Uttarakhand: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पहुंची हरिद्वार, पतंजलि यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में हुई शामिल, छात्रों को बांटी डिग्री और मेडल 

Uttarakhand visit: देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आज से अपने तीन दिवसीय उत्तराखंड दौरे पर पहुंच गई हैं। राष्ट्रपति के सुबह जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचने राज्यपाल गुरमीत सिंह और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जोरदार स्वागत किया। इसके बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू हरिद्वार स्थित पतंजलि यूनिवर्सिटी के लिए रवाना हुई।

जहां पतंजलि हैलीपेड पर राष्ट्रपति का जनप्रतिनिधियों ने गर्मजोशी से स्वागत किया। परिसर में राष्ट्रपति ने अकादमिक स्टाफ और विद्यार्थियों के साथ फोटो सेशन भी संपन्न किया।

इसके बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पतंजलि विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में पहुंची। उन्होंने समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होकर छात्र-छात्राओं को डिग्री और मेडल दिए। इस दौरान उत्तराखंड के राज्यपाल गुरमीत सिंह, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, योगगुरु बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण मौजूद रहे।

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राष्ट्रपति का द्वितीय दीक्षांत समारोह में सम्बोधन

दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि आज उपाधि प्राप्त करने वाले प्रत्येक विद्यार्थी को मेरी हार्दिक बधाई और आशीर्वाद! पदक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों की मैं प्रशंसा करती हूं। विद्यार्थियों के जीवन-निर्माण में सहभागी अध्यापकों और अभिभावकों को मैं बधाई देती हूं। छात्राओं के अभिभावकों की मैं विशेष सराहना करती हूं।  मुझे यह जानकर हार्दिक प्रसन्नता हुई है कि आज उपाधि पाने वाले विद्यार्थियों में 64 प्रतिशत संख्या बेटियों की है। पदक प्राप्त करने वाली बेटियों की संख्या छात्रों की तुलना में चौगुनी है। यहां शिक्षा प्राप्त कर रहे कुल विद्यार्थियों में बेटियों की संख्या 62 प्रतिशत है। यह केवल संख्या नहीं है, यह महिलाओं के नेतृत्व में आगे बढ़ने वाले विकसित भारत का अग्रिम स्वरूप है।

 

राष्ट्रपति ने कहा कि देवियो और सज्जनो,लोक-परंपरा में ‘हरि’-द्वार का यह परम पावन क्षेत्र ‘हर’-द्वार के नाम से भी जाना जाता है। इस परंपरा के अनुसार, यह पवित्र स्थान ‘हरि’ यानी विष्णु के दर्शन का द्वार भी है तथा ‘हर’ यानी शिव के दर्शन का भी द्वार है। ऐसे पवित्र भूखंड में देवी सरस्वती की आराधना करने वाले विद्यार्थी और आचार्य बहुत सौभाग्यशाली हैं।  हिमालय के इस अंचल से अनेक पवित्र नदियां तो निकलती ही हैं, यहां से ज्ञान-गंगा की अनेक धाराएं भी प्रवाहित होती हैं। उनमें इस विश्व-विद्यालय की एक अविरल धारा भी जुड़ गई है।

 

उन्होंने कहा कि इस विश्व-विद्यालय द्वारा महर्षि पतंजलि की महती परंपरा को आज के समाज के लिए सुलभ कराया जा रहा है। योग एवं आयुर्वेद के प्रचार-प्रसार में इस योगदान की मैं सराहना करती हूं। मुझे बताया गया है कि इस विश्व-विद्यालय द्वारा योग-पद्धति, आयुर्वेद एवं प्राकृतिक चिकित्सा के क्षेत्रों में शिक्षा एवं अनुसंधान को आगे बढ़ाया जा रहा है। यह प्रयास स्वस्थ भारत के निर्माण में सहायक है। इसके लिए मैं आप सबकी सराहना करती हूं।

