Bharat Ratna: लालकृष्ण आडवाणी को मिलेगा भारत रत्न, जानें उनके बारे में सबकुछ

Lal Krishna Advani to be conferred Bharat Ratna award: पीएम ने कहा कि मुझे यह बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा। मैंने भी उनसे बात की और इस सम्मान से सम्मानित होने पर उन्हें बधाई दी। 


केंद्र की मोदी सरकार ने आज एक बड़ा एलान किया है। सरकार ने भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न देने का एलान किया है। इस बात की जानकारी खुद पीएम मोदी ने दी है।

पीएम मोदी ने एक्स पर लिखा, ‘मुझे यह बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि श्री लालकृष्ण आडवाणी जी को भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा। मैंने भी उनसे बात की और इस सम्मान से सम्मानित होने पर उन्हें बधाई दी। हमारे समय के सबसे सम्मानित राजनेताओं में से एक, भारत के विकास में उनका योगदान अविस्मरणीय है। उनका जीवन जमीनी स्तर पर काम करने से शुरू होकर हमारे उपप्रधानमंत्री के रूप में देश की सेवा करने तक का है। उन्होंने हमारे गृह मंत्री और सूचना एवं प्रसारण मंत्री के रूप में भी अपनी पहचान बनाई। उनके संसदीय हस्तक्षेप हमेशा अनुकरणीय और समृद्ध अंतर्दृष्टि से भरे रहे हैं।’

कौन हैं एलके आडवाणी

लालकृष्ण आडवाणी का जन्म पाकिस्तान के सिंध प्रांत में हुआ था। उनकी शुरुआती पढ़ाई कराची में हुई। ऐसा दावा किया जाता है कि पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के साथ सेंट पैट्रिक हाईस्कूल में पढ़ाई की है। उसके बाद उन्होंने सिंध कॉलेज से पढ़ाई की। बाद में उनका परिवार मुंबई आ गया। लालकृष्ण आडवाणी जब 14 साल के थे तब वो संघ से जुड़ गए। 1951 में वो जनसंघ से जुड़े। उसके बाद 1977 में जनता पार्टी का साथ निभाया। 1980 में बीजेपी का उदय हुआ। इसके साथ ही भारत की राजनीति में अटल आडवाणी युग की शुरुआत हुई। अटल आडवाणी की जोड़ी ने देश की राजनीति की दिशा बदल दी।

कब-किस पद पर रहे आडवाणी

लाल कृष्ण आडवाणी अपने सियासी सफर में कई अहम पदों पर रहे। 1977 में सूचना प्रसारण मंत्री बने तो साल 2002 में उप-प्रधानमंत्री। 2009 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी की हार उनके लिए बड़ा झटका साबित हुई। उसके बाद बीजेपी में नई पीढ़ी के आगमन के लिए उन्होंने रास्ता छोड़ दिया। इसके बाद उनकी राजनीतिक सक्रियता कम हो गई। कहा जाता है कि भाजपा आज जिस मजबूत स्थिति में है, उसकी नींव रखने वालों में आडवाणी का नाम अटल बिहारी वाजपेयी के साथ लिया जाता है।

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राममंदिर आंदोलन से बदली देश की सियासत

ऐसा कहा जाता है कि राममंदिर आंदोलन से लालकृष्ण आडवामी ने देश की सियासत बदल दी थी। भाजपा के दिग्गज नेता आडवाणी ने 1990 में राममंदिर आंदोलन की शुरुआत की थी। उन्होंने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की मांग को लेकर सोमनाथ से अयोध्या तक रथयात्रा की थी। उनकी रथयात्रा ने देश की राजनीति बदलकर रख दी थी। 1992 के अयोध्या राममंदिर आंदोलन उनके नेतृत्व में हुई।