UKSSSC Paper Leak : उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग पेपर लीक मामले में उत्तराखंड सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में एक स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) बनाने की घोषणा की है। एसआईटी को एक महीने के अंदर अपनी जांच पूरी कर रिपोर्ट शासन को सौंपनी होगी। जांच पूरी होने तक परीक्षा परिणाम घोषित नहीं किया जाएगा।
मुख्य सचिव आनंद वर्द्धन ने इसे लेकर मीडिया से बातचीत में कहा कि जांच एसआईटी को सौंपी गई है। जांच निष्पक्ष ढंग से हो इसके लिए यह भी एसआईटी जांच की निगरानी हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जज के द्वारा की जाएगी। सेवानिवृत्त जज और एसआईटी सभी जिलों में जाएंगे, इस दौरान कोई भी व्यक्ति उन तक परीक्षा से संबंधित तथ्य और सूचना दे सकता है। उन्होंने बताया कि जांच एक माह में सम्पन्न की जाएगी, जांच पूरी होने तक भर्ती परीक्षा की आगे की प्रक्रिया को स्थगित करने के लिए अधीनस्थ सेवा चयन आयोग से आग्रह किया गया है।
उन्होंने कहा कि एसआईटी जांच में दोषी व्यक्ति के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। साथ ही भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हो इसके लिए भी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। साथ ही विवादों के केंद्र में स्थित हरिद्वार के परीक्षा केंद्र पर जिस भी व्यक्ति की लापरवाही सामने आती है, उनके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार के लिए छात्रों का हित सबसे ऊपर है। साथ ही यह भी उतना ही महत्वपूर्ण है कि छात्रों और आमजन का परीक्षा प्रणाली पर भरोसा बना रहे।
बता दें कि बीते रविवार 21 सितंबर को यूकेएसएसएससी ने स्नातक स्तरीय पदों की लिखित परीक्षा आयोजित की गई थी। प्रदेश भर के 445 केंद्रों पर सुबह 11 बजे परीक्षा एक साथ शुरू हुई थी, लेकिन परीक्षा शुरू होने के कुछ देर बाद ही प्रश्न पत्रों से जुड़े कुछ स्क्रीनशॉट्स सामने आए थे। इसके बाद ही उत्तराखंड बेरोजगार संघ ने पेपर लीक होने के आरोप गया था। इस घटना के बाद प्रदेश में हड़कंप मच गया था।
यूकेएसएसएससी अध्यक्ष जीएस मर्तोलिया ने कहा था कि जैमर लगने के बावजूद परीक्षा केंद्र से प्रश्न पत्र कैसे बाहर आए? ये हैरान करने वाला है। इसके अलावा उन्होंने ये भी कहा कि पेपर लीक नहीं हुआ, सिर्फ प्रश्न पत्र के तीन पन्ने बाहर आए।
पुलिस ने मामले की जांच शुरू की तो खालिद नाम के व्यक्ति का नाम सामने आया है। पेपर आदर्श बाल सदन इंटर कॉलेज बहादरपुर जट हरिद्वार से लीक हुआ था। इस सेंटर पर खालिद भी एग्जाम देने गया था। जांच में सामने आया कि जिस केंद्र में खालिद परीक्षा दे रहा था, उस केंद्र में कुल 18 कमरे थे। केंद्र में परीक्षा के लिए कुल 15 जैमर लगे थे, लेकिन कमरा नंबर 9, 17 और 18 में जैमर नहीं लगे हुए थे। वहीं, कमरा नंबर 9 में खालिद परीक्षा दे रहा था। इसी कमरे से बैठकर खालिद ने किसी डिवाइस से परीक्षा के तीन पेज अपनी बहन साबिया को भेजे थे और साबिया ने प्रोफेसर सुमन चौहान को भेजे थे।
इस वक्त खालिद और उसकी दोनों बहने पुलिस की गिरफ्त में है, हालांकि खालिद का मोबाइल गायब है। पुलिस ने बताया था कि इस मामले के बाहर आने के बाद खालिद लखनऊ भाग गया था, हालांकि वहीं से लौटते समय पुलिस ने उसे हरिद्वार से गिरफ्तार किया था। फिलहाल पुलिस को खालिद के मोबाइल की तलाश है, जो उसने कहीं गुम कर दिया है। पुलिस को उम्मीद है कि खालिद के मोबाइल से कई राज खुल सकते है।
बता दें कि यूकेएसएसएससी पेपर से ठीक पहले 21 सितंबर शनिवार की रात को पुलिस ने नकल माफिया हाकम सिंह और उसके साथी को भी गिरफ्तार किया था। दोनों पर आरोप है कि उन्होंने कुछ अभ्यार्थियों को एग्माज में पास कराने का झांसा दिया था और इसी आधार पर आरोपियों ने उसे 15-15 लाख रुपए मांगे थे।