सौगात: हरिद्वार मेडिकल कॉलेज के लिए MBBS की 100 सीटों को केंद्र से मंजूरी, पीएम मोदी, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री का जताया आभार 

*स्थानीय जनता को इलाज के लिए अब दूसरे शहरों का नहीं करना होगा रुख*

हरिद्वार में नए सरकारी मेडिकल कॉलेज की स्थापना को केंद्र सरकार द्वारा 100 एमबीबीएस सीटों के साथ स्वीकृति मिल गई है। उत्तराखंड सरकार ने 2024-2025 शैक्षणिक सत्र के लिए 100 एमबीबीएस सीटों के साथ इस नए मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए प्रस्ताव भेजा था।


हरिद्वार जनपद में स्वास्थ्य सेवाओं के सुधार की दिशा में राज्य सरकार निरंतर प्रयासरत है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के विशेष प्रयासों से जल्द हरिद्वार मेडिकल कॉलेज का संचालन शुरू होने जा रहा है। बताया गया कि मेडिकल कॉलेज के लिए 100 मेडिकल सीट आवंटित की गई हैं। सीएम पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह ने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा का आभार व्यक्त किया है।

हरिद्वार मेडिकल कॉलेज के लिए 100 सीट

उत्तराखंड में स्वास्थ्य सुविधाओं को विकसित करने के किये राज्य सरकार संकल्पित है। देहरादून, श्रीनगर, हल्द्वानी में राजकीय मेडिकल कॉलेज की स्थापना के बाद अब हरिद्वार में भी मेडिकल कॉलेज का संचालन होने जा रहा है। दरअसल, मैदानी जनपद होने के बावजूद हरिद्वार में चिकित्सकों की कमी थी। ऐसे में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत के विशेष प्रयासों से हरिद्वार में मेडिकल कॉलेज निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ।

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स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, उत्तराखंड सरकार ने 2024-2025 शैक्षणिक सत्र के लिए 100 एमबीबीएस सीटों के साथ इस नए मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए प्रस्ताव भेजा था। इसके बाद, नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) की पहली अपील में कॉलेज को कुछ खामियों के आधार पर अस्वीकृति मिली थी। हालांकि, दूसरी अपील में केंद्र सरकार ने इन खामियों की समीक्षा की और नए दस्तावेजों और प्रस्तुतियों के आधार पर मेडिकल कॉलेज को मंजूरी दे दी है।

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स्वास्थय सचिव डॉ आर राजेश कुमार के विशेष प्रयासों से अल्प समय में इसका भवन बनकर तैयार हो गया। विगत माह एनएमसी की टीम ने हरिद्वार मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण किया जिसमें कुछ कमियां इंगित की गई, जिन्हें बाद में दूर कर लिया गया। अब बताया जा रहा है हरिद्वार मेडिकल कॉलेज के लिए शुरुआती चरण में 100 एमबीबीएस सीटों को मंजूरी मिली है।

कॉलेज में वर्तमान में 39 फैकल्टी सदस्य (13 प्रोफेसर, 7 एसोसिएट प्रोफेसर, 19 असिस्टेंट प्रोफेसर) और 26 सीनियर रेजिडेंट्स/ट्यूटर कार्यरत हैं। राज्य सरकार ने यह आश्वासन भी दिया है कि शैक्षणिक सत्र 2024-2025 शुरू होने से पहले सभी आवश्यक फैकल्टी और बुनियादी ढांचे को पूरा कर लिया जाएगा। इसके साथ ही, अस्पताल में पहले से चल रही सेवाओं के साथ-साथ ओपीडी और अन्य चिकित्सा सुविधाएं भी बढ़ाई जाएंगी, जिससे मरीजों को बेहतर उपचार मिलेगा।

हरिद्वार की लाखों की आबादी को मिलेगा लाभ

इस कॉलेज के निर्माण से हरिद्वार जनपद की लाखों की आबादी को लाभ होगा। दरअसल, इस जनपद की आबादी को स्वास्थ्य सेवाओं के लिए ऋषिकेश एम्स व देहरादून के विभिन्न अस्पतालों पर निर्भर रहना पड़ता था लेकिन मेडिकल कॉलेज बनने से यहां के लोगों को आने वाले दिनों में काफी राहत मिलेगी।

स्वास्थ्य मंत्री डॉ.धन सिंह रावत ने कहा कि हरिद्वार में इस मेडिकल कॉलेज की स्थापना से उत्तराखंड में चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में एक बड़ा सुधार होगा। राज्य के मेडिकल कॉलेजों में बढ़ती सीटों के साथ, स्थानीय छात्रों को यहीं पर उच्चस्तरीय चिकित्सा शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा और प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं का भी विस्तार होगा।