विदेश से पैसा भेजने में भारतीय दुनिया में नंबर 1, इस साल भेजे रिकॉर्ड 125 अरब डॉलर

India Remittance: रेमिटेंस के मामले में भारत एक बार फ‍िर से टॉप पर बना हुआ है। वर्ल्ड बैंक की तरफ से जारी क‍िये गए आंकड़ों के अनुसार विदेशों में रहने वाले तीन करोड़ से ज्‍यादा भारतीयों ने इस साल 125 अरब डॉलर भारत भेजे। भारत भेजा जाने वाला यह धन अब देश के सकल घरेलू उत्पाद का 3.4 प्रतिशत है। 


India Remittance: दुनियाभर में रह रहे भारतीयों ने अपने देश रकम भेजने में फिर से झंडे गाड़े हैं। वर्ल्ड बैंक (World Bank) की तरफ से जारी क‍िये गए आंकड़ों के अनुसार विदेशों में रहने वाले तीन करोड़ से ज्‍यादा भारतीयों ने इस साल 125 अरब डॉलर भारत भेजे। इस मामले भारत दूसरे नंबर के मेक्सिको से काफी आगे है। मेक्‍स‍िको 67 अरब डॉलर के साथ दूसरे और 50 अरब डॉलर के साथ चीन तीसरे पायदान पर है। जबकि फिलीपींस 40 अरब डालर के साथ चौथे और मिस्त्र 24 अरब डालर के साथ पांचवें स्थान पर है।

रेमिटेंस के मामले में भारत पहले पायदान पर काब‍िज 

रेमिटेंस (Remittance) के मामले में भारत एक बार फ‍िर से टॉप पर बना हुआ है।  साल 2023 में भारत में विदेशों से आने वाला धन 12.3 प्रतिशत बढ़कर 125 अरब डॉलर हो गया। यह साल 2022 में 111.22 अरब डॉलर था। भारत भेजा जाने वाला यह धन अब देश के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का 3.4 प्रतिशत है।

रेमिटेंस में भारत की हिस्सदारी

मौजूदा समय में दक्षिण एशिया में भेजे जाने वाले कुल बाहरी रकम में भारत की हिस्सेदारी 66 प्रतिशत है, जो साल 2022 में 63 प्रतिशत से अधिक थी। आंकड़ों के मुताबिक, बाहर से धन स्वेदश भेजने की ग्रोथ रेट लैटिन अमेरिका और कैरेबियन (8 प्रतिशत) में सबसे ज्यादा है, इसके बाद दक्षिण एशिया (7.2 प्रतिशत) और पूर्वी एशिया और प्रशांत (3 प्रतिशत) का नंबर आता है।

इन फैक्टर से भारत में बढ़ा रेमिटेंस फ्लो

भारत में विदेशों से आने वाले धन में बढ़ोतरी के पीछे मेन फैक्टर मुद्रास्फीति में गिरावट और हाई इनकम वालें देशों में मजबूत श्रम बाजार हैं। रिपोर्ट के मुताबिक खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) से हाई फ्लो ने भी बढ़ोतरी में योगदान दिया‌। खासतौर से संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से, जो भारत के कुल रेमिटेंस का 18 प्रतिशत हिस्सा है, जो अमेरिका के बाद दूसरा सबसे बड़ा है।

2024 में प्रवासियों की आय में गिरावट का भी अंदेशा 

वर्ल्ड बैंक के अनुसार लो और मिडिल इनकम वाले देशों के लिए साल 2023 में रेमिटेंस में करीब 3.8 प्रत‍िशत की तेजी आई और यह 669 अरब डॉलर पहुंच गया। रिपोर्ट में यह भी बताया गया क‍ि अगले साल यानी 2024 में वैश्विक मुद्रास्फीति और कम विकास संभावनाओं के चलते प्रवासियों की आमदनी में गिरावट की आशंका है।

क्‍या हैं रेमिटेंस? (Remittance)

रेमिटेंस (Remittance) से तात्‍पर्य उस पैसे से है, जो किसी दूसरे देश में रहकर क‍िसी व्यक्ति द्वारा अपने देश में भेजा जाता है, यानी एक प्रवासी अपने मूल देश को बैंक, पोस्ट ऑफिस या ऑनलाइन ट्रांसफर के माध्‍यम से पैसा भेजता है तो उसे रेमिटेंस कहते हैं। यह एक अहम आर्थिक गतिविधि है। विकासशील देशों की इकोनॉमी के ल‍िए यह फॉरेन करेंसी का अहम स्रोत होता है।

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रेमिटेंस की अपनी कुछ चुनौतियां होती हैं। रेमिटेंस भेजने की लागत अक्सर ज्‍यादा होती है। इसके अलावा, रेमिटेंस की सेफ्टी चिंता का विषय है। कई बार प्रवासी अपने परिवार को पैसा भेजने के लिए गलत तरीकों का भी चयन कर लेते हैं। ऐसे में कई बार वे धोखाधड़ी का श‍िकार हो जाते हैं।