चमोली। सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) के डाटा इकोसिस्टम, मॉनिटरिंग और पीएम गति शक्ति पर बृहस्पतिवार को परियोजना निदेशक आनंद सिंह की अध्यक्षता में जिला पंचायत सभागार में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में एसडीजी विशेषज्ञ करुणाकर सिंह, पीएम गति शक्ति विशेषज्ञ ऐश्वर्या और सुबोध पडगावकर ने सतत विकास लक्ष्य और पीएम गति शक्ति पोर्टल के संबंध में अधिकारियों को विस्तृत जानकारी दी। कार्यशाला में जनपद के न्यून प्रगति वाले लक्ष्यों में सुधार और डाटा अपलोड की प्रक्रियाओं को लेकर विस्तार से चर्चा की गई।
एसडीजी विशेषज्ञ करुणाकर सिंह ने बताया कि उत्तराखंड ने सतत विकास लक्ष्यों में पूरे भारत में गत वर्ष प्रथम स्थान प्राप्त किया। उन्होंने इस उपलब्धि के लिए सभी अधिकारियों को बधाई दी। साथ ही उन्होंने पहला स्थान बनाए रखने के लिए इस वर्ष जनपद में धीमी प्रगति वाले लक्ष्यों में आवश्यक सुधार लाने की बात कही।
परियोजना निदेशक आनंद सिंह ने कहा कि सतत विकास लक्ष्य और पीएम गति शक्ति मास्टर प्लान पोर्टल भारत सरकार की प्राथमिकता में हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय और नीति आयोग इसकी नियमित मॉनिटरिंग करता है। उन्होंने विभागीय अधिकारियों से कहा कि योजनाओं को धरातल पर प्रभावी क्रियान्वयन कर लाभार्थियों तक पहुंचाएं और शुद्ध डाटा तैयार कर पोर्टल पर अपलोड करें। उन्होंने जोर दिया कि सतत विकास लक्ष्यों को पूरा करने में आ रही चुनौतियों और समस्याओं का चयन कर समन्वय के साथ कार्य योजना तैयार करें। साथ ही, एसडीजी रैंकिंग में न्यून प्रगति वाले लक्ष्यों में सुधार लाना सुनिश्चित करें।
जिला अर्थ एवं संख्या अधिकारी विनय जोशी ने कहा कि नीति आयोग के निर्देशों के अनुसार सतत् विकास लक्ष्यों को निर्धारित अवधि में पूर्ण करने हेतु विजन 2030 डॉक्यूमेंट तैयार किया गया है। एसडीजी में विभिन्न विभागों के लिए 17 लक्ष्य तथा 169 उप लक्ष्य निर्धारित है। जिसमें गरीबी, भुखमरी समाप्त करना, स्वास्थ्य, गुणवत्तापरक शिक्षा, लैंगिक समानता, स्वच्छ पेयजल, आधुनिक ऊर्जा, आर्थिक विकास, अवस्थापना विकास, शहरी क्षेत्रों में सुरक्षित विकास, उपभोग तथा सतत् उत्पादन, जलवायु परिवर्तन, वन एवं पर्यावरण, शांति एवं सामाजिक न्याय और कार्यान्वयन में सहभागिता शामिल है। जनपद चमोली में कुछ लक्ष्यों में विगत वर्ष की तुलना में कम प्रगति हुई है। उन सभी लक्ष्यों में प्रगति लाने हेतु विभागों से चर्चा की गई ताकि सतत विकास के लक्ष्यों को हासिल किया जा सके।