Cancer Awareness Day: भारत में तेज़ी से बढ़ रहे हैं कैंसर पीड़ित

WHO के मुताबिक आगे चलकर 10 में से एक भारतीय को कैंसर हो जाएगा और 15 में से 1 की इससे मौत हो जाएगी। भारत में हर साल 1.1 मिलियन नए कैंसर के मामले सामने आते हैं और इनमें से अधिकांश मामलों का पता तब चलता है जब बीमारी थर्ड स्टेज में पहुंच चुकी होती है।


National Cancer Awareness Day 2023: कैंसर एक ऐसी खतरनाक बीमारी है जो देरी होने पर जानलेवा साबित हो सकती है। कैंसर के शुरुआती लक्षण काफी सामान्य होते हैं, जिन्हें कई बार लोग नजरअंदाज कर देते हैं। ऐसे में कैंसर की पहचान, रोकथाम और इलाज के बारे में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से हर साल 7 नवंबर को राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस मनाया जाता है। तो आइए जानते हैं राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस के इतिहास, महत्व के बारे में..

राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस का इतिहास

राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस की घोषणा पहली बार सितंबर 2014 में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने की थी। इसलिए साल 2014 में यह दिन पहली बार मनाया गया और कैंसर का पता कैसे जल्दी लगाया जाए और किस तरह से इलाज की जरूरत है इस पर ज्यादा फोकस किया गया।

7 नवंबर को ही क्यों मनाते हैं कैंसर जागरूकता दिवस

कैंसर जागरूकता दिवस 7 नवंबर को मनाने की खास वजह हैं। इस दिन नोबेल पुरस्कार विजेता वैज्ञानिक मैडम क्यूरी का जन्मदिन होता है। मैडम क्यूरी ने कैंसर से लड़ने में अहम योगदान दिया था। उनके योगदान को याद रखने के उद्देश्य से हर साल मैडम क्यूरी के जन्मदिन के मौके पर कैंसर जागरूकता दिवस मनाते हैं।

राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस का महत्व

विभिन्न स्वास्थ्य सेवा संगठन, सरकारी एजेंसियां, और गैर-लाभकारी समूह राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस मनाने के लिए जागरूकता अभियान, सेमिनार और स्क्रीनिंग आयोजित करने के लिए सहयोग करते हैं और देश भर में कैंसर के मामले कम हो इस दिशा में काम करते हैं।

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कैंसर क्या है?

कैंसर एक गंभीर रोग है, जिसमें शरीर की कोशिकाओं का समूह अवास्तविक रूप से बढ़ने लगता है और कैंसर का रूप धारण कर लेता है। कैंसर शरीर के विभिन्न भागों और अंगों में विकसित हो सकता है।

कैंसर का सबसे आम प्रकार

कैंसर के सबसे आम प्रकारों में स्तन कैंसर, फेफड़े का कैंसर, सर्वाइकल कैंसर, मुंह का कैंसर और पेट, लीवर का कैंसर हैं।पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर भी बहुत आम प्रकार है। WHO के मुताबिक कैंसर दुनिया भर में मौत का दूसरा प्रमुख कारण है। ग्लोबल लेबल पर बात करें तो 6 में से 1 मौत का कारण कैंसर से होता है जो कि भयावक है।

10 में से एक भारतीय हो सकता है इससे पीड़ित

साल 2020 में WHO द्वारा जारी ‘इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर’ (IARC) ‘वर्ल्ड कैंसर रिपोर्ट’ में कहा गया कि एशिया घातक बीमारी के वैश्विक मामलों की कुल संख्या का 49.3% हिस्सा शेयर करता है। रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि 2020-2040 तक एशिया में बीमारी के नए मामलों में 59.2% की वृद्धि दर्ज की जाएगी जो चिंताजनक है। साथ ही रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि आगे चलकर 10 में से एक भारतीय को कैंसर हो जाएगा और 15 में से 1 की इससे मौत हो जाएगी।

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भारत में हर साल 1.1 मिलियन नए कैंसर मरीज

भारत में बीते सालों में कैंसर के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी देखी गई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, पिछले साल लगभग 10 मिलियन लोगों की मृत्यु कैंसर के कारण हुई। वॉकहार्ट हॉस्पिटल के अनुसार, भारत में हर साल 1.1 मिलियन नए कैंसर के मामले सामने आते हैं और इनमें से अधिकांश मामलों का पता तब चलता है जब बीमारी थर्ड स्टेज में पहुंच चुकी होती है।

भारत में 105.4 स्तन कैंसर का इलाज जारी

ब्रेस्ट कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर सबसे अधिक फैलने वाले कैंसर में से एक हैं। इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में प्रति 1 लाख महिलाओं में 105.4 स्तन कैंसर का इलाज करा रही हैं। इस गंभीर कैंसर की रोकथाम के लिए अक्तूबर माह में ब्रेस्ट कैंसर अवेयरनेस मंथ मनाया जाता है।

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कैंसर का कारण, लक्षण क्या है?

खराब लाइफस्टाइल कैंसर के प्रमुख कारण हो सकते हैं। वहीं स्तन कैंसर और कोलोरेक्टम कैंसर अधिक वजन और कम शारीरिक गतिविधि से जुड़े हैं। कैंसर के कुछ सामान्य लक्षण हैं, जैसे अत्यधिक व लगातार खांसी आना, लार में रक्त आना, पेशाब होने के तरीके में बदलाव, धब्बे, तिल व त्वचा में बदलाव, त्वचा के रंग और बनावट में परिवर्तन, अकारण दर्द व थकान आदि।

क्या हम कैंसर को रोक सकते हैं?

WHO के अनुसार, कैंसर के खतरे को कम करने के लिए लाइफस्टाइल में सुधार करें। तम्बाकू से परहेज करेें। शरीर का वजन मेंटेन रखें। हेल्दी डाइट लें। अपने आहार में फल और सब्जियां शामिल करें। फिजिकल एक्टिविटी बेहद जरूरी है। शराब पीने से बचें या कम करें। UV किरणें से बचना। स्वास्थ्य देखभाल में विकिरण का सुरक्षित और उचित उपयोग सुनिश्चित करना। बाहरी और आंतरिक वायु प्रदूषण के जोखिम को कम करना।

 

(ये आर्टिकल सामान्य जानकारी के लिए है, किसी भी उपाय को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें)