पंच पूजा के दूसरे दिन भगवान आदि केदारेश्वर के कपाट बन्द होंगे। तीसरे दिन खड्ग पुस्तक पूजन, वेद ऋचाओं का वाचन बंद होगा।
रिपोर्ट सोनू उनियाल
चमोली। भू-बैकुंठ धाम श्री बदरीनाथ के कपाट बंद होने की वैदिक परम्परा “पंच पूजा” के साथ आज से शुरू। पंच पूजा के पहले दिन विध्न हरता भगवान गणेश की विशेष अभिषेक पूजा और भोग के बाद भगवान श्री गणेश के कपाट शीतकाल के लिए बन्द हुए।
18 नवम्बर को होंगे बद्रीनाथ के कपाट बंद
पंच पूजा के दूसरे दिन भगवान आदि केदारेश्वर के कपाट बन्द होंगे तथा तीसरे दिन खड्ग पुस्तक पूजन, वेद ऋचाओं का वाचन बंद होगा।चौथे दिन महा लक्ष्मी मंदिर में कढ़ाई भोग उत्सव पंच पूजा के अंतिम दिन मुख्य पुजारी रावल जी माता लक्ष्मी को श्री हरि के सानिध्य में गर्भ गृह में विराजेंगे।
18 नवम्बर को दोपहर 3 बजकर 33 मिनट पर शुभ मुहूर्त में विधि विधान से बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बन्द किये जायेंगे।
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अब तक करीब 17 लाख 94 हजार श्रद्धालुओं ने किए दर्शन
इस वर्ष 28 अप्रैल को बदरीनाथ के कपाट खुलने के बाद अब तक करीब 17 लाख 94 हजार श्रद्धालुओं ने भगवान बदरी विशाल के दर्शन किए। 13 नवंबर सोमवार को करीब 3500 दर्शनार्थियों और तीर्थयात्रियों ने दर्शन किये।
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बदरीनाथ धाम में बर्फबारी के बाद अब मौसम खुशनुमा हो चला है, तीर्थ यात्री उत्साह पूर्वक बदरी विशाल के दर्शनों के साथ प्रकृति के इस अद्भुत रूप का भी दर्शन कर रहे हैं।