रुद्रप्रयाग (उत्तराखंड): भाजपा की केदारनाथ विधायक आशा नौटियाल ने केदारनाथ धाम और यात्रा मार्गों पर गैर-हिंदुओं के प्रवेश पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि धार्मिक स्थल की पवित्रता बनाए रखने और हिंदुओं की आस्था को ठेस पहुंचाने वाली गतिविधियों को रोकने के लिए यह कदम जरूरी है।
मुख्य बिंदु:
- आस्था और पवित्रता का सवाल:
विधायक ने जोर देकर कहा कि केदारनाथ धाम करोड़ों हिंदुओं की आस्था का केंद्र है। देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए गैर-हिंदुओं द्वारा मांस-मदिरा की बिक्री और “अवांछित गतिविधियों” पर रोक आवश्यक है। - शिकायतों में गैर-हिंदुओं का योगदान?
नौटियाल के मुताबिक, केदारनाथ यात्रा पड़ावों पर मांस और शराब की अवैध बिक्री की शिकायतें लगातार मिल रही हैं, जिनमें गैर-हिंदू समुदाय के लोगों की संलिप्तता बताई जा रही है। स्थानीय लोगों ने भी इन गतिविधियों के खिलाफ आवाज उठाई है। - सरकार से वार्ता का ऐलान:
विधायक ने कहा कि वह उत्तराखंड सरकार के साथ इस मुद्दे पर जल्द बातचीत करेंगी और धार्मिक स्थलों की गरिमा बचाने के लिए कड़े निर्णय की उम्मीद जताई।
हिंदू संगठनों का समर्थन:
- गौ रक्षा विभाग ने इस मांग का स्वागत करते हुए कहा कि गैर-हिंदुओं का धामों में प्रवेश श्रद्धालुओं की भावनाओं को आहत करता है। राष्ट्रीय महामंत्री थानापति मणिमहेश गिरी ने यात्रा मार्गों से मांस-मदिरा की दुकानें हटाने की मांग की।
- भैरव सेना और अन्य संगठनों ने भी केदारघाटी में गैर-हिंदुओं पर प्रतिबंध की वकालत की है।
प्रतिक्रियाएँ और आगे की कार्रवाई:
जिले के प्रभारी मंत्री सौरभ बहुगुणा ने हाल ही में यात्रा व्यवस्था को लेकर स्थानीय निवासियों के साथ बैठक की थी, जहाँ इन मुद्दों पर चर्चा हुई। विधायक ने चेतावनी दी कि “पवित्रता भंग करने वालों को किसी कीमत पर नहीं बख्शा जाएगा।
नोट: यह खबर स्थानीय सूत्रों और विधायक के आधिकारिक बयान पर आधारित है। सरकार द्वारा इस मांग पर कोई औपचारिक प्रतिक्रिया अभी सामने नहीं आई है।