Uttarkashi: उत्तरकाशी में यमुना नदी पर बनी झील के कारण जलमग्न हुए स्यानाचट्टी में अब लोगों का आक्रोश बढ़ रहा है। आज स्थानीय ग्रामीणों ने जलमग्न हुए यमुनोत्री पुल के पास खड़े होकर प्रदर्शन किया। लोगों ने इसके लिए जिला प्रशासन को जिम्मेदार ठहराते हुए नारेबाजी की।

उनका साफ कहना है कि यदि पहले से बनी झील को उसी दौरान समय रहते साफ कर दिया होता और नदी को ठीक से चैनलाइज किया गया होता तो आज यह भयावह स्थिति पैदा नहीं होती। आज उनका सब कुछ पानी में डूब गया है। जिसके चलते उन्हें दूसरी जगह शरण लेनी पड़ी है। वहीं राफ्ट से ग्रामीणों के बीच पहुंचे डीए, विधायक और जिला पंचायत अध्यक्ष को भी आपदा प्रभावितो के भारी विरोध को झेलना पड़ा। डीएम ने झील को जल्द खोलने और हर संभव सहायता दिए जाने का आश्वास दिया।

वहीं स्यानाचट्टी में झील बनने के कारण यमुनोत्री हाईवे पर बने पुल के डूबने के कारण गीठ पट्टी के 12 गांव की करीब आठ हजार की जनसंख्या अलग-थलग पड़ गई है। यमुनोत्री धाम का भी तहसील और जिला मुख्यालय से संपर्क कट गया है। इस कारण इन गांवों के लोगों को स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

स्याना चट्टी में यमुना नदी पर बनी झील के कारण मोटर पुल और कुछ सड़क का हिस्सा जलमग्न होने से क्षेत्र की आवाजाही बंद हो गई। वहीं झील के कारण तीन सरकारी विभागों सहित 32 होटल, आवासीय भवन, ढाबें प्रभावित हुए हैं इस चट्टी में विभिन्न व्यवसायों से करीब 60 परिवारों की आजीविका से जुड़ी हुई है ।
