Rajouri Encounter : किसी की दो हफ्तों में शादी होने वाली थी, किसी के घरवाले दुल्हन खोज रहे थे। किसी का भाई भी शहीद हो चुके हैं। तो कोई छुट्टी पर घर जाने को काफी उत्सुक था।
जम्मू कश्मीर के राजौरी में आतंकियों के साथ हुई मुठभेड़ में सेना के पांच जवान शहीद हो गए हैं। पांचों जवानों में दो कैप्टन भी थे। राजौरी बाजीमल इलाके में 36 घंटे तक चली इस मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने भी लश्कर के दो आतंकियों को मार गिराया है। भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने मुठभेड़ में शहीद हुए पांच सैनिकों को श्रद्धांजलि दी है।
राजौरी में 5 जवान हुए शहीद
इस मुठभेड़ में शहीद हुए अफसरों और जवानों में, कैप्टन एमवी प्रांजल (MV Pranjal), जो मैंगलोर, कर्नाटक से थे। कैप्टन शुभम गुप्ता (captain Shubham Gupta) जो आगरा, उत्तर प्रदेश थे। हवलदार अब्दुल माजिद (havaldar Abdul Majid), जो पुंछ, जम्मू कश्मीर थे। लांस नायक संजय बिष्ट (lance naik Sanjay Bist), जो नैनीताल, उत्तराखंड से थे और पैराट्रूपर सचिन लौर (paratrooper Sachin Laur) जो अलीगढ़, यूपी से थे।
कैप्टन एमवी प्रांजल
1.कैप्टन एमवी प्रांजल: ये घर के थे इकलौते बेटे
राजौरी में सर्वोच्च बलिदान देने वाले जवानों में कैप्टन एमवी प्रांजल भी शामिल हैं। कैप्टन प्रांजल 63 राष्ट्रीय राइफल्स में तैनात थे। कर्नाटक के मैसूर के रहने वाले सेना के अफसर कैप्टन प्रांजल सिर्फ 28 साल के थे। वे Manglore Refinery के पूर्व MD वेंकटेस के इकलौते बेटे थे। प्रांजल की शादी दो साल पहले बेंगलुरु की अदिति से हुई थी। शादी से कुछ समय पहले ही उनकी तैनाती कश्मीर में हुई थी।
कैप्टन शुभम गुप्ता
2.कैप्टन शुभम गुप्ता: घरवाले खोज रहे थे दुल्हन
आगरा के कैप्टन शुभम गुप्ता भी राजौरी मुठभेड़ में शहीद हो गए। कैप्टन शुभम के पिता बसंत गुप्ता आगरा में डिस्ट्रिक्ट गवर्नमेंट काउंसलर जिला अदालत में है। परिवारवाले इस साल शुभम की शादी की तैयारियों में थे। इसी बीच शुभम के शहीद होने की खबर आ गई।
हवलदार अब्दुल माजिद
3.हवलदार अब्दुल माजिद: 2017 में भाई भी हुए थे शहीद
इस मुठभेड़ में जम्मू कश्मीर के अब्दुल माजिद भी शहीद हुए हैं। माजिद एक पैरा कमांडो थे। इनका परिवार एलओसी पर जीरो-लाइन और सीमा बाड़ के बीच स्थित अजोट गांव में रहता है। माजिद अपने पीछे अपनी पत्नी और तीन बच्चों को छोड़ गए हैं। माजिद के भाई भी कश्मीर लाइट इन्फेंट्री (जेकेएलआई) के जवान थे और 2017 में पुंछ में शहीद हुए थे।
लांस नायक संजय बिष्ट
4.लांस नायक संजय बिष्ट: 12 साल पहले सेना में हुए थे भर्ती
आतंकियों से लोहा लेते हुए उत्तराखंड के संजय बिष्ट की शहीद हो गए। वे 19 कुमाऊं पैरा में तैनात थे। संजय बिष्ट नैनीताल के रामगढ़ के हली गांव के रहने वाले थे। अभी उनकी शादी नहीं हुई थी। संजय 2012 में सेना में भर्ती हुए थे। संजय अपने पीछे पिता दीवान सिंह, मां मंजू, बहन ममता और भाई को छोड़ गए हैं।
पैरा ट्रूपर सचिन लौर
5.पैरा ट्रूपर सचिन लौर: 8 दिसंबर को होनी थी शादी
इस मुठभेड़ में उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ के जवान सचिन लौर शहीद हो गए हैं। सचिन की शादी तय हो गई थी। सचिन की आज से ठीक 15 दिन बाद यानी 8 दिसंबर को शादी थी। सचिन के अलावा परिवार में बड़े भाई और माता पिता हैं। सचिन के पिता किसान हैं। सचिन की शहादत की खबर सुनकर पूरे गांव में मातम छा गया।
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