Uttarakhand: उत्तराखंड क्रांति दल द्वारा जनपद चमोली के सीमांत ब्लॉक नंदा नगर से 21 दिसंबर को एक जन जागरण रैली का आयोजन किया जा रहा है। रैली का नेतृत्व केंद्रीय प्रवक्ता उक्रांद इं अंकेश भंडारी करेंगे।

इस रैली का मूल उद्देश्य नंदा नगर क्षेत्र की उन गंभीर समस्याओं को सामने लाना है जिन्हें सरकार द्वारा लगातार अनदेखा किया जा रहा है।
उक्रांद की चेतावनी
केंद्रीय प्रवक्ता उक्रांद इं अंकेश भंडारी ने कहा कि सरकार की घोषणाएँ कागज़ों तक सीमित हैं जबकि धरातल पर स्थिति बेहद चिंताजनक है। इसी उपेक्षा के कारण आज क्षेत्र की जनता के मन में गहरा आक्रोश व्याप्त है।
उन्होंने कहा कि इन समस्याओं को लेकर उत्तराखंड क्रांति दल जन जागरण रैली के माध्यम से सरकार को चेताने का काम करेगी। यदि अब भी सरकार नहीं चेती और समस्याओं का समाधान जल्द नहीं हुआ तो एक बड़े स्तर पर जन आंदोलन छेड़ा जाएगा।
इस दौरान उत्तराखंड क्रांति दल के कार्यकर्ता देवेंद्र कुमार, अनुज बिष्ट , सुनील नेगी ,सुनील खनेडा, राहुल पांडे , हीरा सिंह, कुंवर दानू , राहुल बिष्ट ,अर्जुन भंडारी प्रदीप भंडारी मौजूद रहे।
ये हैं क्षेत्र की मुख्य समस्याएँ
1. सड़क निर्माण में देरी
* नंदप्रयाग से नंदा नगर तक डेढ़ लेन सड़क निर्माण वर्षों से अधूरा पड़ा है।
* देरी के कारण क्षेत्रीय जनता को निरंतर भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
* अनेक गाँव आज भी सड़क संपर्क मार्ग से नहीं जुड़ पाए; इन्हें जल्द से जल्द जोड़ना अत्यंत आवश्यक है।
2. जल जीवन मिशन की विफलता
* कई गाँवों तक आज भी नलों में पानी नहीं पहुँच पाया है।
* ग्रामीण प्रतिदिन पेयजल के संकट से जूझ रहे हैं, जो सरकार की कार्यप्रणाली पर बड़ा सवाल उठाता है।
3. आपदा पीड़ितों की बदहाल स्थिति
* आपदा प्रभावित परिवारों का विस्थापन अब तक नहीं हो पाया।
* मुआवजे एवं राहत राशि का भुगतान भी अधर में अटका हुआ है।
4. शिक्षा व्यवस्था की उपेक्षा
* नंदा नगर महाविद्यालय में महत्वपूर्ण विषयों का अभाव है।
* विज्ञान एवं वाणिज्य वर्ग की स्थापना आज तक नहीं हो पाई।
* शिक्षकों की भारी कमी से महाविद्यालय लगातार प्रभावित है।
* महाविद्यालय तक पहुँचने के लिए उचित सड़क मार्ग का न होना समस्या को और गंभीर बनाता है।
5. स्वास्थ्य सेवाओं की दयनीय हालत
* उप जिला स्वास्थ्य केंद्र घोषित किए जाने के बावजूद— डॉक्टरों, स्टाफ नर्स, फार्मासिस्ट, सफाई कर्मी, रेडियोलॉजिस्ट और लैब तकनीशियन जैसे आवश्यक कर्मी उपलब्ध नहीं हैं।
* CT Scan, MRI, Ultrasound, X-Ray, ECG जैसी महत्वपूर्ण मशीनों की पूर्ण कमी है।
* पर्याप्त बेड सुविधा भी उपलब्ध नहीं है।
