भारत एक विविधताओं से भरा देश है, जहां प्रत्येक राज्य का अपना विशेष महत्व है। भारत में कुछ जगह ऐसी भी होती है, जहां जाकर लोगों को ऐसा लगता है कि वह अपने सपनों का घर उस स्थान पर बनाना चाहते हैं, क्योंकि यह हर किसी का सपना होता है कि वह खुद का घर बनाए। जिसके लिए वह सबसे अधिक मेहनत करता है। पाई पाई जोड़ने के बाद वह खुद के लिए घर बना पाता है, ताकि वह सुकून से अपना जीवन बिता सके भारत एक विविधताओं से भरा देश है, जहां प्रत्येक राज्य का अपना विशेष महत्व है। कुछ राज्य ऐसे हैं जहाँ बाहरी लोग जमीन नहीं खरीद सकते। यह नियम स्थानीय लोगों के अधिकारों की सुरक्षा और स्थानीय पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बनाए गए हैं।
कुछ राज्य ऐसे हैं जहाँ बाहरी लोग जमीन नहीं खरीद सकते। यह नियम स्थानीय लोगों के अधिकारों की सुरक्षा और स्थानीय पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बनाए गए हैं। यहाँ उन 7 राज्यों की सूची दी गई है:
1. हिमाचल प्रदेश
हिमाचल प्रदेश की खूबसूरती लोगों को बहुत आकर्षित करती है। लेकिन, 1972 के भूमि कानून की धारा 118 के तहत, कोई भी गैर कृषक या बाहरी निवासी यहाँ जमीन नहीं खरीद सकता।
2. नागालैंड
नागालैंड की पहाड़ी वादियां और स्थानीय परंपरा अद्वितीय हैं। लेकिन, आर्टिकल 371 ए के अंतर्गत, बाहरी लोग यहाँ जमीन नहीं खरीद सकते।
3. सिक्किम
सिक्किम एक फेमस टूरिस्ट प्लेस है, जहाँ बौद्धिष्ट पर्यटक भी आते हैं। लेकिन, आर्टिकल 371 ए फ के अनुसार, सिर्फ स्थानीय निवासी ही यहाँ जमीन खरीद सकते हैं।
4. अरुणाचल प्रदेश
अरुणाचल प्रदेश में सबसे पहले सूर्य की किरणें धरती पर पड़ती हैं। लेकिन, यहाँ जमीन खरीदने की किसी भी बाहरी इंसान को अनुमति नहीं है।
5. मिजोरम
मिजोरम में भी बाहरी लोगों को जमीन खरीदने की अनुमति नहीं है। यहाँ के नियमों के तहत बाहरी लोग जमीन नहीं खरीद सकते।
6. मेघालय
मेघालय में भी विशेष अधिकारों के तहत बाहरी लोगों को जमीन खरीदने की अनुमति नहीं है।
7. मणिपुर
मणिपुर में भी स्थानीय निवासियों को ही जमीन खरीदने की अनुमति है।
यह नियम स्थानीय लोगों के अधिकारों की सुरक्षा और स्थानीय पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बनाए गए हैं। यह सुनिश्चित करता है कि स्थानीय निवासियों के पास उनकी भूमि और संसाधनों पर नियंत्रण बना रहे।
ऐसे में यह बात साफ है कि पहाड़ी क्षेत्रों में स्थानीय निवासियों के अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति जमीन की खरीद या बिक्री नहीं कर सकता है। ना ही कोई बिजनेस कर सकता है। यहां स्थानीय लोगों को कृषि, बिजनेस, प्रॉपर्टी आदि में केवल उन्हीं को विशेष अधिकार प्राप्त है। यह स्थानीय पर्यटन को बढ़ावा देने का एक बेहतरीन जरिया भी है।