Swachh Survekshan: केंद्र सरकार की स्वच्छता सर्वेक्षण (Cleanliness Survey 2024-25) रिपोर्ट जारी हुई हैं। इस साल देशभर में इंदौर (Swachh Bharat Mission) एक बार फिर अव्वल रहा है, जिसने लगातार आठवीं बार सबसे स्वच्छ शहर का खिताब जीता है।
लालकुआं नगर पंचायत को प्रदेश में पहला स्थान
वहीं उत्तराखंड की बात करें तो इस बार स्वच्छता सर्वेक्षण में लालकुआं नगर पंचायत ने प्रदेश में पहला स्थान प्राप्त किया है। साथ ही पूरे देश की 2 हजार 35 नगर पंचायतों में 54वां स्थान प्राप्त कर एक नया इतिहास रच दिया है। वहीं राजधानी देहरादून ने भी बीते साल की तुलना में बेहतर प्रदर्शन करते हुए छह स्थान की छलांग लगाकर 62वीं रैंक हासिल की है। बीते गुरुवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित समारोह में पुरस्कार वितरण किए गए।
27 निकायों का प्रदर्शन राष्ट्रीय स्तर पर सुधरा
उत्तराखंड राज्य के 107 में से 27 निकायों का प्रदर्शन राष्ट्रीय स्तर पर सुधरा है। गंगा घाटों के मामले में ऋषिकेश के गंगा घाट सबसे साफ पाए गए हैं। शहरी विकास विभाग की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, पिछले वर्ष की तुलना में इस बार छोटे निकायों जैसे नगर पालिका और नगर पंचायतों ने खूब अंक कमाए हैं। उनकी रैंकिंग में भी 2800 से अधिक तक का सुधार दर्ज किया गया है।
50 हजार से तीन लाख आबादी वर्ग में देखें तो रुद्रपुर की रैंकिंग में 349, डोईवाला की रैंकिंग में 1219, पिथौरागढ़ में 2434, कोटद्वार में 73, ऋषिकेश में 55, रामनगर में 1913 का सुधार हुआ है। 20,000 से 50,000 आबादी वर्ग में मसूरी की रैंकिंग में 1172, मुनि-की-रेती में 627, टिहरी में 1770, लक्सर में 1031, सितारगंज में 2844, टनकपुर में 2869, अल्मोड़ा में 2334, बागेश्वर में 2502, बाजपुर में 2267 और नैनीताल में 776 का सुधार आया है।
इसी प्रकार, 20,000 से कम आबादी वर्ग में लालकुआं की रैंकिंग में 1697, भीमताल की रैंकिंग में 2857, भवाली की 2738, चिन्यालीसौड़ की 2651, विकासनगर की 2173, बड़कोट की 2884, गुलरभोज की 1566, नरेंद्रनगर की 809, लोहाघाट की 1967 और भिकियासैंण की रैंकिंग में 1636 का सुधार दर्ज किया गया है। हल्द्वानी, हरिद्वार, काशीपुर, रुड़की का प्रदर्शन काफी कमतर रहा है।
स्वच्छता रैंकिंग में छाए लालकुआं, रुद्रपुर, मसूरी
केंद्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय की स्वच्छता रैंकिंग में इस बार लालकुआं को राष्ट्रपति ने उभरते हुए स्वच्छ शहर के तौर पर पुरस्कृत किया है। रैंकिंग में रुद्रपुर और मसूरी ने भी शानदार प्रदर्शन किया है।
पिछले वर्ष नगर निगम देहरादून व नगर पालिका मुनिकीरेती को राष्ट्रपति ने सम्मानित किया था। इस बार नगर निगम की राष्ट्रीय रैंक तो छह अंक सुधरी है, लेकिन राज्य रैंक पहले से खिसरकर 13वें स्थान पर आ गई है। मुनिकीरेती की राज्य रैंक भी अपनी श्रेणी में पहले से खिसककर 17वें स्थान पर आ गई है। डोर-टू-डोर कूड़ा एकत्रीकरण में राज्य का प्रदर्शन पिछले साल के 69.76 प्रतिशत से गिरकर 56.6 प्रतिशत पर आ गया है।
कचरा मुक्त शहरों की श्रेणी में मामूली सुधार
कचरा मुक्त शहरों की श्रेणी में प्रदर्शन में मामूली सुधार आया है। पिछले साल केवल नगर निगम देहरादून को इस श्रेणी में 3 स्टार मिले थे। इस साल लालकुआं, रुद्रपुर, डोईवाला, विकासनगर को इस श्रेणी में एक स्टार मिला है। देहरादून का प्रदर्शन इस बार शून्य रहा।
लैंसडौन कैंट को 17वां स्थान
उत्तराखंड के नौ कैंटोनमेंट बोर्ड में से लैंसडोन को 17वां स्थान मिला है। रानीखेत को 18वां, रुड़की को 22वां, देहरादून गढ़ी कैंट को 29वां, अल्मोड़ा कैंट को 36वां, क्लेमेंटटाउन देहरादून कैंट को 41वां, चकराता कैंट को 46वां, मसूरी के लंढौर कैंट को 50वां और नैनीताल कैंट को 52वां स्थान मिला है।
गंगा टाउन में उत्तराखंड का प्रदर्शन
इस श्रेणी में प्रयागराज को पहला स्थान मिला है। उत्तराखंड के मुनिकीरेती को 17वां, हरिद्वार को 18वां, गौचर को 27वां, श्रीनगर को 30वां, चमोली-गोपेश्वर को 32वां, रुद्रप्रयाग को 34वां, बाड़ाहाट उत्तरकाशी को 38वां, नंद्रप्रयाग को 40वां, कर्णप्रयाग को 43वां, कीर्तिनगर को 46वां, जोशीमठ को 57वां स्थान मिला है। इस श्रेणी में विभिन्न राज्यों के 88 निकाय शामिल हैं, जिनकी रैंकिंग हुई है।
उत्तराखंड के प्रमुख 20 शहरी निकायों की रैंकिंग
प्रदेश रैंक- नगर निकाय राष्ट्रीय रैंक (2024)
1. लालकुआं – 54
2 रुद्रपुर – 68
3 मसूरी – 169
4 डोईवाल – 299
5 पिथौरागढ़ – 177
6 भीमताल – 350
7 भवाली – 352
8 चिन्यालीसौड़ – 357
9 कोटद्वार – 232
10 ऋषिकेश – 249
11 विकासनगर – 510
12 बड़कोट – 527
13 देहरादून – 62
14 हल्द्वानी – 291
15 रामनगर – 295
16 गुलरभोज – 631
17 मुनिकीरेती – 561
18 नरेंद्रनगर – 662
19 लोहाघाट – 670
20 हरिद्वार – 363