Income Tax Budget 2025: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक बड़े कर सुधार को अमलीजामा पहनाने के लिए अगले सप्ताह नया टैक्स बिल पेश करने की घोषणा की है। इस बिल की चर्चा काफी समय से चल रही थी और कानून मंत्रालय इसका मसौदा तैयार कर रहा था। प्राप्त जानकारी के अनुसार, यह नया टैक्स बिल पुराने कानून में संशोधन नहीं बल्कि पूरी तरह से एक नया ड्राफ्ट होगा, जो आम लोगों की समस्याओं को हल करने पर केंद्रित रहेगा।
64 साल पुराने इनकम टैक्स कानून का अंत
लोकसभा में इस बिल के पारित होने के बाद 64 साल पुराने वर्तमान इनकम टैक्स कानून का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा। वर्तमान इनकम टैक्स एक्ट 1961 में लागू किया गया था, जिसमें समय-समय पर आवश्यक संशोधन होते रहे हैं। हालांकि, इसका मूल ढांचा अब तक बरकरार था। इससे पहले भारत सरकार आपराधिक कानूनों को पूरी तरह बदलकर और उन्हें भारतीय नाम देकर एक बड़ा कदम उठा चुकी है।
क्या होगा नए कानून का नाम?
विशेषज्ञों का मानना है कि भारत सरकार कानूनों के भारतीयकरण की दिशा में कदम बढ़ा रही है। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि नया टैक्स बिल लागू होने के बाद इसे ‘इनकम टैक्स एक्ट’ की जगह ‘कर संहिता’ नाम दिया जा सकता है। इस बदलाव का मुख्य उद्देश्य इसे आम नागरिकों के लिए सरल और सुगम बनाना है।
आसान होगा टैक्स की गणना
नए कानून में करदाताओं के लिए इसे अधिक समझने योग्य बनाया जाएगा, ताकि उन्हें टैक्सेबल इनकम की गणना के लिए टैक्सेशन लॉयर, चार्टर्ड अकाउंटेंट या कंपनी सेक्रेटरी की जरूरत न पड़े। यह इतना सरल होगा कि सामान्य पढ़ा-लिखा व्यक्ति भी आसानी से अपना टैक्स कैलकुलेट कर सकेगा।
इसके अलावा, मौजूदा कानून में विभिन्न प्रकार के डिडक्शन और एक्सेम्प्शन (छूट) मौजूद हैं, जिन्हें सीमित किया जा सकता है। इसके तहत, केवल एक या दो प्रकार के डिडक्शन और एक्सेम्प्शन को बरकरार रखने की संभावना है, जिससे करदाताओं को अधिक पारदर्शिता और सरलता मिलेगी।
नया टैक्स सिस्टम होगा सरल और प्रभावी
विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि नया टैक्स बिल मौजूदा न्यू टैक्स रिजीम पर आधारित हो सकता है, जिसमें छूट और कटौतियों की भरमार नहीं होती। नया इनकम टैक्स कानून पुराने की तुलना में अधिक संक्षिप्त होगा और इसके प्रावधानों को कम करके इसकी पृष्ठ संख्या 60 प्रतिशत तक घटाई जा सकती है। नए कानून की भाषा सरल और स्पष्ट होगी, जिससे करदाताओं को इसे समझने में कठिनाई न हो।
‘पहले विश्वास करो, फिर जांच करो’ होगा मूलमंत्र
नए कानून के तहत, आयकर अधिकारियों को करदाताओं पर अधिक विश्वास करने की नीति अपनाने की सलाह दी जाएगी। जांच की प्रक्रिया तभी शुरू होगी जब किसी करदाता के खिलाफ ठोस सबूत उपलब्ध होंगे। यह पहल करदाताओं को अनावश्यक परेशानी से बचाने और कर अनुपालन को बढ़ावा देने के लिए की जा रही है।
निष्कर्ष:
अगर यह नया टैक्स बिल लागू होता है, तो यह भारतीय टैक्स प्रणाली में एक ऐतिहासिक बदलाव होगा। इस कानून से करदाताओं को न केवल राहत मिलेगी, बल्कि टैक्स भरने की प्रक्रिया भी सुगम और पारदर्शी हो जाएगी। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इस सुधार को किस तरह लागू करती है और करदाताओं को इससे कितना लाभ मिलता है।
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