पाक की नापाक साजिश, शिक्षकों के फर्जी अकाउंट से कर रहा सेना को बदनाम 

भारत से बार-बार मार पड़ने के बाद भी पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा और वो भारत में अशांति फैलाने के लिए लगातार साजिश रच रहा है। ताजा मामले में एक बार फिर पाक के नापाक मंसूबे सामने आए हैं। वह अब शिक्षकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट बनाकर सशस्त्र बलों को बदनाम कर रहा है।


Nefarious conspiracy of Pakistan, defaming the army through fake accounts of teachers

दरअसल, सोशल मीडिया पर फर्जी अकाउंट बनाकर सेना को बदनाम करने का मामला सामने आया है। मामले में राजस्थान स्थित कोटा जिले के केमेस्ट्री शिक्षक और माइनॉरिटी राइट्स एक्टिविस्ट के नाम से कुछ ऐसे फर्जी पोस्ट पकड़े गए हैं, जिनका इस्तेमाल सेना व वायुसेना को बदनाम करने के लिए किया गया।

सैन्य बलों की छवि खराब करने का प्रयास

यह अकाउंट कराची से ऑपरेट किए जा रहे हैं। इनके जरिये सेना व वायुसेना से जुड़ी फर्जी खबर को प्रसारित कर इन सैन्य बलों की छवि खराब करने का प्रयास किया जा रहा है। इसके साथ-साथ पाक खालिस्तानी एजेंडे को भी हवा देते हुए भारतीय सेना के जवानों को भड़काने की नापाक कोशिश कर रहा है।

सेना और वायुसेना सतर्क

जब इन फर्जी वायरल पोस्टों की जांच की गई तो मालूम चला कि इन्हें जिन सोशल मीडिया अकाउंट के जरिये वायरल किया जा रहा है, वे पाकिस्तान के कराची से ऑपरेट हो रहे हैं। इसी लेकर सेना और वायुसेना पूरी सतर्क हैं।

फर्जी अकाउंट से फर्जी पोस्ट,जांच में खुलासा 

सेना सूत्रों के अनुसार, शिक्षक के नाम से ट्रेस किए गए एक फर्जी अकाउंट के जरिये ये पोस्ट की गई थी कि कनाडा में खालिस्तानी नेता हरदीप सिंह निज्जर की मौत के बाद अमृतसर में स्थित रॉ के कार्यालय के बाहर बड़ी संख्या में लोगों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया है। इस पोस्ट के साथ करीब सवा मिनट की वीडियो भी अपलोड की गई, मगर जब इसकी जांच हुई तो यह फर्जी पाया गया।

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जांच में यह भी सामने आया कि शिक्षक के नाम से चलाए जा रहे इसी अकाउंट को पहले इमरान बाजवा के नाम से ऑपरेट किया जा रहा था और इसके जरिये भारत के खिलाफ दुष्प्रचार जारी था। इसी तरह एक सामाजिक कार्यकर्ता के नाम से फर्जी अकाउंट बनाया गया और इसके जरिये सेना व वायुसेना में तैनात सिख जवानों को भड़काने का प्रयास किया गया।

इस तरह किया जा रहा दुष्प्रचार

फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट से वायरल किए गए संदेशों के जरिये ये प्रचार किया जा रहा है कि भारतीय सेना सिख सैनिकों को घर जाने के लिए छुट्टी नहीं दे रही है। उनके छुट्टी के आवेदनों को नामंजूर किया जा रहा है। इसी तरह यह प्रचार करने की कोशिश की गई कि वायुसेना के सिख पॉयलट अपनी ड्यूटी करने से इनकार कर रहे हैं, क्योंकि वरिष्ठ हिंदू अफसर उनके साथ दुर्व्यवहार कर रहे हैं।

राष्ट्रपति भवन के सुरक्षा बलों को लेकर भी कर चुका झूठा प्रचार

इसी तरह का एक दुष्प्रचार पाकिस्तान ने पिछले दिनों राष्ट्रपति भवन के सुरक्षा बलों के संदर्भ में किया, जिसमें यह झूठा प्रचार किया गया कि राष्ट्रपति भवन में तैनात सिक्योरिटी में से सिख जवानों को हटाया जा रहा है, मगर जांच में यह भी फर्जी पाया गया।

झूठी अफवाहों के जरिये फैलाई जा रही नफरत 

इस तरह के वायरल संदेशों के बाद सेना और वायुसेना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि सोशल मीडिया पर शत्रु एजेंटों द्वारा भारतीय सेना व वायुसेना के जवानों के बारे में फर्जी संदेश फैलाए जा रहे हैं। झूठी अफवाहों के जरिये नफरत फैलाई जा रही है। इसलिए ऐसे संदेशों से सजग रहने की जरूरत है।

यह साइकोलॉजिकल वारफेयर का हिस्सा

इस बारे में रक्षा विशेषज्ञ मेजर जनरल सी. प्रकाश (सेवानिवृत्त) बताते हैं कि इस तरह का प्रोपेगेंडा साइकोलॉजिकल वारफेयर का हिस्सा है, जो कि पाकिस्तान इन दिनों जमकर कर रहा है। सोशल मीडिया के जरिये ऐसा करना और भी आसान है। इसलिए भारतीय सेना व वायुसेना को इससे न केवल सतर्क रहने बल्कि इसका विभिन्न प्लेटफार्म पर काउंटर करने की भी जरूरत है।

जवानों के साथ-साथ आम लोग भी रहें सतर्क 

बताया की, कमांडिंग अफसरों को अपनी-अपनी यूनिटों में तैनात जवानों को इस तरह के दुष्प्रचार के बारे में जानकारी देते हुए उन्हें सतर्क रहने के लिए कहना होगा। दुश्मन देश इस तरह के साइकोलॉजिकल वारफेयर का इस्तेमाल दूसरे देश में अशांति और नफरत का माहौल पैदा करने के लिए करते हैं। इसलिए सेना के जवानों के साथ-साथ आम लोगों को भी पाक की ऐसी हरकतों से सावधान रहना होगा।