“एक महान शिक्षक एक महान कलाकार होता है.”- राल्फ वाल्डो इमर्सन
“शिक्षक, एक ऐसा इंसान है जो जीवित और सीखने के लिए उत्सुक अन्य मनुष्यों को ज्ञान प्रदान करता है.”- गॉर्डन ब्राउन
“आपका सबसे बड़ा दुश्मन ही आपका सबसे अच्छा शिक्षक होता है” – बुद्ध
“शिक्षकों का कर्तव्य हमारी ज्ञान के पेड़ को पकड़ना और हमें अपार उच्चताओं तक ले जाना है.”- अल्बर्ट आइंस्टीन
“जो गुरु शिष्य को एक अक्षर का भी ज्ञान देता है, उसके ऋण से मुक्त होने के लिए उसे देने योग्य पृथ्वी में कोई पदार्थ नहीं है.” – चाणक्य
“मैं जीने के लिए अपने पिता का ऋणी हूं, पर अच्छे से जीने के लिए अपने गुरु का. ”- अलेक्जेंडर
“शिक्षक वह नहीं जो छात्र के दिमाग में तथ्यों को जबरन ठूंसे, बल्कि वास्तविक शिक्षक तो वह है जो उसे आने वाले कल की चुनौतियों के लिए तैयार करे.” – डॉ.सर्वपल्ली राधाकृष्णन
Teacher’s Day 2023: अज्ञान से ज्ञान की ओर ले जाने वाले गुरु को भगवान का दर्जा दिया जाता है। हमारे जीवन में गुरु का बड़ा महत्व है। बच्चे का पहला गुरु मां-बाप को माना गया है। इसके बाद जब बच्चा स्कूल जाता है तो शिक्षक उसे सब्जेक्ट का ज्ञान देने के साथ आगे बढ़ने के लिए मार्गदर्शित करते हैं। देश के पहले उपराष्ट्रपति और पूर्व राष्ट्रपति, दार्शनिक विद्वान, भारत रत्न से सम्मानित सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन के मौके पर 5 सितंबर को हर साल शिक्षक दिवस मनाया जाता है। इस दिन देश में शिक्षकों के अद्वितीय योगदान को प्रोत्साहित और उन सभी शिक्षकों को सम्मानित किया जाता है, जिन्होंने अपनी प्रतिबद्धता और समर्पण के माध्यम से न केवल शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार किया है बल्कि अपने छात्रों के जीवन को भी समृद्ध बनाया है। ऐसे में आइए जानते हैं कि इसका इतिहास क्या है?
शिक्षक दिवस का इतिहास
डॉ. एस राधाकृष्णन का जन्म आज ही के दिन 5 सितंबर 1888 को हुआ था। 1962 में जब डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने भारत के दूसरे राष्ट्रपति के रूप में पदभार संभाला तो उनके छात्र 5 सितंबर को एक विशेष दिन के रूप में मनाने की अनुमति मांगने के लिए उनके पास पहुंचे। जिस पर उन्होंने छात्रों से समाज में शिक्षकों के अमूल्य योगदान को बताने के लिए 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाने का अनुरोध किया। डॉ. राधाकृष्णन ने एक बार कहा था कि “शिक्षकों को देश में सर्वश्रेष्ठ दिमाग वाला होना चाहिए।” 1954 में उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।
शिक्षक दिवस का महत्व
5 सितंबर को स्कूलों, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों और शैक्षणिक संस्थानों में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। छात्र अपने प्रिय शिक्षकों के प्रति अपनी प्रशंसा व्यक्त करने के लिए कई तरह के कार्यक्रम भी करते हैं। इस दिन कई स्कूलों में छात्र खुद शिक्षक बनते हैं। साथ ही वे उन गुरुओं को भी याद करते हैं, जो स्कूल छोड़ चुके होते हैं।
स्कूली छात्र देते हैं अपने शिक्षकों को गिफ्ट
स्कूली छात्रों के लिए यह दिन उत्सव का दिन होता है। इस दिन बच्चे चॉकलेट और मिठाइयां व अन्य तरह की ग्रीटिंग भी टीचर्स को देते हैं। इस दिन छात्र अपने शिक्षकों के लिए स्कूलों और कॉलेजों में सांस्कृतिक कार्यक्रम और कार्यक्रम आयोजित करते हैं। वरिष्ठ छात्र अक्सर औपचारिक रूप से कपड़े पहनते हैं और कक्षाओं का कार्यभार संभालते हैं।