अर्थशास्त्र के लिए नोबेल पुरस्कार 2023 का ऐलान कर दिया गया है। इस साल अल्फ्रेड नोबेल की स्मृति में 2023 के स्वेरिग्स रिक्सबैंक पुरस्कार क्लाउडिया गोल्डिन को दिया गया है। उन्हें श्रम बाजार में महिलाओं पर उनके शोध के लिए अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार मिला है।
पिछले साल अर्थशास्त्र के नोबेल पुरस्कार बेन एस बर्नानके, डगलस डब्ल्यू डायमंड और फिलिप एच डायबविग को दिए गए थे। इन्हें बैंकों और वित्तीय संकटों पर शोध के लिए सम्मानित किया गया था।
आर्थिक, श्रम अर्थशास्त्री के रूप में है पहचान
गोल्डिन को अमेरिकी अर्थव्यवस्था में महिलाओं पर उनके ऐतिहासिक काम के लिए जाना जाता है। क्लाउडिया गोल्डिन हार्वर्ड विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र की हेनरी ली प्रोफेसर हैं। वह 1989 से 2017 तक एनबीईआर के अमेरिकी अर्थव्यवस्था कार्यक्रम के विकास की निदेशक थीं। वह एनबीईआर के जेंडर इन द इकोनॉमी ग्रुप की सह-निदेशक भी हैं।
शोध से अर्थव्यवस्था में जेंडर गैप की मिलती है जानकारी
नोबेल समिति ने पुरस्कार की घोषणा के दौरान कहा कि गोल्डिन ने अपने शोध से सदियों से महिलाओं की कमाई और श्रम बाजार के परिणामों का पहला व्यापक विवरण प्रदान किया है। समिति ने कहा कि उनके शोध से नए पैटर्न का पता चलता है, परिवर्तन के कारणों की पहचान होती है और जेंडर गैप के बारे में भी जानकारी मिलती है।
1969 से दिया जा रहा है अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार
आर्थिक विज्ञान में सेवरिग्स रिक्सबैंक पुरस्कार अल्फ्रेड नोबेल की स्मृति में दिया जाता है। बता दें कि अल्फ्रेड नोबेल ने अपनी वसीयत में अर्थशास्त्र पुरस्कार का उल्लेख नहीं किया था। स्वेरिग्स रिक्सबैंक ने 1968 में पुरस्कार की स्थापना की और रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज को 1969 में शुरू होने वाले आर्थिक विज्ञान में पुरस्कार विजेताओं के चयन का कार्य दिया गया था।
पुरस्कार राशि के रूप में नौ लाख सात हजार डॉलर
अल्फ्रेड नोबेल की स्मृति में अर्थशास्त्र क्षेत्र में दिए जाने वाले स्वेरिजेस रिक्सबैंक पुरस्कार के विजेता को 10 मिलियन स्वीडिश क्रोना यानी करीब नौ लाख सात हजार डॉलर दिए जाते हैं।