Proba-3 Mission: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) के ‘प्रोबा-3’ मिशन को सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया है।
श्रीहरिकोटा, आंध्र प्रदेश से PSLV-C59/PROBA-3 को आज अंतरिक्ष में भेजा गया है। यह मिशन सूर्य के बाहरी वातावरण कोरोना का अध्ययन करेगा। बता दें कि PROBA-3 में पाई गई विसंगति के कारण कल मिशन लॉन्च को पुनर्निर्धारित किया गया था।
PROBA-3 मिशन की सफलतापूर्वक लॉन्चिंग
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने एक्स पर पोस्ट करके जानकारी दी कि PSLV-C59 ने अंतरिक्ष की ओर उड़ान भरकर एक नया इतिहास रच दिया है।
🌟 Liftoff Achieved!
PSLV-C59 has successfully soared into the skies, marking the commencement of a global mission led by NSIL, with ISRO’s technical expertise, to deploy ESA’s groundbreaking PROBA-3 satellites.
🌍 A proud moment celebrating the synergy of international…
— ISRO (@isro) December 5, 2024
यह मिशन NSIL के नेतृत्व में और ISRO की अग्रणी तकनीक के सहयोग से ESA के अत्याधुनिक PROBA-3 उपग्रहों को अंतरिक्ष में स्थापित करने का एक महत्वपूर्ण कदम है। यह अंतर्राष्ट्रीय सहयोग का एक उत्कृष्ट उदाहरण है और भारत की बढ़ती अंतरिक्ष क्षमताओं को प्रदर्शित करता है
ये मिशन क्यों खास है?
इसरो का ये कमर्शियल लॉन्च है। ये अंतरिक्ष में जाकर आर्टिफिशियल सोलर सिस्टम बनाएगा। इसमें दो सैटेलाइट्स हैं, Coronagraph (310 किलोग्राम) और Occulter (240 किलोग्राम)। ये दोनों सैटेलाइट एक-दूसरे से 150 मीटर की दूरी पर रहकर पृथ्वी की कक्षा में चक्कर लगाएंगे और सूर्य के बाहरी वातावरण कोरोना पर स्टडी करेंगे। वहीं मिशन का एक मुख्य उद्देश्य सटीक फॉर्मेशन फ्लाइंग का प्रदर्शन करना भी है। दोनों उपग्रहों को एक साथ, एक के ऊपर एक, निर्धारित कक्षा में स्थापित किया गया है। इस तकनीक का सफलतापूर्वक प्रदर्शन भविष्य के अंतरिक्ष मिशनों के लिए नए रास्ते खोलेगा।
यूरोपीय स्पेस एजेंसी ने कहा, ‘कोरोना सूर्य के मुकाबले ज्यादा गर्म है और यहीं से स्पेस के वातावरण की शुरुआत होती है। यह वैज्ञानिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण विषय है।’