बिजली गुल..इन्वर्टर डाउन…मोमबत्ती के सहारे नर्स ने कराए 5 प्रसव, 4 बालिका, एक बालक का हुआ जन्म, सभी सुरक्षित

मोमबत्ती के सहारे एक स्टाफ नर्स ने 5 प्रसव करा दिए, क्योंकि प्रसव केंद्र पर रोशनी की कोई पर्याप्त व्यवस्था नहीं थी। लेकिन स्टाफ नर्स की सूझबूझ काम कर गई। पांचों प्रसव सकुशल संपन्न हुए।


बदायूं में कभी टॉर्च की रोशनी के सहारे इलाज, कभी जिला अस्पताल में डॉक्टर का एप्रेन पहनकर डॉक्टर का चालक ही करने लगता है इलाज, तो कभी सीएमओ की सरकारी गाड़ी लेकर चालक चला जाता है लखनऊ, ऐसे तमाम मामले सामने आए हैं। अब ताज़ा मामला मोमबत्ती के सहारे प्रसव कराने का आया है… ज़ी हां…

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ये मामला जनपद बदायूं के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र उसैहत का है। जहां प्रसव केंद्र पर मोमबत्ती जलाकर स्टाफ नर्स इंद्रापाल ने 5 गर्भवती महिलाओ का सकुशल प्रसव संपन्न कराया। पांच प्रसूताओं में से चार ने कन्याओ को जन्म दिया है तो एक ने लड़के को जन्म दिया। सभी जच्चा बच्चा सकुशल हैं। जिन्हे घर भेज दिया गया है।

दरअसल, बीती देर रात पीएचसी उसहैत के प्रसव केंद्र पर गांव विरियाडांडा निवासी रोहित श्रीवास्तव की पत्नी शीतल को प्रसव केंद्र पर लेकर गए। जहां उन्होंने बताया कि काफी अंधेरा था। स्टाफ नर्स मोमबत्ती के सहारे इलाज और प्रसव कर रहीं थीं। हालांकि उनका कार्य सराहनीय है।

मोमबत्ती की लाइट में पांच गर्भवती महिलाओं का प्रसव  

वहीं घस नगला, ललोमई, असमयारफतपुर के गांव की गर्भवती महिलाएं भी प्रसव केंद्र पर एक साथ आ गई। भीषण गर्मी थी इसी दौरान बिजली भी गुल हो गई। इनवर्टर डाउन था।  प्रसव कक्ष में बिजली गुल होने से अंधेरा छाया रहा। रातभर बिजली नही आई। स्टाफ नर्स के अलावा नगर के लोगो ने फोन किये परंतु कोई विद्युत कर्मचारी नहीं आया।

परिजनो ने की स्टाफ नर्स की सराहना 

स्टाफ नर्स इंद्रा ने बताया जिंदगी और मौत से जूझ रही पांचों गर्भवती महिलाओ का प्रसव मोमबत्ती जलाकर करना पड़ा। स्टाफ नर्स इंद्रापाल द्बारा मोमबत्ती जलाकर कडी मशक्कत से पांचों महिलाओ का सकुशल प्रसव किया गया। परिजनो ने स्टाफ नर्स इंद्रा की सराहना की है।

ग्रामीणों ने लगाए जिम्मेदारो पर आरोप 

वहीं नगर के लोगों का आरोप है कि ब्लाक उसावा सीएचसी पर बैठे जिम्मेदारो का इस पीएचसी पर कोई ध्यान नही है।प्रसव के दौरान महिलाओ के लिये कोई परेशानी न इसलिए सरकार बहुत कुछ कर रही है, लेकिन यहां कुछ नहीं मिलता है। वहीं ग्रामीणों का आरोप है कि पीएचसी पर कोई डॉक्टर नहीं रहता है सिर्फ स्टाफ नर्स ही प्रसव करती हैं।

उधर इस मामले में चिकत्सा अधीक्षक डॉ राहुल सिद्धार्थ का कहना है कि मामला संज्ञान में आया है। लाइट की व्यवस्था नहीं थी। जनरेटर वहां पर नहीं है । प्रसूता का इमरजेंसी केस था इसलिए ऐसा करना पड़ा आगे हिदायत दी गई है।