Uttarakhand Monsoon Session: उत्तराखंड विधानसभा का मॉनसून सत्र ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण के भराड़ीसैंण में चल रहा है। लेकिन सत्र के पहले दिन ही विपक्ष ने पंचायत चुनाव में अनियमितताओं और कानून व्यवस्था को लेकर आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया। जिसके कारण सदन की कार्यवाही को बार-बार स्थगित करना पड़ा। विपक्ष के हंगामे के बीच सीएम धामी ने अनुपूरक बजट रखा। इसके बाद सदन की कार्यवाही बुधवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
सदन में विपक्ष का हंगामा
सदन की कार्यवाही के दौरान विपक्षी नेताओं ने सचिव की टेबल पलटने की कोशिश की। साथ ही माइक तोड़ दिया।कांग्रेस विधायकों ने कार्यसूची फाड़ी और सदन में उछाली। इसके बाद वेल में धरने पर बैठ गए। विधानसभा अध्यक्ष ने इस पर नाराजगी जताते हुए कहा कि ये बेहद दुखद है।
कानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ाई
वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विपक्षी विधायकों द्वारा सदन में किए गए हंगामे पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि विपक्ष विधानसभा, लोकसभा, निकाय चुनाव के बाद अब पंचायत चुनाव में मिली हार की खीझ सदन के कामकाज पर उतार रहा है। मुख्यमंत्री ने विधानसभा सत्र को लेकर कहा कि सदन में बहस होनी चाहिए थी। जनता के मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए थी, लेकिन विपक्ष ने जिस तरह से कानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ाई हैं। जनता देख रही है। पूरे देश में इनकी पार्टी की ये परंपरा बन गई है कि जहां भी हारते हैं वहां ये ईवीएम कभी चुनाव आयोग, प्रशासन, सरकार को दोष देते हैं। नैनीताल में हमारी पार्टी का उम्मीदवार अध्यक्ष और कांग्रेस का उम्मीदवार उपाध्यक्ष चुना गया, अगर ये निष्पक्ष चुनाव नहीं होता तो दोनों पद भाजपा के पास होने चाहिए थे। सदन में चर्चा होनी चाहिए थी, हम चर्चा के लिए तैयार थे। हमें अपने राज्य को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के लिए काम करना है।
सदन के भीतर ही बैठे रहेंगे
सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद विधानसभा अध्यक्ष से मिलने पहुंचे कांग्रेस विधायकों की वार्ता बेनतीजा रही। कांग्रेस विधायकों ने कहा कि वे सदन के भीतर ही बैठे रहेंगे।
सदन के बाहर पर यूकेडी का हंगामा
वहीं दूसरी ओर विधानसभा भराड़ीसैण के प्रवेश द्वार दिवालीखाल में उत्तराखंड क्रांतिकारी दल (यूकेडी) ने भाजपा सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। यूकेडी ने भाजपा कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए आरोप लगाया कि उत्तराखंड के गठन की मूल भावना को भाजपा और कांग्रेस ने नजरअंदाज कर दिया। जिसके चलते प्रदेश की जनता आज भी ठगा हुआ महसूस कर रही है।
उन्होंने कहा कि 25 साल बीत जाने के बावजूद भी आमजन सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार के लिए तरस रहे हैं। इस दौरान उन्होंने विधानसभा कूच करने की कोशिश की, लेकिन सुरक्षा कर्मियों के द्वारा उन्हें दिवालीखाल स्थित बैरियर पर रोक दिया गया। इस दौरान यूकेडी नेताओं ने कहा कि पहाड़ों के मठ, मंदिर, जंगल और जमीन को बचाने के लिए यूकेडी से जो बन पाएगा, वह करेंगे।