सिमली: मां चंडिका देवी के समुद्र मंथन में दिखा आस्था-विश्वास का अनूठा संगम

चमोली। सिमली की श्री राजराजेश्वरी चंडिका देवी की बन्याथ (देवरा) यात्रा के दौरान मंगलवार को पिंडर नदी के तट पर समुद्र मंथन महोत्सव का आयोजन हुआ। पिंडर नदी में करीब 30 से भी अधिक गांवों के ग्रामीण पहुंचे और समुद्र मंथन के मंचन में 14 रत्न निकले। इस दौरान पुलिस, एसडीआरएफ की ओर से कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई।

सिमली में समुद्र मंथन का आयोजन 

चंडिका देवी समुद्र मंथन के लिए सोमवार को सिमली पहुंची थी। मंगलवार को सिमली बाजार में हिंदू रीति रिवाजों के अनुसार 33 कोटी देवी देवताओं का जागरण हुआ। इसके बाद मांडेधार पिंडर नदी के तट पर मां चंडिका की डोली यात्रा पहुंची। पिंडर नदी के तट पर समुद्र मंथन के दौरान एक तरफ जहां भगवान विष्णु, ब्रह्मा, शिव और दूसरी ओर पिंडर नदी से राक्षसगण रहे।

समुद्र मंथन में निकले 14 रत्न 

समुद्र मंथन देखने पहुंचे हजारों लोगों ने देवताओं और दैत्यों का अमृत पीने के लिए हुआ संर्घष देखा। समुद्र मंथन का आयोजन आकर्षण रूप में किया गया था, जिसमें देवी चंडिका की पूजा और आराधना की गई। समुद्र मंथन में 14 रत्न निकले जिसमें देवताओं को अमृत प्राप्त हुआ और राक्षसों को विष। अमृत श्रद्धालुओं को प्रसाद स्वरूप भेंट किया गया, जिसके बाद देव जागरों के माध्यम से समुद्र मंथन की गाथा गाकर अनुष्ठान संपन्न किया गया।

समुद्र मंथन में उमड़ा आस्था का सैलाब 

आयोजन के दौरान भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी, जिन्होंने देवी चंडिका के पुण्य दर्शन किए और उनकी पूजा की। समुद्र मंथन का आयोजन एक अद्वितीय अनुभव था और भक्तों को देवी चंडिका के प्रति अपनी श्रद्धा और भक्ति को व्यक्त करने का अवसर प्रदान किया। मंदिर समिति द्वारा समुद्र मंथन की बेतरीन तैयारियां की गई थी।

दिन भर वाहनों का जाम

समुद्र मंथन देखने के लिए गैरोली, सिमली, सेनू, सुदरगांव, जाख, कंडारा, नैनीसैंण, कोली और पुडियाणी, नौटी, कर्णप्रयाग, गौचर, चमोला, बणगांव,भटोली,  मज्याड़ी, आदिबदरी, राड़खी पिंडरघाटी व आसपास के कई गांवों के लोग भारी संख्या में सिमली पहुंचे थे। इस दौरान सिमली में औद्योगिक क्षेत्र परिसर से पैट्रोल पंप तक दिन भर वाहनों का जाम लगता रहा। पुलिस कर्मी सुरक्षा व्यवस्था के साथ जाम भी खोलते रहे।

कड़ी रही सुरक्षा व्यवस्था

वहीं मौके पर एसडीआरएफ और पुलिस भी तैनात रही। एसडीआरएफ के प्रभारी करन सिंह ने बताया कि नदी किनारे लाइफ जैकेट, रस्सी आदि की व्यवस्था की गई है। साथ ही सभी जवानों को जगह-जगह तैनात किया गया था। वहीं लंगासू चौकी प्रभारी मनोज कुमार, सिमली चौकी प्रभारी अजीत कुमार, थानाध्यक्ष राकेश भट्ट भी सुरक्षा व्यवस्था संभाले रहे।

14 साल बाद चंडिका देवी की देवरा यात्रा

बता दें कि चंडिका देवी की देवरा यात्रा 7 सितंबर 2024 को सिमली मंदिर से शुरू हुई थी। यात्रा 187 पड़ावों का भ्रमण कर चुकी है। इस बार यात्रा 14 साल बाद आयोजित हुई।

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सिमली में पिंडर नदी किनारे सिद्धपीठ मां चंडिका देवी का प्राचीन मंदिर है। यहां भगवान विष्णु से संबधित प्रतिमाएं हैं। भगवान विष्णु यहां चतुर्भुज रूप में शंख चक्र धारण किए हुए हैं। मंदिर में भगवान विष्णु वाराह अवतार, नृसिंह अवतार और बैकुंठ स्वरूप में स्थित है। देवरा यात्रा में मुख्य रूप से सिमली, सेनू, सुदरगांव, जाख, कोली और पुडियाणी के ग्रामीण सेवा देते हैं। जबकि गैरोली गांव के लोग पूजा-पाठ करते हैं।