्टरों और छात्रों को वैश्विक मानकों का अनुभव प्रदान करेगी।

 

राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखण्ड में स्वास्थ्य सेवाओं की भौगोलिक चुनौतियों को देखते हुए एआई आधारित निदान, ड्रोन के माध्यम से दवाओं का परिवहन, टेलीमेडिसिन तथा हेली एंबुलेंस जैसी नवाचार-आधारित सेवाएं भविष्य में स्वास्थ्य तंत्र को और मजबूत करेंगी।

 

उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह सेवा न केवल उत्तराखण्ड बल्कि पूरे देश के लिए आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं में क्रांतिकारी परिवर्तन लाएगी। उन्होंने एम्स ऋषिकेश द्वारा ‘प्रोजेक्ट संजीवनी’ के अंतर्गत निःशुल्क हेलीकॉप्टर इमरजेंसी मेडिकल सर्विस शुरू करने को “मानवता की सच्ची सेवा” कहा। उन्होंने केंद्र सरकार के नागरिक उड्डयन मंत्रालय तथा उत्तराखण्ड सरकार के समन्वित सहयोग की सराहना की।