- नैक ‘सी’ ग्रेड कॉलेजों को ए ग्रेड के लिये किया जायेगा प्रोत्साहित।
- कहा, एचएनबी विश्वविद्यालय के शैक्षणिक कैलेंडर का पालन करेंगे सम्बद्ध कॉलेज
उच्च शिक्षा विभाग में स्नातक एवं स्नातकोत्तर कक्षाओं में प्रवेश को लेकर सामने आई दिक्कतों को मध्यनज़र रखते हुये समर्थ पोर्टल का संचालन अब राजकीय विश्वविद्यालय खुद करेंगे। नैक प्रत्यायन में सी ग्रेड प्राप्त महाविद्यालयों को ए ग्रेड के लिये प्रोत्साहित किया जायेगा। हेमवती नन्दन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय से सम्बद्ध महाविद्यालयों में केन्द्रीय विश्वविद्यालय का शैक्षणिक कैलेंडर लागू होगा।
विश्वविद्यालय के हाथों में होगी समर्थ पोर्टल की कमान
राज्य उच्च शिक्षा परिषद के अध्यक्ष एवं उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत की अध्यक्षता में आयोजित उच्च शिक्षा परिषद की 11वीं बैठक में कई अहम निर्णय लिये गये हैं। डा. रावत ने बताया कि प्रदेश में शोधपरक, रोजगारपरक एवं गुणवत्तापरक उच्च शिक्षा उपलब्ध कराने के दृष्टिगत राजकीय व्यावसायिक महाविद्यालय पैठाणी में आज उच्च शिक्षा को लेकर गंभीर मंथन किया गया, जिसमें राज्य की प्राथमिकताओं को लेकर कई बड़े फैसले लिये गये। उन्होंने बताया कि राजकीय विश्वविद्यालय अब समर्थ पोर्टल का संचालन खुद करेंगे ताकि महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालय परिसरों में स्नातक एवं स्नातकोत्तर कक्षाओं में प्रवेश से लेकर शैक्षणिक एवं अन्य गतिविधियां सुचारू रूप से संचालित की जा सके।
डॉ. रावत ने बताया कि हेमवती नन्दन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय से सम्बद्ध महाविद्यालयों में केन्द्रीय विश्वविद्यालय द्वारा जारी दिशा-निर्देश एवं शैक्षणिक कैलेंडर लागू होगा। ताकि वहां अध्ययनरत छात्र-छात्राएं केन्द्रीय विवि के शैक्षणिक कैलेंडर के मुताबिक अध्ययन कर सकेंगे और विश्वविद्यालय की गतिविधियों में प्रतिभाग कर सकेंगे।
ये भी पढ़ें 👉:डोईवाला शुगर मिल के पेराई सत्र का हुआ शुभारंभ
इसके अलावा बैठक में युवाओं को उच्च शिक्षा से वंचित न रखने, प्रत्येक ब्लाॉक में एक-एक डिग्री कॉलेज खोलने, महाविद्यालयों में अनिवार्य रूप से 180 दिन शैक्षणिक सत्र संचालित करने, प्राचार्यों, शिक्षकों एवं छात्र-छात्राओं की बायोमेट्रिक उपस्थिति अनिवार्य रूप से लगाने, विद्या समीक्षा केन्द्र की स्थापना करने, उच्च शिक्षा का कम्प्यूटरीकरण करने, प्राचार्यों को अभिभावकों के साथ उच्च शिक्षा के उन्न्यन को गोष्ठि करने, पुस्तकालयों में शतप्रतिशत पाठ्य पुस्तके उपलब्ध करने, महाविद्यालयों को वार्षिक पत्रिका प्रकाशित करने, प्रत्येक महाविद्यालयों में सोलर पैनल स्थापित करने, विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालयों को एक-एक गांव व प्राथमिक विद्यालय गोद लेने, टीचिंग शेयर कार्यक्रम शुरू करने, महाविद्यालयों में ओपन जिम खोलने, प्रत्येक विद्यार्थी को एनसीसी, एनएसएस, रोबर रेंजस आदि गतिविधियों में अनिवार्य रूप से शामिल होने, सभी राजकीय विश्वविद्यालयों में रोजगारपरक पाठ्यक्रम शुरू करने तथा विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में एक वर्ष के भीतर शैक्षणिक एवं शिक्षणेत्तर के सभी रिक्त पदों को भरने का निर्णय लिया गया। इसके अलावा बैठक में निदेशालय सहित प्रत्येक विश्वविद्यालय व महाविद्यालय का ऑडिट करने का भी निर्णय लिया गया है, जिसके निर्देश विभागीय मंत्री ने बैठक में ही दे दिये हैं।