Terrorist Attack in Pahalgam: J&k के पहलगाम में सैलानियों पर आतंकी हमला, 26 की मौत, पीएम बोले- किसी को बख्शा नहीं जाएगा

Terrorist Attack in Pahalgam: आतंकियों ने पहलगाम की बैसरन घाटी में घुड़सवारी कर रहे पर्यटकों के समूह को निशाना बनाया है। बता दें कि यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस भारत में मौजूद हैं। जबकि, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी विदेश दौरे पर हैं। 


Jammu Kashmir Terror Attack: दक्षिण कश्मीर के प्रमुख पर्यटक स्थल पहलगाम में मंगलवार को आतंकियों ने पर्यटकों पर हमला कर दिया। दो से तीन आतंकियों ने सेना और पुलिस की वर्दी में पर्यटकों पर अंधाधुंध फायरिंग की। इस आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हो गई है।

मरने वालों में एक इटली और एक इजराइल का पर्यटक है, जबकि दो स्थानीय नागरिक शामिल हैं। बाकी पर्यटक गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु और ओडिशा के हैं।जबकि 20 से ज्यादा घायल हो गए। घायलों का अस्पताल में इलाज चल रहा है।

एक्शन मोड में आए अमित शाह

इस घटना के बाद केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह एक्शन मोड में आ गए हैं। वह हालात का जायजा लेने के लिए श्रीनगर पहुंच चुके हैं। वहीं दूसरी तरफ सेना ने पहलगाम में सर्च ऑपरेशन तेज कर दिया है। इस हमले के बाद देश की राजधानी दिल्ली और मुंबई में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हैं और भीड़भाड़ वाली जगहों पर सख्त निगरानी रखी जा रही है।

बता दें कि यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब संयुक्त राष्ट्र अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस भारत में मौजूद हैं। जबकि, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी विदेश दौरे पर हैं। हालांकि आतंकवादी हमले को देखते पीएम मोदी ने अपनी यात्रा को समय से पहले समाप्त करने का फैसला किया है। पीएम मोदी सऊदी अरब से आज ही रात लौट रहे हैं।

पीएम बोले- किसी को बख्शा नहीं जाएगा

पीएम मोदी ने घटना के बाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से फोन पर बात की और उन्हें घटना की गंभीरता के मद्देनज़र तुरंत कार्रवाई करने को कहा। पीएम मोदी ने कहा, “इस जघन्य कृत्य के पीछे जो लोग हैं, उन्हें न्याय के कटघरे में लाया जाएगा…उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। उनका नापाक एजेंडा कभी सफल नहीं होगा.”

हिंदू नाम सुनते ही गोलियां चलाईं

आतंकियों ने पहलगाम की बैसरन घाटी में घुड़सवारी कर रहे पर्यटकों के समूह को निशाना बनाया है। हमले में घायल लोगों ने बताया कि मैगी खा रहे पर्यटकों पर आतंकियों के एक समूह ने अंधाधुंध फायरिंग की। आतंकियों ने पर्यटकों से नाम पूछकर अपनी क्रूरता दिखाई। चश्मदीदों ने बताया कि आतंकियों ने पहले नाम पूछे और हिंदू पहचान मिलते ही गोलियां चलां दी। वारदात को अंजाम देने के बाद सभी आतंकी फरार हो गए।

जम्मू-कश्मीर घूमने आने वाले पर्यटक श्रीनगर के साथ पहलगाम भी जरूर जाते हैं। यहां की बेताब घाटी काफी मशहूर है। पर्यटकों पर हमला बैसरन में हुआ। यह बेताब घाटी से 10 किलोमीटर दूर है। इस स्थान को लंबे हरे-भरे घास के मैदानों के कारण मिनी स्विट्जरलैंड कहा जाता है। यहां घोड़ा या पैदल रास्ते से ही पहुंचा जा सकता है। फायरिंग की घटना ऐसे समय में हुई है जब पर्यटक सीजन शुरू हो चुका है और घाटी में अच्छी खासी भीड़ रहती है।

सैन्य वर्दी में थे आतंकी

पर्यटकों को निशाना बनाने वाले 2 से 3 आतंकी सैन्य वर्दी में थे। इस वजह से स्थानीय लोगों के साथ पर्यटक भी अंदाजा नहीं लगा पाए कि वे आतंकी हैं। फिलहाल सुरक्षाबलों ने पूरे क्षेत्र को घेरकर तलाशी अभियान तेज कर दिया है और आतंकियों की तलाश जारी है। पूरे इलाके में 15 मुख्य पाइंट से घेराबंदी की गई है। आतंकवादियों की तलाश में खोजी कुत्ते, ड्रोन और हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल किया जा रहा है।

अमेरिकी उपराष्ट्रपति ने जताया शोक

वहीं अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने भी इस हमले की निंदा की है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि उषा और मैं भारत के पहलगाम में हुए दर्दनाक आतंकवादी हमले के पीड़ितों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हैं। पिछले कुछ दिनों में, हम इस देश और इसके लोगों की खूबसूरती से अभिभूत हैं। इस भयावह हमले पर शोक जताते हुए हमारी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं उनके साथ हैं।

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बता दें कि पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन के 20 मार्च 2000 को भारत दौरे के दौरान लश्कर ए तैयबा के आतंकी मुजम्मिल ने अपने साथियों संग मिलकर छत्तीसिंहपोरा में 35 सिखों का नरसंहार किया था। अमेरिका से ही कुछ समय पहले लश्कर आतंकी तहुव्वर राणा को भारत लाया गया है।

आतंकी संगठन TRF ने ली हमले की जिम्मेदारी

इस हमले को अंजाम देने की जिम्मेदारी द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) नामक आतंकी संगठन ने ली है। यह आतंकी संगठन पहले भी दूसरे राज्यों के लोगों पर हमला कर चुका है।

जम्मू-कश्मीर में सक्रिय इस आतंकी संगठन को खड़ा करने के पीछे भी पाकिस्तान का ही हाथ है। TRF पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT) की शाखा के रूप में पैदा हुआ है। आर्टिकल 370 को निरस्त किए जाने और जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा रद्द करने के बाद TRF की शुरुआत लश्‍कर की ऑनलाइन यूनिट के रूप में हुई थी। कराची पुलिस के अनुसार, करीब छह महीने में TRF ने ऑनलाइन पॉपुलैरिटी बटोरी। इस दौरान, TRF लश्कर के अलावा तहरीक-ए-मिल्लत इस्लामिया और गजनवी हिंद सहित विभिन्न संगठनों का मिश्रण बनता गया ।

श्रीनगर में निकाला गया कैंडल मार्च

पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले के खिलाफ श्रीनगर में स्थानीय लोगों ने मोमबत्ती जलाकर विरोध प्रदर्शन किया। मक्का मार्केट के महासचिव फैयाज अहमद भट्ट ने कहा कि हम मानवता के खिलाफ इस हमले की निंदा करते हैं।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी हमले की कड़ी निंदा

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले ने न केवल भारत को दहला दिया है, बल्कि पूरी दुनिया में आक्रोश फैला दिया है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इसकी कड़ी निंदा हो रही है। अमेरिका, इजराइल, रूस और सिंगापुर जैसे देशों ने भारत के साथ एकजुटता दिखाई है।