राष्ट्रपति ने कहा कि सदाचार पर आधारित शिक्षा का प्रसार करने के लिए मैं आपके इस विश्व-विद्यालय की सराहना करती हूं। इस विश्व-विद्यालय द्वारा योग एवं आयुर्वेद के शिक्षण को प्रमुखता दी जाती है। साथ ही, विज्ञान एवं अध्यात्म के समन्वय से शांतिपूर्ण जीवनशैली को अपनाने का मार्गदर्शन दिया जाता है। शिक्षा का यह मार्ग आपके जीवन-निर्माण में सहायक है तथा हमारे पूरे समाज के लिए कल्याणकारी है।

उन्होंने कहा कि मां गंगा के धरती पर अवतरण के इस पावन क्षेत्र में शिक्षा प्राप्त करने वाले आप सभी विद्यार्थियों को भगीरथ की अमर कथा को अपने हृदय में स्थान देना चाहिए। व्यक्ति-निर्माण से परिवार-निर्माण होता है। परिवार-निर्माण से समाज और राष्ट्र का निर्माण होता है। एक संस्कार-वान व्यक्ति में साहस और शांति का संगम होता है। इस विश्व-विद्यालय ने व्यक्ति-निर्माण से राष्ट्र-निर्माण का मार्ग अपनाया है। इसके लिए, मैं विश्व-विद्यालय से जुड़े सभी लोगों की सराहना करती हूं। मुझे विश्वास है कि इस विश्व-विद्यालय के पूर्व, वर्तमान एवं भावी विद्यार्थी-गण सदाचार के साथ स्वस्थ समाज एवं विकसित भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान देंगे। एक बार फिर मैं आप सभी विद्यार्थियों को आशीर्वाद देती हूं तथा आप सभी के स्वर्णिम भविष्य के लिए हृदय से मंगलकामना करती हूं।

सीएम धामी ने पतंजलि परिवार के प्रति आभार जताया

संबोधन में सीएम धामी ने स्वामी रामदेव और आचार्य बालकृष्ण समेत पतंजलि परिवार के प्रति आभार जताया। उन्होंन कहा कि नई शिक्षा नीति को लागू कर शोध संस्थानों और आर्टिफिशियल इटेंलिजेंस से उत्तराखंड जुड़ा है। देहरादून में साइंस सिटी की स्थापना कर रिसर्च को बढ़ावा दे रहे हैं। तकनीति नवाचार और रोजगार के नए अवसर उत्पन्न हो रहे हैं। हम युवाओं को नौकरी ढूढने वाला नहीं नौकरी देने वाला बना रहे हैं। शिक्षा क्षेत्र में नकल माफिया को रोकने के लिए सबसे सख्त कानून बनाया गया है। राज्य सरकार सर्वश्रेष्ठ उत्तराखंड के निर्माण के लिए संकल्पित भाव से काम कर रही है। मुझे विश्वास है इस संकल्प को पूरा करने में सभी का सहयोग मिलता रहेगा।

राज्यपाल का संबोधन

राज्यपाल ने कहा कि पतंजलि विश्वविद्यालय में स्वामी रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने योग और आयुर्वेद को पूरी दुनियां में फैलाया, स्वदेशी के अभियान में अभूतपूर्व योगदान दिया।  प्रधानमंत्री ने समूचे विश्व में योग को एक मुकाम दिया है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में बहुत बड़ी क्रांति आई है।

मेरा मानना है कि भारत की पुरातन संस्कृति का पुनरुथान होगा। मुझे यह देखकर प्रसन्नता होती है कि युवा योग, आध्यात्म आयुर्वेद और प्राचीन विधाओं को पढ़ने के लिए तत्पर हैं। यह हमारे ब्रांड एंबेसडर हैं। यह एक पूर्ण चिकित्सा विज्ञान है। आपकी शिक्षा तभी सार्थक होगी जब उसका लाभ आमजन तक पहुंचेगा। भारतीय की प्राचीन परंपरा आज भी सबसे ज्यादा प्रासंगिक है। आने वाले समय में यही विद्यार्थी विकसित भारत में अपना अमूल्य योगदान देंगे ऐसा मुझे विश्वास है। इस आयोजन में राष्ट्रपति महोदय की उपस्थिति में गरिमामयी और उर्जवान अनुभूति हुई है।

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