पढ़ाई से ज्यादा रिश्तों से तंग हैं छात्र, रिसर्च में खुलासा

एक समय था, जब बच्चे सिर्फ पढ़ाई और परीक्षा का स्ट्रेस लेते थे। लेकिन अब बदलते वक्त के साथ बच्चों की प्रायोरिटी में भी बदलाव आया है। अब वह पढ़ाई-लिखाई के अलावा रिश्तों को लेकर भी तनाव में रहने लगे हैं। कोई परीक्षा का तनाव लेता है। कोई घरवालों के प्रेशर का तो कोई दोस्तों या गर्लफ्रेंड बॉयफ्रेंड के प्रेशर में है। कम उम्र से ही बच्चे तनाव वाला जीवन जीने लगे हैं। ऐसे में दिल्ली यूनिवर्सिटी के कई कॉलेजों ने अपने स्टूडेंट्स पर एक रिसर्च की है। रिसर्च में कुछ चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। तो आईये जानते हैं….

Students are more worried about relationships than studies

1 हजार से ज्यादा छात्रों पर हुई रिसर्च

दिल्ली यूनिवर्सिटी की इस रिसर्च में 1014 स्टूडेंट्स शामिल थे। इनमें से 88.8 फीसदी से ज्यादा छात्रों ने मेंटल हेल्थ को फिजिकल हेल्थ से ज्यादा जरूरी बताया है। 74.8 फीसदी छात्र स्टूडेंट्स पॉलिटिक्स को लेकर चिंतित थे और सिर्फ 36.9 फीसदी युवाओं को उनका सामना करने का ज्ञान था। कई स्टूडेंट्स ने माना कि वह मेंटल हेल्थ से जुड़े गंभीर लक्षणों से परेशान हैं लेकिन किसी से भी शेयर नहीं कर पा रहे हैं।

रिश्तों के दबाव में हैं बच्चे

दिल्ली यूनिवर्सिटी की यह रिसर्च जर्नल ऑफ इंट्रीग्रेटेड साइंस एंड टेक्नोलॉजी में पब्लिश हुई थी। रिसर्च का नाम ‘इन्वेस्टिंग द एटीट्यूड्स एंड करेंट ट्रेंड्स इंफ्लुएंसिंग मेंटल हेल्थ इन द अंडरग्रेजुएट स्टूडेंट्स ऑफ यूनिवर्सिटी ऑफ दिल्ली’ है। इसमें सामने आया कि बच्चों के मुख्य तनाव के सोर्स में माता-पिता और दोस्तों का दबाव भी शामिल है।

बच्चों की मेंटल हेल्थ को लेकर सजग

दिल्ली यूनिवर्सिटी की इस रिसर्च में स्टूडेंट्स ने अपनी मेंटल हेल्थ पर बात की है । इससे यह भी समझ में आता है कि अब अभिभावकों, स्कूलों और कॉलेजों को बच्चों की मेंटल हेल्थ को लेकर सजग हो जाना चाहिए। ऐसा न करने पर भविष्य में परेशानी उठानी पड़ सकती है।

तीन शादियां और छह बार PM, जानिए नेतन्याहू की जिंदगी के अनसुने किस्से

बोर्ड परीक्षा में ध्यान रखें अभिभावक

बच्चे बोर्ड परीक्षा 2024 की तैयारी शुरू कर चुके हैं । नवंबर-दिसंबर से स्कूलों में प्री बोर्ड परीक्षा 2024 शुरू हो जाएगी। इस बीच काफी स्टूडेंट्स बोर्ड रिजल्ट के तनाव का शिकार होने लगेंगे। ऐसे में यह माता-पिता और स्कूलों की जिम्मेदारी बनती है कि वह बच्चों को बोर्ड एग्जाम स्ट्रेस से दूर रखने में उनकी मदद करें।