J&kTerror Attack: पहलगाम हमला और अमेरिकी नेताओं के दौरे: जानें कश्मीर में चरमपंथी हिंसा का इतिहास

J&kTerror Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए चरमपंथी हमले ने एक बार फिर कश्मीर मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय सुर्खियों में ला दिया। यह हमला तब हुआ जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सऊदी अरब के दो दिवसीय दौरे पर जेद्दा पहुंचे थे और अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस भारत के दौरे पर थे। इस हमले में 26 लोगों की जान गई है, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे।

सऊदी अरब का दौरा बीच में छोड़कर वापस लौटे पीएम मोदी 

मंगलवार शाम को हमले की खबर के बाद पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इसकी कड़ी निंदा की और जिम्मेदारों को सजा देने की बात दोहराई। रात 11 बजे खबर आई कि पीएम मोदी सऊदी अरब का दौरा बीच में छोड़कर स्वदेश लौट रहे हैं। उन्होंने सऊदी अरब के आधिकारिक डिनर में शामिल होने के बजाय दिल्ली वापसी का फैसला किया। सुबह होते ही वह भारत पहुंच गए।

सऊदी अरब में भारत के राजदूत सुहैल एजाज खान ने बताया कि क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने हमले की निंदा की और भारत को हर संभव मदद की पेशकश की। भारत और सऊदी अरब ने संयुक्त बयान जारी कर हमले को भयावह आतंकवादी कृत्य करार दिया और आतंकवाद को किसी धर्म या संस्कृति से जोड़ने को खारिज किया। छोटे दौरे के बावजूद, दोनों देशों के बीच स्पेस, हेल्थ और इंडिया-मिडल ईस्ट-यूरोप इकनॉमिक कॉरिडोर पर चार अहम समझौते हुए।

अमेरिकी नेताओं के भारत दौरे के समय पहले भी हुआ था हमला

यह पहली बार नहीं है जब अमेरिकी नेताओं के भारत दौरे के समय कश्मीर में चरमपंथी हमला हुआ। 20 मार्च 2000 को, तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन के दौरे से एक दिन पहले, अनंतनाग के छत्तीसिंहपोरा में 36 सिख ग्रामीणों की हत्या कर दी गई थी। हमलावर कथित तौर पर पाकिस्तान से थे। तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने इसके लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया था।

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दो साल बाद, 14 मई 2002 को, अमेरिकी सहायक विदेश मंत्री क्रिस्टिना रोका के दौरे के दौरान कालूचक में चरमपंथियों ने यात्रियों की बस और आर्मी फैमिली क्वार्टरों पर हमला किया, जिसमें 23 लोग मारे गए, जिनमें 10 बच्चे शामिल थे।

क्या कहते हैं विश्लेषक ?

जानकारों का मानना है कि इन हमलों की टाइमिंग संयोग नहीं है। ब्रिटिश पत्रिका द इकोनॉमिस्ट की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय सेना के पूर्व अधिकारियों का कहना है कि हमलावर कश्मीर मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंच पर लाने और पर्यटन उद्योग को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करते हैं। द हिंदू के संपादक स्टैनली जॉनी ने एक्स पर लिखा कि यह हमला तब हुआ जब पाकिस्तान के सेना प्रमुख ने कश्मीर को लेकर भड़काऊ बयान दिया था। उनका कहना है कि हमलावरों का मकसद कश्मीर को वैश्विक ध्यान में रखना और स्थानीय अर्थव्यवस्था को चोट पहुंचाना था।

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 अमेरिकी नेताओं के भारत दौरे के दौरान कश्मीर में चरमपंथी हमलों का उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान खींचना है