Uttarakhand: कॉर्बेट में जिस जिप्सी से कराई सैर, पांच साल पहले खत्म हो चुकी उसकी फिटनेस, सीएम धामी का आया ये रिएक्शन

Uttarakhand: कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में भ्रमण के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सुरक्षा में लापरवाही बरतने का मामला सामने आया है। सीएम को जिस जिप्सी वाहन से सैर कराई गई, उसकी फिटनेस पांच साल पहले ही खत्म हो चुकी थी। मामला खुलने के बाद वन विभाग में हड़कंप मच गया। प्रमुख वन संरक्षक (हॉफ) समीर सिन्हा ने मामले की जांच पीसीसीएफ वन्यजीव व मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक रंजन मिश्रा को सौंप दी है।

उधर इस पूरे मामले में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी कार्रवाई की बात कही है। सीएम धामी ने स्पष्ट किया कि मामले में जांच के आदेश किए गए हैं। सीएम धामी ने कहा मामले में दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।

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मुख्यमंत्री छह जुलाई को कार्बेट टाइगर रिजर्व में सफारी करने गए थे। उनको वन विभाग ने जिप्सी (यूके-19जीए-0067) उपलब्ध कराई थी। सैर के दौरान वाहन पर सीटीआर निदेशक साकेत बडोला भी सवार थे। दो दिन बाद खुलासा हुआ कि इस जिप्सी की फिटनेस जांच 22 अगस्त 2022 के बाद कराई ही नहीं गई। हालांकि, मामला सामने आने के बाद मंगलवार को उसकी फिटनेस आनन-फानन में करा दी गई। एआरटीओ रामनगर संदीप वर्मा ने बताया कि आज वाहन फिटनेस के लिए आया था, पांच साल पहले फिटनेस एक्सपायर होने के कारण जुर्माना भी लगाया गया है।

जांच के आधार पर कार्रवाई होगी 

वन मंत्री सुबोध उनियाल का कहना है कि वाहन की फिटनेस रिन्यू कराने की जिम्मेदारी किसकी होती है, यह कार्बेट के निदेशक से पूछा गया है, जांच चल रही है, जो भी तथ्य सामने आएंगे, उनके आधार पर कार्रवाई की जाएगी।

बता दें कि पिछले साल राजाजी टाइगर रिजर्व में गाड़ी के एक ट्रायल के दौरान वन विभाग के 6 अधिकारी और कर्मचारियों की जान चली गई थी। इस हादसे में वन विभाग की कार्यप्रणाली और अनुमति देने को लेकर भी सवाल उठा था। इस मामले की जांच पूर्व मुख्य सचिव को दी गई थी, जांच रिपोर्ट आ चुकी है।

लेकिन इस बार कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में मुख्यमंत्री की सुरक्षा से ही कॉर्बेट प्रशासन ने खिलवाड़ कर दिया है। आश्चर्य की बात तो ये है कि मुख्यमंत्री के लिए चुनी गई जिप्सी की पिछले 5 साल से फिटनेस ही नहीं करवाई गई थी। यही नहीं इसका इंश्योरेंस और पॉल्यूशन तक भी कॉर्बेट टाइगर रिजर्व प्रशासन की तरफ से नहीं देखा गया। जाहिर है कि 5 साल पहले ही जिस गाड़ी की फिटनेस एक्सपायर हो गई हो उस पर बैठना खतरे से खाली नहीं था। सीधे तौर पर देखा जाए तो मुख्यमंत्री की सुरक्षा इस गाड़ी के चलते दांव लग गई, गनीमत यह रही कि ऐसी गाड़ी में चलते हुए कोई भी खराबी या हादसा नहीं हुआ।