NANDA RAJJAT YATRA 2026: लोक उत्सव के रूप में मनाई जाएगी नंदा राजजात यात्रा, तैयार होगी एसओपी, सीएम धामी ने परखी यात्रा की तैयारियां

NANDA RAJJAT YATRA 2026: अगले साल भाद्र पक्ष की नंदाष्टमी से नंदा राजजात यात्रा शुरू होगी। यह लगभग 20 दिन की 280 किलोमीटर की यात्रा होती है। जिसमें 20 किलोमीटर पैदल यात्रा है। सरकार ने नंदा राजजात यात्रा को लोक उत्सव के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। 


मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को सचिवालय में नन्दा राजजात की तैयारियों को लेकर बैठक ली। इस दौरान मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि 2026 में प्रस्तावित नंदा राजजात को लोक उत्सव के रूप में मनाया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थानीय लोगों की यात्रा में अधिकतम सहभागिता हो और सरकार सहयोगी की भूमिका में रहे।

सीएम धामी ने नंदा राजजात यात्रा की तैयारी बैठक ली

बैठक के दौरान अधिकारियों को यात्रा मार्ग की मरम्मत, स्वच्छता, शौचालय, सुरक्षा व स्वास्थ्य सुविधाओं समेत पेयजल, भोजन और विश्राम स्थलों की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिए हैँ । इसके साथ ही अधिकारियों को संवेदनशील क्षेत्रों में अतिरिक्त फोर्स की तैनाती करने, यात्रा मार्ग को प्लास्टिक मुक्त घोषित कर प्रदेश की सांस्कृतिक झलकियों से संजोने, बेहतर इंटरनेट कनेक्टिविटी, मौसम की रीयल टाइम जानकारी, जिन पड़ावों से होकर यात्रा गुज़रे उन सभी स्थानों का सौंदर्यीकरण, ड्रोन निगरानी, अस्थायी हेलीपैड और आपदा प्रबंधन टीमों की तैनाती के संबंध में निर्देशित किया।

हमारी सरकार भव्य, सुरक्षित यात्रा संचालन के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध- सीएम 

मुख्यमंत्री धामी ने प्रवासी उत्तराखंडी भाई-बहनों और ट्रैकर्स को भी यात्रा से जोड़ने, विशेष टूर पैकेज तैयार कर व्यापक प्रचार-प्रसार करने के भी अधिकारियों को निर्देश दिए जिससे अधिक संख्या में श्रद्धालु इस आस्था यात्रा का हिस्सा बन सकें।  उन्होंने कहा कि नंदा देवी राजजात यात्रा केवल एक धार्मिक यात्रा नहीं, बल्कि हमारी आस्था, सांस्कृतिक गौरव और जनमानस की श्रद्धा का दिव्य संगम है। हमारी सरकार इस ऐतिहासिक और आध्यात्मिक यात्रा की भव्यता, सुरक्षा और सुचारु संचालन के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।

नन्दा देवी राजजात से संबंधित अभिलेखों को संरक्षित किया जाए 

बैठक में मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए कि नन्दा देवी राजजात से संबंधित अभिलेखों को संरक्षित किया जाए। इसके साथ ही यात्रा के अभिलेखों को लिखने एवं उनका संरक्षण गढ़वाल एवं कुमाऊं विश्वविद्यालय की मदद से किया जाए।

विश्व में भारतीय दूतावासों के माध्यम से पहुंचाया जाएगा नन्दा देवी राजजात 

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह यात्रा उत्तराखण्ड की धरोहर है। उन्होंने अधिकारियों को नन्दा देवी राजजात का देश विदेश में व्यापक प्रचार प्रसार करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय दूतावासों के माध्यम से भी संपूर्ण विश्व में नन्दा देवी राजजात को पहुंचाया जाएगा, साथ ही उन्हें इस यात्रा से जुड़ने के लिए प्रेरित किया जाए। इस यात्रा के माध्यम से विदेशों से भी उत्तराखण्ड को जोड़ते हुए इसे ऐतिहासिक रूप देना है।

संस्कृति विभाग को भी खास निर्देश

उन्होंने कहा कि राजजात में उत्तराखण्ड की संस्कृति, परम्परा, वेशभूषा, वाद्य यंत्रों की छाप दिखनी चाहिए। इसके लिए उन्होंने संस्कृति विभाग को कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विभाग लोक कलाकारों के लिए इस प्रकार की व्यवस्था बनाए, जिससे उनको लगातार भुगतान हो।

यात्रा मार्ग में बेहतर भीड़ प्रबंधन पर्यावरण संरक्षण और आपदा प्रबंधन के लिए बनाई जाए एसओपी 

मुख्यमंत्री ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों को यात्रा से जुड़े हितधारकों के साथ बैठक कर उनके सुझाव को भी कार्ययोजना में शामिल करने की बात कही। जिससे बेहतर तरीके से यात्रा का संचालन हो। उन्होंने कहा कि यात्रा का मार्ग उच्च हिमालयी क्षेत्र और संवेदनशील है। यात्रा में बेहतर भीड़ प्रबंधन, पर्यावरण की दृष्टि से आपदा प्रबंधन, सिंगल यूज्ड प्लास्टिक पर प्रतिबंध के लिए एसओपी बनाई जाए। यात्रा मार्ग के साथ ही वैकल्पिक मार्गो का चिन्हीकरण और सुधार, आबादी वाले गांव में छोटी छोटी पार्किंग, पेयजल, शौचालय, इको टेंट कॉलोनी, गाड़-गदेरों का सौंदर्यीकरण, विद्युत आदि की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।

आपदा विभाग को भी सीएम ने दिए निर्देश 

मुख्यमंत्री ने कहा कि यात्रा मार्ग में बेहतर नेटवर्क की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने यात्रा मार्ग में अस्थाई और स्थाई कार्यों को चिन्हित करते हुए स्थाई संरचनाओं की एक माह के भीतर शासकीय स्वीकृति प्रदान कराते हुए कार्य शुरू कराने के भी निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने आपदा विभाग को भी भूस्खलन वाले क्षेत्रों के चिन्हीकरण के साथ ही आवश्यकतानुसार मार्ग में पर्याप्त संख्या में जेसीबी, पोकलैंड के साथ ही ऑपरेटर तैनात रखने के निर्देश दिए।

2026 में भाद्र पक्ष की नंदाष्टमी से शुरू होगी यात्रा 

बैठक में पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि 2026 में भाद्र पक्ष की नंदाष्टमी से यात्रा शुरू होगी। यह लगभग 20 दिन की 280 किलोमीटर की यात्रा होती है। जिसमें 20 किलोमीटर पैदल यात्रा है। यह मां नंदा की मायके से ससुराल की यात्रा है, जो नौटी के पास स्थित कांसुवा से होमकुंड तक की है।

ये भी पढ़ें 👉:Ramman: बेहद रोचक है उत्तराखंड का प्रसिद्ध रम्माण उत्सव: जानें कैसे मिली इसको विश्व धरोहर सूची में पहचान?

बैठक में विधायक अनिल नौटियाल, भूपाल राम टम्टा, उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण विकास परिषद विश्वास डाबर, मुख्य सचिव आनंद बर्धन, प्रमुख सचिव आर.के सुधांश, सचिव नितेश झा,  राधिका झा, शैलेश बगौली, पंकज पांडेय,  सचिन कुर्वे, आयुक्त गढ़वाल विनय शंकर पांडे एवं विनोद कुमार सुमन सहित अन्य सचिव मौजूद रहे।