Kuwait fire: कुवैत भीषण अग्निकांड में मारे गए 45 भारतीयों के शव लेकर भारतीय वायुसेना का स्पेशल एयरक्राफ्ट भारत पहुंच गया है। यह केरल के कोच्चि एयरपोर्ट पर लैंड हुआ।
क्योंकि मरने वालों में सबसे ज्यादा केरल के है।एयरपोर्ट पर केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी, केरल के सीएम पिनाराई विजयन के साथ-साथ राज्य सरकार के मंत्रियों ने सभी मृतकों को श्रद्धाजंलि अर्पित की है।
कोच्चि अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर 31 मृत भारतीयों के शवों को केरल में ही उतारा गया, जिसमें केरल के 23 मृतक, तमिलनाडु के 7 और कर्नाटक के एक मृतक का शव है। कोच्चि अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर 31 शवों के उतारे जाने के बाद बाकी के 14 शवों को उसी विमान से दिल्ली भेजा गया है।
मृतकों में सबसे ज्यादा केरल के
बता दें कि मृतकों में सबसे ज्यादा 23 लोग केरल के हैं। वहीं जान गंवाने वाले अन्य 22 लोगों में तमिलनाडु के 7, आंध्र-उत्तर प्रदेश के 3-3 और बिहार, ओडिशा, कर्नाटक, महाराष्ट्र, झारखंड, हरियाणा, पंजाब और पश्चिम बंगाल के 1-1 लोग हैं। एक मृतक किस राज्य का है, इसकी जानकारी अब तक नहीं मिली है।
हादसे के बाद भारत के विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह कुवैत गए थे। उन्होंने 5 अस्पतालों का दौरा किया, जहां घायल भारतीयों का इलाज किया जा रहा है। कीर्तिवर्धन सिंह आज उसी एयरक्राफ्ट से वापस लौटे हैं, जिनसे शवों को लाया गया है।
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कब हुआ था हादसा?
कुवैत के मंगाफ शहर की एक बिल्डिंग में 12 जून को लगी आग में कुल 49 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 50 से ज्यादा लोग घायल हैं। इनमें से 48 शवों की DNA टेस्ट के जरिए पहचान की गई, जिसमें 45 भारतीय निकले, जबकि 3 फिलिपींस के हैं। हालांकि, पहले मृतकों में नेपाल, पाकिस्तान और मिस्र के नागरिक होने की बात भी कही जा रही थी।इमारत में 195 प्रवासी मजदूर रहते थे।
एनबीटीसी में करते थे काम
ज्यादातर पीड़ित कुवैत की एक कंपनी एनबीटीसी के लिए काम करते थे, जो देश की सबसे बड़ी निर्माण कंपनी है। जिस इमारत में आग लगी वह भी एनबीटीसी की थी। वहीं, कुछ पीड़ित हाल ही में काम के लिए कुवैत गए थे, उन्हें क्या पता था कि वह अब कभी भारत को नहीं देख पाएंगे। जबकि कई ऐसे थे जो दशकों से यहां रह रहे थे।