होली का त्योहार आपसी भाई चारे के त्यौहार है । होली के त्योहार पर हर कोई आपसी मन भेद भुलाकर एक दूसरे को रंग लगाकर बधाई देते है ।
रंगों का यह पर्व हर साल फाल्गुन मास में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। होली का त्योहार होलिका दहन के साथ ही शुरू होता है, फिर इसके अगले दिन रंग-गुलाल के साथ होली खेली जाती है। लेकिन कर्णप्रयाग में महिलाएं होली के रंग में सराबोर होकर होली मनाने लगी है । कर्णप्रयाग के अप्पर बाजार में आयोजित होली मिलन कार्यक्रम में महिलाओं ने होली के गीत गाये और एक दूसरे को गुलाल लगाकर होली की शुभकामनाएं दी ।
उत्तराखंड के पहाड़ी अंचलो में होली का अपना एक अलग ही महत्व है । यहां होली शुरू होने से पहले ही लोग होली के रंग में रंगने लग गए है। बात करें चमोली जिले के कर्णप्रयाग की तो यहा साल 1980 से अप्पर बाजार में महिलाएं बैठकी होली का आयोजन करती आ रही है ।
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होली पर्व से पहले ही महिलाएं होली के गीत गाकर होली मनाते आ रही है । महिलाओ का कहना है कि होली रंगों का त्योहार है आपसी मन मुटाव को भुलाकर हम एक दूसरे को रंग लगाकर होली की शुभकामनाएं दे कर होली मना रहे है ।