Shimla Agreement: क्या है शिमला समझौता? जानें पाकिस्तान की धमकी और इसका इतिहास

Shimla Agreement; पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने सिंधु जल समझौते को स्थगित करने जैसे बड़े कदम उठाए हैं। इसके जवाब में पाकिस्तान ने शिमला समझौते को स्थगित करने की धमकी दी है। आइए जानते हैं कि शिमला समझौता क्या है, इसे कब और क्यों बनाया गया, और इस पर किन लोगों ने दस्तखत किए।

पाकिस्तान की प्रतिक्रिया

पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने कई कदम उठाए, जिनमें पाकिस्तानी नागरिकों को वीजा न देना और दूतावास में कर्मचारियों की संख्या कम करना शामिल है। इससे तिलमिलाए पाकिस्तान ने गुरुवार को राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक बुलाई, जिसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने की। इस बैठक में पाकिस्तान ने शिमला समझौते को स्थगित करने की धमकी दी।

Shimla Agreement: शिमला समझौता क्या है?

शिमला समझौता भारत और पाकिस्तान के बीच 2 जुलाई 1972 को हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में हुआ एक ऐतिहासिक समझौता है। यह समझौता 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद हुआ, जिसमें भारत ने पूर्वी पाकिस्तान को अलग कर बांग्लादेश बनाया था। इस युद्ध में पाकिस्तान की सेना ने भारत के सामने आत्मसमर्पण किया था, और भारत ने करीब 90,000 पाकिस्तानी सैनिकों को युद्धबंदी बनाया था। साथ ही, भारत ने पश्चिमी पाकिस्तान के 5,000 वर्ग मील क्षेत्र पर कब्जा कर लिया था।

किन लोगों ने किए दस्तखत?

शिमला समझौते पर भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति जुल्फिकार अली भुट्टो ने दस्तखत किए। दोनों नेताओं ने शांति स्थापित करने और द्विपक्षीय बातचीत के जरिए विवाद सुलझाने की प्रतिबद्धता जताई।

शिमला समझौते की मुख्य बातें

  • दोनों देश आपसी बातचीत से विवाद सुलझाएंगे, किसी तीसरे देश या संगठन का हस्तक्षेप नहीं होगा।
  • कश्मीर में नियंत्रण रेखा (LoC) का सम्मान करेंगे, और इसे एकतरफा नहीं बदला जाएगा।
  • दोनों देश हिंसा, युद्ध या गलत प्रचार से बचेंगे और शांतिपूर्ण रिश्ते बनाएंगे।
  • भारत ने 90,000 पाकिस्तानी युद्धबंदियों और कब्जाए गए क्षेत्र को रिहा किया, जबकि पाकिस्तान ने कुछ भारतीय सैनिकों को मुक्त किया।
  • कश्मीर मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर ले जाने से रोका गया, इसे भारत-पाकिस्तान का द्विपक्षीय मामला माना गया।

ये भी पढ़ें 👉:Pahalgam Attack: 48 घंटे में भारत छोड़ें, पानी, अटारी वाघा बॉर्डर भी बंद…पहलगाम आतंकी हमले के बाद मोदी सरकार का पाकिस्तान के खिलाफ बड़े एक्शन

पाकिस्तान की धमकी का मतलब

पाकिस्तान का शिमला समझौते को स्थगित करने की धमकी दोनों देशों के बीच तनाव को और बढ़ा सकती है। यह समझौता दशकों से शांति और बातचीत का आधार रहा है। भारत ने हमेशा इस समझौते का पालन किया है, लेकिन पाकिस्तान की ओर से बार-बार उल्लंघन के आरोप लगते रहे हैं।

ये भी पढ़ें 👉:J&kTerror Attack: पहलगाम हमला और अमेरिकी नेताओं के दौरे: जानें कश्मीर में चरमपंथी हिंसा का इतिहास

वर्तमान विवाद की वजह

पाकिस्तान की एनएससी ने भारत के कड़े कदमों (सिंधु समझौता निलंबन, वीजा रोक) को “आक्रामक” बताया और जवाबी कार्रवाई के तौर पर शिमला समझौते को निलंबित करने की बात कही। हालांकि, विशेषज्ञ मानते हैं कि यह धमकी पाकिस्तान की “प्रतिक्रियावादी नीति” का हिस्सा है, क्योंकि समझौते को निलंबित करना अंतरराष्ट्रीय कानूनी प्रक्रिया के बिना संभव नहीं।

नोट: शिमला समझौते को निलंबित करने की प्रक्रिया जटिल है, क्योंकि यह संयुक्त रूप से हस्ताक्षरित अंतरराष्ट्रीय दस्तावेज है। भारत ने अभी तक पाकिस्तान की चेतावनी पर आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है।